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बोध कथा - Shiv Amantran | Brahma Kumaris

बोध कथा

भारत को सोने की चिड़िया बनाने वाला असली राजा कौन था ?

भारत को सोने की चिड़िया बनाने वाला असली राजा कौन था ?

July 8, 2021

काहानी है सत्य युग अर त्रेता युग के बाद जब द्वापर युग आता है तब भक्ति शुरू हो बिक्रमादीतय राजा बनते हैं। जब उनके राज्य में इतनी सुख है तो सत्य युग अर त्रेता युग में कितने जादा सुख होगा कोई जानकारी नहीं है। उहां क्या क्या चिज होगा उनके बारे में जानकारी के लिए […]

आत्मचिंतन:- आखिर में यह भी नहीं रहेगा

आत्मचिंतन:- आखिर में यह भी नहीं रहेगा

June 25, 2021

एक साधु देश में यात्रा के लिए पैदल निकला हुआ था। एक बार रात हो जाने पर वह एक गाँव में आनंद नाम के व्यक्ति के दरवाजे पर रुका। आनंद ने साधू की खूब सेवा की। दूसरे दिन आनंद ने बहुत सारे उपहार देकर साधू को विदा किया। साधू ने आनंद के लिए प्रार्थना की […]

माँ ममता का सागर नहीं..पर महासागर है

माँ ममता का सागर नहीं..पर महासागर है

June 20, 2021

एक सौदागर राजा के महल में दो गायों को लेकर आया – दोनों ही स्वस्थ, सुंदर व दिखने में लगभग एक जैसी थीं। सौदागर ने राजा से कहा “महाराज – ये गायें माँ – बेटी हैं परन्तु मुझे यह नहीं पता कि माँ कौन है व बेटी कौन – क्योंकि दोनों में खास अंतर नहीं […]

अपने जीवन को श्रेष्ठ, संपन्न, मूल्यवान एवं मंगलमय बनाएं

अपने जीवन को श्रेष्ठ, संपन्न, मूल्यवान एवं मंगलमय बनाएं

June 9, 2021

एक संत के पास बहुत सारे सेवक रहते थे । एक सेवक ने गुरुजी के आगे अरदास की – महाराज जी मेरी बहन की शादी है तो आज एक महीना रह गया है तो मैं दस दिन के लिए वहां जाऊंगा । कृपा करें ! आप भी साथ चले तो अच्छी बात है । गुरु […]

असल में मैं कौन, अब समझ आया है जब समझने का कोई लाभ नहीं

असल में मैं कौन, अब समझ आया है जब समझने का कोई लाभ नहीं

May 24, 2021

एक बार की बात है – एक आदमी को लगा कि कहीं वह मर तो नहीं गया? कारण यह था कि उसने देखा कि उसकी पत्नी उसकी छाती पर पड़ी है और अपने हाथों से अपनी छाती पीट रही है। बच्चे भी वहीं बैठे बदहवास रो रहे हैं। अड़ोसी पड़ोसी भी पास खड़े खुसरफुसर कर […]

अगर हम शांतभाव से भवसागर के उस पार वाले लोक में जाना चाहते हैं तो……

अगर हम शांतभाव से भवसागर के उस पार वाले लोक में जाना चाहते हैं तो……

May 22, 2021

एक निर्धन विद्वान व्यक्ति चलते चलते पड़ोसी राज्य में पहुँचा। संयोग से उस दिन वहाँ हस्तिपटबंधन समारोह था जिसमें एक हाथी की सूंड में माला देकर नगर में घुमाया जाता था। वह जिसके गले में माला डाल देता था उसे 5 वर्ष के लिए वहां का राजा बना दिया जाता था। वह व्यक्ति भी समारोह […]

जाकी रही भावना जैसी ……….. प्रभु मूरत देखी तिन तैसी

जाकी रही भावना जैसी ……….. प्रभु मूरत देखी तिन तैसी

May 18, 2021

एक महिला रोज मंदिर जाती थी ! एक दिन उस महिला ने पुजारी से कहा कि अब मैं मंदिर नही आया करूँगी ! इस पर पुजारी ने पूछा — क्यों ? तब महिला बोली — मैं देखती हूँ लोग मंदिर परिसर में अपने फोन से अपने व्यापार की बात करते हैं ! कुछ ने तो […]

मैंने वो चीज पा ली है जिसका कोई मोल नहीं चुका सकता

मैंने वो चीज पा ली है जिसका कोई मोल नहीं चुका सकता

April 27, 2021

महान लेखक टालस्टाय की एक कहानी है -शर्त। इस कहानी में दो मित्रों की आपस में शर्त लगती है यदि उसने एक माह एकांत में बिना किसी से मिले, बातचीत किए एक कमरे में बिता देता है तो उसे 10 लाख नकद देगा। इस बीच यदि वो शर्त पूरी नहीं करता तो वो हार जाएगा। […]

भगवान का साथ-ऐसी मृत्यु हर एक की हो

भगवान का साथ-ऐसी मृत्यु हर एक की हो

April 2, 2021

एक लडक़ी चर्च में जाती है और फादर से कहती है मेरे पिताजी बहुत बीमार हैं, किसी भी वक्त मौत हो सकती है, क्या आप मेरे घर आ सकते हो? फादर कहते हैं हां, क्यों नहीं मैं आता हूं। जब फादर घर पहुंचते हैं, तो वहां एक बुजुर्ग व्यक्ति बिस्तर पर लेटा मिलता है और […]

मन की शांति चाहिए तो भक्ति निस्वार्थ भाव से ही करनी चाहिए

मन की शांति चाहिए तो भक्ति निस्वार्थ भाव से ही करनी चाहिए

March 30, 2021

पूजा करते समय अधिकतर लोग भगवान से सुख-सुविधाओं से जुड़ी पाने की कामना करते हैं। पूजा के बदले भगवान से कुछ न कुछ मांगा जाता है। इस तरह की भक्ति करने के बाद जब मनोकामनाएं पूरी नहीं होती हैं तो मन अशांत हो जाता है। मन की शांति चाहिए तो भक्ति निस्वार्थ भाव से ही […]

व्यवहार कुल का परिचय देता हैं

व्यवहार कुल का परिचय देता हैं

March 7, 2021

एक राजा के दरबार मे एक अनजान व्यक्ति नौकरी के लिए प्रस्तुत हुआ । योग्यता पूछी गई, कहा, “विदुषक हूँ ।”🌿 राजा के पास राजदरबारियों की भरमार थी, उसे खास “घोड़ों के अस्तबल का इंचार्ज” बना लिया। कुछ दिनों बाद राजा ने उस से अपने सब से महंगे और प्रिय घोड़े के बारे में पूछा, […]

सुँदर हाथ उन्हीं के होते हैं जो अच्छे कर्म करें

सुँदर हाथ उन्हीं के होते हैं जो अच्छे कर्म करें

March 5, 2021

बहुत समय पहले की बात है कुछ महिलाएं एक नदी के तट पर बैठी थी वे सभी धनवान होने के साथ-साथ अत्यंत सुंदर भी थी वे नदी के शीतल एवं स्वच्छ जल में अपने हाथ – पैर धो रही थी तथा पानी में अपनी परछाई देख- देखकर अपने सौंदर्य पर स्वयं ही मुग्ध हो रही […]