बोध कथा
एक राजा का जन्म दिन था । सुबह जब वह घूमने निकला तो उसने तय किया कि वह रास्ते में मिलने वाले सबसे पहले व्यक्ति को आज पूरी तरह से खुश व सन्तुष्ट करेगाउसे एक भिखारी मिला । भिखारी ने राजा सें भीख मांगी तो राजा ने भिखारी की तरफ एक तांबे का सिक्का उछाल […]
एक राजा था जिसे पेटिंग्स से बहुत प्यार था। एक बार उसने घोषणा की कि जो कोई भी उसे एक ऐसी पेंटिंग बना कर देगा जो शांति को दर्शाती हो तो वह उसे मुंह माँगा इनाम देगा। फैसले के दिन एक से बढ़ कर एक चित्रकार इनाम जीतने की लालच में अपनी-अपनी पेंटिंग्स लेकर राजा […]
एक विद्वान साधु थे जो दुनियादारी से दूर रहते थे। वह अपनी ईमानदारी,सेवा तथा ज्ञान के लिए प्रसिद्ध थे। एक बार वह पानी के जहाज से लंबी यात्रा पर निकले।उन्होंने यात्रा में खर्च के लिए पर्याप्त धन तथा एक हीरा संभाल के रख लिया । ये हीरा किसी राजा ने उन्हें उनकी ईमानदारी से प्रसन्न […]
“परम मित्रों”, एक बार एक आदमी बड़े ही धार्मिक भाव से रोज संध्या को दीपक जला कर अपने घर के आगे रखने लगा । लेकिन पड़ोस के लोग उसके दिए को उठा कर ले जाते या कुछ लोग तो उसे बुझा भी देते थे । उसके अपने ही उसे कहने लगे कि क्या तू ज्यादा […]
एक बार संत के पास एक सत्संगी युवक आया। संत ने उससे हाल-चाल पूछा, तो उसने स्वयं को अत्यंत सुखी बताया। वह बोला, ‘ मुझे अपने परिवार के सभी सदस्यों पर बड़ा गर्व है। उनके व्यवहार से मैं संतुष्ट हूँ। संत बोले, तुम्हें अपने परिवार के प्रति ऐसी धारणा नहीं बनानी चाहिए। इस दुनिया में […]
लगभग 200 वर्ष पूर्व जापान में एक ऐसा योगी रहता था नित कहता था जागो! नींद को त्यागो, जागो! वहां के सम्राट ने उस योगी की ख्याति सुनी और उसे राजमहल बुलाया, कहा कि हमारे राजकुमार आपके प्रशिक्षण में जीवन की कुछ बातें सीखे तो आप उसे यहीं रहकर सिखाओ। योगी कहता है कि यदि […]
नर्स के रूप में हम तीन डायमंड विभूतियों के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं। पहला महात्मा गांधी जो फादर ऑफ नेशन कहे जाते हैं। महात्मा गांधी के जीवन को जब हमने पढ़ा कि गांधीजी कैसे बड़े हुए, उनके जीवन में कौन-कौन सी धारणाएं थीं। उनके जीवन का बचपन से लेकर बड़े होने तक, […]
महाभारत का भयंकर युद्ध चल रहा था। लड़ते-लड़ते अर्जुन रणक्षेत्र से दूर चले गए थे। अर्जुन की अनुपस्थिति में पांडवों को पराजित करने के लिए द्रोणाचार्य ने चक्रव्यूह की रचना की। अर्जुन-पुत्र अभिमन्यु चक्रव्यूह भेदने के लिए उसमें घुस गया। उसने कुशलतापूर्वक चक्रव्यूह के छ: चरण भेद लिए, लेकिन सातवें चरण में उसे दुर्योधन, जयद्रथ […]
गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की सशिर बंगाली में लिखी हुई अंतिम कविता है। एक पुरुष है और एक स्त्री है। दोनों का आपस में बहुत प्यार है। दोनों ही आपस में शादी करना चाहते हैं। स्त्री बहुत सुंदर-अमीर है। पुरुष गरीब है। युवक से स्त्री कहती है मैं तुमसे शादी करूंगी। वह कहता है हां हम […]
बहुत समय पहले तिब्बत की राजधानी ल्हासा में बौद्ध भिक्षुओं केदो आश्रम थे। बड़ा आश्रम ल्हासा में था। उसकी एक छोटी गांव में थी। इसके लामा वृद्ध हो गए थे। उन्होंने सोचा कोई उत्तराधिकारी बनाया जाए। तो वो अपने एक शिष्य को उस बड़े आश्रम में भेजते हैं। इस पर कहीं दूर के आश्रम से […]
सिकंदर मकदूनिया (मेसेडोनिया) का ग्रीक शासक था। उसे एलेक्जेंडर तृतीय और एलेक्जें डर मेसेडोनियन नाम से भी जाना जाता है। वह अपनी मृत्यु तक हर उस जमीन को जीत चुका था जिसकी जानकारी प्राचीन ग्रीक के लोगों को थी। वही सिकन्दर जब अपनी जिंदगी की आखरी सांसे ले रहा था तब उसने अपने चिकित्सको से […]