बोध कथा
नर्स के रूप में हम तीन डायमंड विभूतियों के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं। पहला महात्मा गांधी जो फादर ऑफ नेशन कहे जाते हैं। महात्मा गांधी के जीवन को जब हमने पढ़ा कि गांधीजी कैसे बड़े हुए, उनके जीवन में कौन-कौन सी धारणाएं थीं। उनके जीवन का बचपन से लेकर बड़े होने तक, […]
महाभारत का भयंकर युद्ध चल रहा था। लड़ते-लड़ते अर्जुन रणक्षेत्र से दूर चले गए थे। अर्जुन की अनुपस्थिति में पांडवों को पराजित करने के लिए द्रोणाचार्य ने चक्रव्यूह की रचना की। अर्जुन-पुत्र अभिमन्यु चक्रव्यूह भेदने के लिए उसमें घुस गया। उसने कुशलतापूर्वक चक्रव्यूह के छ: चरण भेद लिए, लेकिन सातवें चरण में उसे दुर्योधन, जयद्रथ […]
गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की सशिर बंगाली में लिखी हुई अंतिम कविता है। एक पुरुष है और एक स्त्री है। दोनों का आपस में बहुत प्यार है। दोनों ही आपस में शादी करना चाहते हैं। स्त्री बहुत सुंदर-अमीर है। पुरुष गरीब है। युवक से स्त्री कहती है मैं तुमसे शादी करूंगी। वह कहता है हां हम […]
बहुत समय पहले तिब्बत की राजधानी ल्हासा में बौद्ध भिक्षुओं केदो आश्रम थे। बड़ा आश्रम ल्हासा में था। उसकी एक छोटी गांव में थी। इसके लामा वृद्ध हो गए थे। उन्होंने सोचा कोई उत्तराधिकारी बनाया जाए। तो वो अपने एक शिष्य को उस बड़े आश्रम में भेजते हैं। इस पर कहीं दूर के आश्रम से […]
सिकंदर मकदूनिया (मेसेडोनिया) का ग्रीक शासक था। उसे एलेक्जेंडर तृतीय और एलेक्जें डर मेसेडोनियन नाम से भी जाना जाता है। वह अपनी मृत्यु तक हर उस जमीन को जीत चुका था जिसकी जानकारी प्राचीन ग्रीक के लोगों को थी। वही सिकन्दर जब अपनी जिंदगी की आखरी सांसे ले रहा था तब उसने अपने चिकित्सको से […]