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बोध कथा - Shiv Amantran | Brahma Kumaris

बोध कथा

काल चक्र में कलियुग………

काल चक्र में कलियुग………

November 20, 2022

इस युग में हर चीज अति की ओर जाती है, इसलिए सभी यहां रामराज्य की कल्पना करते हैं समय का पहिया घूमते घूमते काल चक्र के चौथे युग, कलियुग तक आ पहुंचा, जिसे कलह-क्लेश का युग भी कहा गया। शास्त्रों में इसके लिए कथा प्रसिद्ध है कि जब कलियुग आया तो राजा परीक्षित का राज्य […]

शांति-धीरज महत्वपूर्ण………

शांति-धीरज महत्वपूर्ण………

September 2, 2022

नए विचारों का जन्म प्रकृति के बीच एकांत और शांति के द्वारा ही संभव है, कुछ पल एकांत में रहे। एक बार महात्मा बुद्ध अपने शिष्य आनंद के साथ कहीं जा रहे थे। राह में काफी चलने के बाद दोपहर में एक वृक्ष तले विश्राम को रुक गए और उन्हें प्यास लगी। आनंद पास स्थित […]

यह समय भी बीत जायेगा

यह समय भी बीत जायेगा

April 21, 2022

एक बार एक राजा की सेवा से प्रसन्न होकर एक साधू नें उसे एक ताबीज दिया और कहा की राजन इसे अपने गले मे डाल लो और जिंदगी में कभी ऐसी परिस्थिति आये की जब तुम्हें लगे की बस अब तो सब ख़तम होने वाला है, परेशानी के भंवर में अपने को फंसा पाओ, कोई […]

जो प्राप्त है, पर्याप्त है

जो प्राप्त है, पर्याप्त है

April 10, 2022

मन में जब तक चिन्ताओ का कूड़ा-कचरा औरबुरे संस्करो का गोबर भरा है, तब तक उपदेशामृत का कोई लाभ न होगा। ए क बार एक स्वामी जी भिक्षा माँगते हुए एक घर के सामने खड़े हुए और उन्होंने आवाज लगायी, भिक्षा दे दे माते! घर से महिला बाहर आयी। उसने उनकी झोली मे भिक्षा डाली […]

विश्वास की शक्ति

विश्वास की शक्ति

March 9, 2022

परमात्मा पर अटूट विश्वास हो तो कोई भी कार्य असंभव नहीं होता और सभी कार्य पूर्ण हो जाते हैं… शिव आमंत्रण, आबू रोड। रात के ढाई बजे थे। एक सेठ को नींद नहीं आरही थी। वह घर में चक्कर पर चक्कर लगाये जा रहा था पर चैन नहीं पड़ रहा था। आखिर थक कर वह […]

दूसरों के भरोसे मत रहो

दूसरों के भरोसे मत रहो

September 29, 2021

एक गांव के पास एक खेत में सारस पक्षी का एक जोड़ा रहता था। वहीं उनके अंडे थे। अंडे से समय पर बच्चे निकले। लेकिन बच्चों के बड़े होकर उडऩे योग्य होने से पहले ही खेत की फसल पक गई। सारस बड़ी चिंता में थी कि किसान खेत काटने आवे, इससे पहले ही बच्चों के […]

पाप की बिक्री…………..

पाप की बिक्री…………..

August 15, 2021

एक बार कवि कालिदास बाजार में घूमने निकले। वहां उन्होंने एक स्त्री को एक घड़ा और कुछ कटोरियां लिए ग्रहकों के इंतजार में बैठे देखा। कालिदास यह देखकर परेशानी में पड़ गए। वह उस स्त्री के पास गए। उन्होंने वहां जाकर पूछा किबहन तुम क्या बेचती हो। उस स्त्री ने कहा मैं पाप बेचती हूं। […]

ब्रम्हचर्य में बल है

ब्रम्हचर्य में बल है

July 28, 2021

यादगार शास्त्र रामायण में हनुमान जी का चरित्र ऐसे पात्र के रूप में जाना जाता है जो निश्छल और निस्वार्थ भाव से प्रभु के कार्य में मददगार रहे। इसीलिए उन्हें सभी जगह बड़ी श्रद्धा और भक्ति भाव से स्मरण किया जाता है। जहां भी श्रीराम जी की पूजा होती है, वहां हनुमान का स्थान अवश्य […]

दृष्टिकोण व्यक्तित्व का आइना

दृष्टिकोण व्यक्तित्व का आइना

July 20, 2021

एक धर्मात्मा ने जंगल मेंं एक सुंदर मकान बनाया और उद्यान लगाया, ताकि उधर आने वाले उसमेंं ठहरें और विश्राम करें। समय- समय पर अनेक लोग आते और ठहरते। दरबान हरेक आने वाले से पूछता, आपको यहां कैसा लगा। बताइए मालिक ने इसे किन लोगों के लिए बनाया है। आने वाले अपनी-अपनी दृष्टि से उसका […]

भारत को सोने की चिड़िया बनाने वाला असली राजा कौन था ?

भारत को सोने की चिड़िया बनाने वाला असली राजा कौन था ?

July 8, 2021

काहानी है सत्य युग अर त्रेता युग के बाद जब द्वापर युग आता है तब भक्ति शुरू हो बिक्रमादीतय राजा बनते हैं। जब उनके राज्य में इतनी सुख है तो सत्य युग अर त्रेता युग में कितने जादा सुख होगा कोई जानकारी नहीं है। उहां क्या क्या चिज होगा उनके बारे में जानकारी के लिए […]

आत्मचिंतन:- आखिर में यह भी नहीं रहेगा

आत्मचिंतन:- आखिर में यह भी नहीं रहेगा

June 25, 2021

एक साधु देश में यात्रा के लिए पैदल निकला हुआ था। एक बार रात हो जाने पर वह एक गाँव में आनंद नाम के व्यक्ति के दरवाजे पर रुका। आनंद ने साधू की खूब सेवा की। दूसरे दिन आनंद ने बहुत सारे उपहार देकर साधू को विदा किया। साधू ने आनंद के लिए प्रार्थना की […]

माँ ममता का सागर नहीं..पर महासागर है

माँ ममता का सागर नहीं..पर महासागर है

June 20, 2021

एक सौदागर राजा के महल में दो गायों को लेकर आया – दोनों ही स्वस्थ, सुंदर व दिखने में लगभग एक जैसी थीं। सौदागर ने राजा से कहा “महाराज – ये गायें माँ – बेटी हैं परन्तु मुझे यह नहीं पता कि माँ कौन है व बेटी कौन – क्योंकि दोनों में खास अंतर नहीं […]