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बोध कथा - Shiv Amantran | Brahma Kumaris

बोध कथा

जीवन को नई राह दिखाते हैं स्वामी विवेकानंद के विचार

जीवन को नई राह दिखाते हैं स्वामी विवेकानंद के विचार

January 11, 2024

स्वामी विवेकानंद बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। बाल्यावस्था से स्वामी विवेकानंद को अध्यात्म के प्रति गहन रुचि थी। उनका जन्म पश्चिम बंगाल में कारस्थ परिवार में हुआ था। उनके पिता संस्कृत और फारसी भाषा के विद्वान थे। महज 25 वर्ष की आयु में स्वामी जी के पिता सन्यासी बन गए। माता जी देवों के देव […]

सुनने की क्षमता का महत्व

सुनने की क्षमता का महत्व

December 14, 2023

एक साल जंगल में बिताने के बाद युवराज अपने राज्य को लौटना चाहता था, पर गुरु की बात को टाल भी नहीं सकता था, इसलिए वह बेमन ही जंगल की ओर बढ़ चला। कई दिन गुजर गए पर युवराज को कोई नई आवाज़ नहीं सुनाई दी। वह परेशान हो उठा। उसने निश्चय किया कि अब […]

हर बुराई में अच्छाई खोज सकते हैं………

हर बुराई में अच्छाई खोज सकते हैं………

November 19, 2023

एक शिष्य अपने गुरु से सप्ताह भर की छुट्टी लेकर अपने गांव जा रहा था। तब गांव पैदल ही जाना पड़ता था। जाते समय रास्ते में उसे एक कुआं दिखाई दिया। शिष्य प्यासा था, इसलिए उसने कुएं से पानी निकाला और अपना गला तर किया। शिष्य को अद्भुत तृप्ति मिली, क्योंकि कुएं का जल बेहद […]

प्रकृति सब लौटा कर देती है……….

प्रकृति सब लौटा कर देती है……….

October 16, 2023

शिव आमंत्रण, आबू रोड। जो कुछ भी हमारे अंदर भरा होता है वो ही प्रकृति हमें लौटा देती है। एक व्यक्ति अपने परिवार, रिश्तेदार, मित्र, मोहल्ला के निवासी, अपनी फैक्ट्री के कार्यकर्ताओं से अति दुःखी होकर समाधान के लिए अपने गुरु के पास पहुंचा और अपनी पीड़ा गुरुदेव को बताते हुए बोला- “मेरे कर्मचारी, पत्नी, […]

अति वाचालता का दुष्परिणाम

अति वाचालता का दुष्परिणाम

September 28, 2023

एक राजा बहुत अधिक बोलता था। उसका मंत्री विद्वान और शुभ चिंतक था। इसलिए सोचता रहता था कि राजा को कैसे इस दोष से मुक्त करुं और वह ज्ञान दू जो कि मनुष्य के हृदय में बहुत गहराई से उतरकर उसके स्वभाव का अंग बन जाता है। मंत्री उचित अवसर की तलाश में था कि […]

आपके विचार ही आपका संसार है

आपके विचार ही आपका संसार है

August 31, 2023

विमला चार दिन से बीमार थी। न उसे भूख रही, न प्यास। नींद भी न रही। अच्छी भली थी, सेहत भी ठीक थी, चार दिन में ही सूख गई। रंग भी काला पड़ गया था। कितने वैद्य आए, पर उसकी बीमारी का कारण नहीं ढूंढ पाए। माता पिता भी चिंता में मरे जा रहे थे। […]

परमात्मा की आवाज

परमात्मा की आवाज

August 21, 2023

एक व्यक्ति को रास्ते में यमराज मिल गए वो व्यक्ति उन्हें पहचान नहीं सका। यमराज ने पीने के लिए पानी मांगा उस व्यक्ति ने उन्हें पानी पिलाया। पानी पीने के बाद यमराज ने बताया कि वो उसके प्राण लेने आए हैं लेकिन चूँकि तुमने मेरी प्यास बुझाई है इसलिए मैं तुम्हें अपनी किस्मत बदलने का […]

काल चक्र में कलियुग………

काल चक्र में कलियुग………

November 20, 2022

इस युग में हर चीज अति की ओर जाती है, इसलिए सभी यहां रामराज्य की कल्पना करते हैं समय का पहिया घूमते घूमते काल चक्र के चौथे युग, कलियुग तक आ पहुंचा, जिसे कलह-क्लेश का युग भी कहा गया। शास्त्रों में इसके लिए कथा प्रसिद्ध है कि जब कलियुग आया तो राजा परीक्षित का राज्य […]

शांति-धीरज महत्वपूर्ण………

शांति-धीरज महत्वपूर्ण………

September 2, 2022

नए विचारों का जन्म प्रकृति के बीच एकांत और शांति के द्वारा ही संभव है, कुछ पल एकांत में रहे। एक बार महात्मा बुद्ध अपने शिष्य आनंद के साथ कहीं जा रहे थे। राह में काफी चलने के बाद दोपहर में एक वृक्ष तले विश्राम को रुक गए और उन्हें प्यास लगी। आनंद पास स्थित […]

यह समय भी बीत जायेगा

यह समय भी बीत जायेगा

April 21, 2022

एक बार एक राजा की सेवा से प्रसन्न होकर एक साधू नें उसे एक ताबीज दिया और कहा की राजन इसे अपने गले मे डाल लो और जिंदगी में कभी ऐसी परिस्थिति आये की जब तुम्हें लगे की बस अब तो सब ख़तम होने वाला है, परेशानी के भंवर में अपने को फंसा पाओ, कोई […]

जो प्राप्त है, पर्याप्त है

जो प्राप्त है, पर्याप्त है

April 10, 2022

मन में जब तक चिन्ताओ का कूड़ा-कचरा औरबुरे संस्करो का गोबर भरा है, तब तक उपदेशामृत का कोई लाभ न होगा। ए क बार एक स्वामी जी भिक्षा माँगते हुए एक घर के सामने खड़े हुए और उन्होंने आवाज लगायी, भिक्षा दे दे माते! घर से महिला बाहर आयी। उसने उनकी झोली मे भिक्षा डाली […]

विश्वास की शक्ति

विश्वास की शक्ति

March 9, 2022

परमात्मा पर अटूट विश्वास हो तो कोई भी कार्य असंभव नहीं होता और सभी कार्य पूर्ण हो जाते हैं… शिव आमंत्रण, आबू रोड। रात के ढाई बजे थे। एक सेठ को नींद नहीं आरही थी। वह घर में चक्कर पर चक्कर लगाये जा रहा था पर चैन नहीं पड़ रहा था। आखिर थक कर वह […]