बोध कथा
इस युग में हर चीज अति की ओर जाती है, इसलिए सभी यहां रामराज्य की कल्पना करते हैं समय का पहिया घूमते घूमते काल चक्र के चौथे युग, कलियुग तक आ पहुंचा, जिसे कलह-क्लेश का युग भी कहा गया। शास्त्रों में इसके लिए कथा प्रसिद्ध है कि जब कलियुग आया तो राजा परीक्षित का राज्य […]
नए विचारों का जन्म प्रकृति के बीच एकांत और शांति के द्वारा ही संभव है, कुछ पल एकांत में रहे। एक बार महात्मा बुद्ध अपने शिष्य आनंद के साथ कहीं जा रहे थे। राह में काफी चलने के बाद दोपहर में एक वृक्ष तले विश्राम को रुक गए और उन्हें प्यास लगी। आनंद पास स्थित […]
एक बार एक राजा की सेवा से प्रसन्न होकर एक साधू नें उसे एक ताबीज दिया और कहा की राजन इसे अपने गले मे डाल लो और जिंदगी में कभी ऐसी परिस्थिति आये की जब तुम्हें लगे की बस अब तो सब ख़तम होने वाला है, परेशानी के भंवर में अपने को फंसा पाओ, कोई […]
मन में जब तक चिन्ताओ का कूड़ा-कचरा औरबुरे संस्करो का गोबर भरा है, तब तक उपदेशामृत का कोई लाभ न होगा। ए क बार एक स्वामी जी भिक्षा माँगते हुए एक घर के सामने खड़े हुए और उन्होंने आवाज लगायी, भिक्षा दे दे माते! घर से महिला बाहर आयी। उसने उनकी झोली मे भिक्षा डाली […]
परमात्मा पर अटूट विश्वास हो तो कोई भी कार्य असंभव नहीं होता और सभी कार्य पूर्ण हो जाते हैं… शिव आमंत्रण, आबू रोड। रात के ढाई बजे थे। एक सेठ को नींद नहीं आरही थी। वह घर में चक्कर पर चक्कर लगाये जा रहा था पर चैन नहीं पड़ रहा था। आखिर थक कर वह […]
एक गांव के पास एक खेत में सारस पक्षी का एक जोड़ा रहता था। वहीं उनके अंडे थे। अंडे से समय पर बच्चे निकले। लेकिन बच्चों के बड़े होकर उडऩे योग्य होने से पहले ही खेत की फसल पक गई। सारस बड़ी चिंता में थी कि किसान खेत काटने आवे, इससे पहले ही बच्चों के […]
एक बार कवि कालिदास बाजार में घूमने निकले। वहां उन्होंने एक स्त्री को एक घड़ा और कुछ कटोरियां लिए ग्रहकों के इंतजार में बैठे देखा। कालिदास यह देखकर परेशानी में पड़ गए। वह उस स्त्री के पास गए। उन्होंने वहां जाकर पूछा किबहन तुम क्या बेचती हो। उस स्त्री ने कहा मैं पाप बेचती हूं। […]
यादगार शास्त्र रामायण में हनुमान जी का चरित्र ऐसे पात्र के रूप में जाना जाता है जो निश्छल और निस्वार्थ भाव से प्रभु के कार्य में मददगार रहे। इसीलिए उन्हें सभी जगह बड़ी श्रद्धा और भक्ति भाव से स्मरण किया जाता है। जहां भी श्रीराम जी की पूजा होती है, वहां हनुमान का स्थान अवश्य […]
एक धर्मात्मा ने जंगल मेंं एक सुंदर मकान बनाया और उद्यान लगाया, ताकि उधर आने वाले उसमेंं ठहरें और विश्राम करें। समय- समय पर अनेक लोग आते और ठहरते। दरबान हरेक आने वाले से पूछता, आपको यहां कैसा लगा। बताइए मालिक ने इसे किन लोगों के लिए बनाया है। आने वाले अपनी-अपनी दृष्टि से उसका […]
काहानी है सत्य युग अर त्रेता युग के बाद जब द्वापर युग आता है तब भक्ति शुरू हो बिक्रमादीतय राजा बनते हैं। जब उनके राज्य में इतनी सुख है तो सत्य युग अर त्रेता युग में कितने जादा सुख होगा कोई जानकारी नहीं है। उहां क्या क्या चिज होगा उनके बारे में जानकारी के लिए […]
एक साधु देश में यात्रा के लिए पैदल निकला हुआ था। एक बार रात हो जाने पर वह एक गाँव में आनंद नाम के व्यक्ति के दरवाजे पर रुका। आनंद ने साधू की खूब सेवा की। दूसरे दिन आनंद ने बहुत सारे उपहार देकर साधू को विदा किया। साधू ने आनंद के लिए प्रार्थना की […]
एक सौदागर राजा के महल में दो गायों को लेकर आया – दोनों ही स्वस्थ, सुंदर व दिखने में लगभग एक जैसी थीं। सौदागर ने राजा से कहा “महाराज – ये गायें माँ – बेटी हैं परन्तु मुझे यह नहीं पता कि माँ कौन है व बेटी कौन – क्योंकि दोनों में खास अंतर नहीं […]