चिकित्सा पद्धति में राजयोग ध्यान और आध्यात्म का बहुत असर: डॉ. भूपेन्द्र
शिव आमंत्रण, लखनउ। राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस पर डिजिटल इंडिया अभियान के 6 वर्ष पूरे होने पर ई-संजीवनी द्वारा इलाज में सहायता पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चिकित्सकों से ऑनलाईन बात की। केजीएमयू में ई-संजीवनी माध्यम से इलाज करनेवाले बिहार के मरीज और उनके रिश्तेदारों से भी अनुभव जाना। प्रधानमंत्री ने कहा, कि डिजिटल इंडिया ने नई उंचाइयां दी है। मरीजों के लिए ई-संजीवनी वरदान बनी हुई है। कोरोना काल में दूसरी बीमारी से पीडित भी इस माध्यम से घर बैठे इलाज हासिल कर रहे है।
इस मौके पर जॉर्ज मेडिकल कॉलेज के वृद्धावस्था मानसिक स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक राजयोगी बीके भूपेन्द्र ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से वार्तालाप करते हुए कहा, कि चिकित्सा पद्धति में राजयोग ध्यान और आध्यात्म का बहुत असर है। इसलिए सभी के सर्वांगिण स्वास्थ्य के लिए इसे जीवन में अपनाना चाहिए।
डॉ. भूपेंद्र ने कहा, कि कोरोना जब आया तो लगा कि अब बुजुर्ग मरीजों को कैसे इलाज मिलेगा? बुजुर्गों में रोगों से लडने की ताकत भी कम होती है। हम लोगों को लगा हम अब मरीजों को मदद नही कर पाएंगे। फिर केजीएमयू ने डिजिटल इंडिया के तहत भारत सरकार के ई-संजीवनी कार्यक्रम को रह्लतार दी। अब मरीज घर बैठे हमसे संपर्क कर पा रहे है। मरीजों को अस्पताल तक आने की जरूरत नही पड रही है। संक्रमण से बचाव भी होता है।
प्रधानमंत्री मोदी से डॉ. भूपेंद्र ने करीब डेढ़ मिनट बात की।
इसके साथ ही ब्रह्माकुमारीज संस्थान गोमती नगर सेवाकेंद्र द्वारा संतुलित जीवन और सम्पूर्ण स्वास्थ्य विषय पर ऑनलाईन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें गोमतीनगर सेवाकेन्द्र प्रभारी बीके राधा, हजरतगंज सेवाकेन्द्र प्रभारी बीके मंजू तथा डॉ. बीके भूपेन्द्र ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए चिकित्सा क्षेत्र में अध्यात्म का बड़ा महत्व बताया।