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हम स्वयं के संस्कारों में परिवर्तन करें: बीके शिवानी दीदी  - Shiv Amantran | Brahma Kumaris
हम स्वयं के संस्कारों में परिवर्तन करें: बीके शिवानी दीदी 

हम स्वयं के संस्कारों में परिवर्तन करें: बीके शिवानी दीदी 

उत्तर प्रदेश
  • लखनऊ में सही ढंग से जीने, सही सोचने, हमेशा सही कर्म करने के रहस्यों को जानें विषय पर महोत्सव आयोजित
शिव आमंत्रण, लखनऊ, उप्र। ब्रह्माकुमारीज़ की ओर से सही ढंग से जीने, सही सोचने, हमेशा सही कर्म करने के रहस्यों को जानें विषय पर जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल के ऑडिटोरियम में महोत्सव आयोजित किया गया। इसमें अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त प्रेरक वक्ता शिवानी दीदी ने कहा कि आध्यात्मिकता जीवन का एक आवश्यक अंग बन गया है। आध्यात्मिकता एक ऐसा लाइफ स्किल है, जिसे सीखने से हम दैनिक कार्य करते हुए भी, एक सही सोच और सही कार्य विधि से जीवन में खुशियां प्राप्त कर सकते हैं। परिस्थितियों से ज्यादा शक्तिशाली स्व-स्थिति होती है। हम स्वयं को शक्तिशाली बनाकर किसी भी बाह्य स्थिति या व्यक्ति का सामना बड़े ही सहज भाव से कर सकते हैं। तनाव होना तो अब बीते जमाने की बात होती जा रही है, आजकल तो बच्चे भी अवसाद का शिकार होते जा रहे हैं। बच्चों की इस स्थिति के ज्यादा जिम्मेदार अभिभावक हैं। क्योंकि वह बच्चों को कठिन परिस्थितियों का सामना, मजबूत आंतरिक स्व-स्थिति से कैसा किया जाता है, जीवन से व्यावहारिक अनुभव नहीं दे पा रहे हैं। उनको केवल कड़ी शिक्षाएं देने से यह शक्ति उनके अंदर जागृत नहीं की जा सकती है। जरूरत है कि हम स्वयं के संस्कारों में परिवर्तन करें तो हमारे संस्कारों को देखकर बच्चे तो स्वतः परिवर्तित होने लगते हैं।

आत्मिक स्थिति शक्तिशाली बनाएं… जब तक हम स्वयं की आत्मिक शक्ति को जागृत करके मानसिक रूप से सशक्त नहीं बनते हैं, हमारी आने वाली पीढ़ी भी शक्तिशाली नहीं हो पाएगी। हमारी आंतरिक खुशी एक शक्तिशाली मानसिक स्थिति पर निर्भर होती है। हमें व्यक्तियों, परिस्थितियों, साधनों से मुक्त, खुशी के संस्कार को जीवन में धारण करना सीखना होगा। कार्यक्रम के अंत में उन्होंने उपस्थित जनों को राजयोग का अभ्यास कराके समापन किया। इस मौके पर आईएएस जितेंद्र कुमार गुप्ता, फायर डीजी अविनाश चंद्रा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारम्भ सम्मानित अतिथिगणों द्वारा द्वीप प्रज्वलित कर किया। बच्चों ने कबीर के दोहों पर मनोहर नृत्य की प्रस्तुति दी। ब्रह्माकुमारीज़ लखनऊ की निदेशिका ब्रह्माकुमारी राधा दीदी ने सभी आगंतुकों एवं विशिष्ट अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि आध्यात्मिकता केवल किताबी ज्ञान तक सीमित न रहकर व्यावहारिकता का अंग बन सके, इस पर जोर देना होगा। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शहरवासी मौजूद रहे।    

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