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प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय , पूर्णिया l - Shiv Amantran | Brahma Kumaris
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय , पूर्णिया l

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय , पूर्णिया l

बिहार

शिव आमंत्रण,पूर्णिया (बिहार) l आज पूर्णिया शाखा के द्वारा महाशिवरात्रि  पर्व के अवसर पर शिव झंडोत्तोलन एवं शोभायात्रा  झाँकी शहर में भ्रमण कार्यक्रम  का आयोजन किया गया l शाखा संचालिका बी .के . मुकुट मणि ने  कार्यक्रम  के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए बताया कि शिव का आध्यात्मिक रहस्य से भक्तजन अवगत हो और उसके यथार्थ परिचय को जानकर , वह समझकर शक्ति प्राप्त कर सके l इस पुनीत अवसर पर बी. के. प्रेम भाई,  अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय ,माउंट आबू,  राजस्थान उपस्थित रहे l 

 इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में  मुकुट दीदी ने  शिव का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए स्पष्ट किया की प्रसिद्ध धर्म ग्रंथो , मंदिरों और शिवालयों में शिवलिंग की प्रतिमा का अधिक वर्णन है l सभी मानते हैं – परमात्मा एक हैl  वह निराकार ज्योति बिंदु स्वरूप है l  परमात्मा का नाम शिव है l शिव का अर्थ है-  कल्याणकारी है,  जन्म – मरण के चक्र से न्यारा होने के कारण परमात्मा का अपना साकार या आकार शरीर किया  नहीं होता l इसलिए वे  न तो  स्त्रीलिंग में आते हैं और ना ही पुलिंग  में , उन्हें शिवलिंग के रूप में याद किया जाता है  क्योंकि सिर्फ परमात्मा का नाम है और लिंग का अर्थ या  प्रतीक यानी चिन्ह से  है l स्वयं प्रकट होने के कारण उन्हें स्वयंभू भी कहा जाता है l 12 ज्योतिर्लिंग के  नामों की बात करें तो परमात्मा शिव के अनेक कर्तव्यों के आधार पर भक्तजन उनके कर्तव्य वाचक नाम पर उनके गायन और पूजन करते हैं जैसे कि सोमनाथ,  केदारनाथ,  बद्रीनाथ,  महाकालेश्वर , अमरनाथ आदि l  शिवलिंग की स्थापना का आध्यात्मिक ज्ञान मंदिरों में भक्तों द्वारा शिवलिंग की स्थापना कर आध्यात्मिक ज्ञान मंदिरों में भक्तों द्वारा शिवलिंग की स्थापना का अद्भुत रहस्य यह है कि परमात्मा अपनी देह न होने के कारण जन्म और मरण के चक्र में नहीं आते l वे गर्भ में भी नहीं आते बल्कि उनका दिव्य,  अलौकिक जन्म इस मनुष्य सृष्टि लोक में एक साधारण वृद्ध तन में परकाया प्रवेश करके होता है l परमात्मा का स्वरूप और उनकी यादगार शिवलिंग की प्रतिमा  प्राय: काला रंग में होता है l शिव का अर्थ –  कल्याणकारी और लिंग का अर्थ-  चिन्ह होता है अर्थात कल्याणकारी परमात्मा शिव और अज्ञानता की रात्रि में अवतरित होकर सभी मनुष्य आत्माओं का कल्याण करते हैं l शिव ज्योति बिंदु स्वरूप हैं l वह परमधाम के रहने वाले हैं l परमधाम से आकर पर  वृद्ध तन में प्रवेश कर संसार में सभी आत्माओं को खुद का परिचय और आत्मा का परिचय देते हैं l उनके वास्तविक स्वरूप को स्मरण करने पर शक्ति प्राप्त होती है l कहां भी जाता है परमात्मा – दुखहर्ता – सुखकर्ता है l सभी आत्माओं की कलुषिता को दूर कर, आत्मा की शक्ति को प्रदान करते हैं l  शिव के यथार्थ रूप को जानकर,  अपने को ज्योति बिंदु  और उस  पिता को भी ज्योति स्वरूप का  मानकर स्मरण करने से उनकी शक्तियां प्राप्त होती है l

 राजयोग विषय पर बी .के. प्रेम भाई,  माउंट आबू ने  राजयोग का अर्थ बताया कि राज का अर्थ है – रहस्य,  योग का अर्थ है  –  जोर l अर्थात आत्मा की रहस्य,  परमात्मा की रहस्य , संसार के सृष्टि चक्र  का रहस्य,  अपने कर्मों को रहस्य को जानकर ,  अपनी स्मरण शक्ति को बढ़ाकर  उनके शक्ति प्राप्त कर सकते हैं l  प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में राजयोग  मेडिटेशन का नित्य 1 घंटे का नि शुल्क क्लास कराई जाती है l  बी. के दीपा ने इस अवसर पर एक स्लोगन प्रस्तुत की सुख और शक्ति का करो स्वागत,  दुःख और शांति को करो अलविदा , वास्तव में मानव को अपने दुख और शांति का त्याग कर सुख और शांति प्राप्त करे l इस कार्यक्रम में संजय जी  ने उद्बोधन में उन्होंने अपने को स्वीकार किया कि वास्तव में आज हमें शिव का सत्य स्वरूप का ज्ञान प्राप्त हुआ  और संस्था  की प्रशंसा करते हैं बताया ऐसे कार्यक्रम समाज के उत्थान व निर्माण में सहायक होंगे l  संजय जी , समाज सेवी ने कार्यक्रम की प्रशंसा की और धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया कि समाज को नई दिशा दिखाने का कार्य ब्रह्माकुमारी करते आ रहे हैं और आगे भी इसी प्रकार से समाज को दिशा देते रहे l  कलश और झांकी संस्था – प्रभात कॉलोनी से निकलकर जनता चौक,  ला कॉलेज,  मधुबनी चौक ,सिपाही टोला,  आर. अन. सह. चौक होते हुए सिंधी भवन में समापन किया गया l

 इस कार्यक्रम में संस्था से जुड़े   बी के मधु , ईशा , दीपा , बी. के. अरविंद,  देवेन्द्र, पिंटू आदि शहर के अनेकों  गणमान्य  उपस्थित हुए l

धन्यवाद l

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