शिव आमंत्रण, आबू रोड/राजस्थान। बहुतों ने बुरे कर्म कर लिए हैं। अपने इस जीवन में वह उनको याद आते रहते हैं वो, याद करने से दु:ख मिलता है इसलिए पास्ट को पूरी तरह से समाप्त करना है। बाबा तो ये बोला करते थे पास्ट को ऐसे समझ लो जैसे पुराने जन्म की बात है। अभी तो ब्राह्मण जन्म हो गया। वो पुराना है जन्म का, जो कुछ किया है, किसी ने हमें तकलीफ दी या हमारे द्वारा कई गलतियां हो गई पूरा हुआ। अगर वो न होता तो हम यहां न आते। हम भगवान के पास ना आते अगर वो सब बातें न होता। बहुत सी आत्माओं को उनका दु:ख भगवान के पास ले आया, कईयों की उनकी परेशानी यहां ले आई, बुरी घटनाएं यहां ले आयी हैं। सच्चा सुख ईश्वरीय मिलन में हैं। खुशी अंदर से पैदा होगी, दूसरों से नहीं मिलेगी। अंदर से जो ख़ुश
रहना सीख ले वो तो ख़ुशनसीब और जो सोचे दूसरे मुझे ख़ुश रखें, अच्छा बोलें, मेरी सेवा करें, मुझे मान दें, मेरी प्रशंसा करे तो वो व्यक्ति सदा ही दु:खी रहेगा। एक तो पास्ट को पूरी तरह से खत्म करना है। कइयों को होती है भविष्य की चिंता। कई तो सोच-सोचकर दु:खी हैं, है कुछ नहीं। सोच रहे हैं और दु:खी हो रहे हैं इसलिए भविष्य की सदा ही बहुत सुंदर संकल्प रखना। रोज सुबह उठते ही संकल्प करना मैं बहुत भाग्यवान हूं, बहुत सुखी हूं क्योंकि भगवान मेरे साथ है। इसलिए मेरे साथ सबकुछ बहुत अच्छा होगा। बाबा ने हम सभी को एक बहुत सुंदर स्वमान दिया हुआ है। मैं मास्टर क्रिऐटर हूं, मास्टर रचयिता। भविष्य को बनाने का अधिकार हमें हैं। भविष्य हमारे हाथ में है।
जैसे संकल्प करेंगे, वैसा हमारा भाग्य होगा :-
जैसे सुंदर संकल्प हम करेंगे वैसा ही हमारा भविष्य होगा। भविष्य की चिंता नहीं करो। बुरा भी अच्छे में बदल जाएगा। जब सारे संसार को भोजन नहीं मिलेगा बाबा अपने बच्चों को दाल-रोटी खिलाता रहेगा और क्या चाहिए। जब संसार को आग लगेगी बाबा के बच्चे सेफ रहेंगे, लेकिन उन्हीं को बाबा पर विश्वास होगा, जिन्होंने समर्पण भाव अपनाया है, जिन्होंने उसकी आज्ञा को पालन किया है। जिसने उसके प्यार को जीत लिया वो उनकी सुरक्षा बहुत करेगा, कष्ट नहीं होने देगा। तो मेरे साथ
कुछ बहुत अच्छा होगा। मुझे किसी से कुछ नहीं चाहिए। अब वो सब नहीं होगा जो आज से 50 साल पहले होता था, बच्चे मां-बाप के आज्ञाकारी। अब तो छोटों को आपको सम्मान देना पड़ेगा तब वो आपकी बात सुनेंगे। अपनी कामनाओं को कम करना ही है।
हर आत्मा का अपना पार्ट है: बाबा ने बहुत सुंदर ज्ञान दिया है हर आत्मा का अपना-अपना पार्ट है। पार्ट भी अपना, भाग्य भी अपना, बुद्धि भी अपनी, संस्कार भी अपने। अपनों से ही आज कल सबको ज्यादा कष्ट हो रहा है। जहां भी कष्ट हो रहा हैं ख़ुशी जा रही है वो अधिकतर लोग अपने हैं। अपनों से कामनाएं भी बहुत होती हैं। अपनों पे अधिकार भी होता हैं, अपनों को कुछ कहा भी जाता है। बाबा ने कह दिया बच्चेतुम्हें बहुत ख़ुशी होनी चाहिए भगवान के सम्मुख बैठे हो, मैं तुम्हें स्वर्ग की राजाई देने आ गया हूं, भगवान तुम्हारे घर में मेहमान बनकर आ गया है। बहुत बड़ी ख़ुशी की बात है, मैं तुम्हारे लिए हथेली पर स्वर्ग ले कर आया हूं। ख़ुशी की बात है। ऐसी बातें हमें डायरी में नोट करनी हैं। अच्छी बातों को लिखकर जेब में रखें २०-२५ बातें ख़ुशी की, २०-२५ बातें ईश्वरीय नशे की होनी ही चाहिए। इसे पढ़ते रहेंगे बातें हल्की होती रहेंगी। हमेशा लिख कर रख लो भगवान हमारे साथ है, पढ़ लिया करो रोज। साथ होने के दो मतलब होते हैं। पहला स्थूल रूप से साथ रहते हो दूसरा है आपका किसी बड़े आदमी से कनेक्शन हो आपके शहर में, यह आपका कोई रिलेटिव बड़ा आदमी हो आपको नशा रहता है न फलाना आदमी
मेरे साथ है। इधर, भगवान हमारे साथ हैं तो डरने की क्या बात है। एकांत में हमारा चिंतन बहुत अच्छा चलेगा। लिखा करेंगे सभी अच्छी- अच्छी बातें।
पुरुषार्थ के लिए कुछ बातें- भगवान मुझे साथ दे रहा है, कौन मुझे साथ दे रहा है ये नशा चढ़ता रहे? स्वयं भगवान मुझे साथ दे रहा है। अपने चारों ओर रोज सवेरे और शाम शक्तियों का घेरा बनाना है। क्योंकि जीवन में सारा महत्व है हमारे विचारों का। हमारे विचार जितने महान और श्रेष्ठ होंगे हमारा जीवन भी उतना ही महान और दिव्य होगा। इसलिए रोजाना अपने विचारों की भी समीक्षा करें। सोचसमझकर ही विचार करें। हमारी जीवन की क्वालिटी हमारे विचारों पर ही निर्भर होती है। महान लोगों के पीछे उनके महान विचार हैं। विचारों में दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति है। इसलिए हमें जीवन में श्रेष्ठ विचारों का महत्व समझना और उन्हें जीवन में अपनाना बहुत जरूरी है।