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हमारा पूरा जीवन हो योगयुक्त, तपस्यामय - Shiv Amantran | Brahma Kumaris
हमारा पूरा जीवन हो योगयुक्त, तपस्यामय

हमारा पूरा जीवन हो योगयुक्त, तपस्यामय

समस्या-समाधान

शिव आमंत्रण,आबू रोड। इस योगयुक्त जीवन में अपने को पूर्वज समझ कर रहना होगा। हम पूर्वज हैं, पालनकर्ता हैं। हमारे वाइब्रेशन का इफेक्ट पूरे कल्पवृक्ष पर पड़ता है। पूरे संसार में फैलेगा। योगी को पूरे संसार के लिए योगी बनना है। बाबा कहते हैं बच्चे 8 घंटे नींद करो, 8 घंटे काम कर लो, 8 घंटे मुझे याद करो। 8 घंटे रोज मुझे याद करो पर अनेक बाबा के बच्चे अंदर ही अंदर उत्तर दे देते हैं यह काम अपना नहीं है। अपने से नहीं होगा, हम तो गृहस्थी हैं। यह सब तो समर्पित दीदियां और भाई करेंगे। इन्हों को कोई काम नहीं है और दीदी कहती हम सेवाओं में बहुत बिजी हैं। गिनी-चुनी आत्माएं ही सोचती हैं- भगवान कह रहा है तो हम जरूर करेंगे। 4 घंटा तक पहुंचेंगे आगे फिर 5-6-7-8 घंटे तक भी करूंगा। बाबा ने कहा अगर विजयमाला में आना है तो याद की रेस करो। जिन्हें अच्छा योगी बनना है वह 10-10 मिनट योग से शुरुआत कर सकते हैं। दिन में 4-6 बार बाबा को 10-10 मिनट अच्छे संकल्पों के साथ याद करें। इससे सारा दिन योगयुक्त रहने में मदद मिलेगी। साथ ही बीच-बीच में बाबा की स्मृति रहने से योग का चार्ट भी बढ़ता जाएगा। 

ऐसे करें योग की शुरुआत: संकल्प करें मैं मास्टर ज्ञान सूर्य हूं… मुझसे निकली शक्तियों की किरणों से माया के कीटाणु नष्ट हो जाते हैं… मस्तक के मध्य भृकुटी सिहासन पर विराजमान मैं मास्टर ज्ञान सूर्य हूं… मुझ से किरणें निकलकर चारों ओर फैल रही हैं। ऊपर परमधाम में ज्ञान सूर्य पर बुद्धि को स्थिर कर दें… ऊपर ज्ञान सूरज की शक्तियों की किरणें मुझ पर पड़ रही हैं… मुझसे चारों ओर फैल रही हैं… मैं पवित्रता का फरिश्ता हूं … पवित्रता की देवी हूं… परमधाम में पवित्रता के सागर की पवित्र किरणों की मुझ पर बरसात हो रही है…इस तरह का अभ्यास दिन में बीच-बीच में करते रहें।

बार-बार के अयास से ही होगा योग सफल: जो बहुत अभ्यास करते हैं योग उनका ही सफल होता है। अभिमन्यु की तरह अपने ऊपर माया का चक्रव्यू बनवाना है या रास्ता क्लीयर रखना है, आपके हाथ में है। योग नहीं होता तो अनेक व्यर्थ संकल्प हमारे चारों ओर जाल-जंजाल बना देते हैं। योग एक अस्त्र है जो इस जंजाल को काट देता है। अपने घरों में कम से कम दिन में पांच बार बाबा का आह्नान करें। आपको बहुत सुंदर अनुभव होंगे। योग अभ्यास करते समय ही बाबा का आह्वान करें। बापदादा दोनों को बुलाओ। देखो दोनों उतरते-उतरते आपके घर में आ गए। ब्रह्मा बाबा मस्तक में शिव बाबा दोनों मेरे घर में खड़े हैं। किरणें फैल रही हैं, पूरा घर पवित्र किरणों से भर गया है। बाबा दृष्टि दे रहे हैं। पूरे घर में घूम रहे हैं। बाबा का हाथ पकड़ो, उनको दोस्त बनाकर घूमो। एक स्लोगन प्राय: सभी सेंटर्स पर लगा हुआ होता है मेरे बाबा, मीठे बाबा आ जाओ मेरी मदद करो। बाबा बंधा हुआ है हम बच्चों की मदद के लिए। भगवान को बच्चे बुलाएं और बाप ना आएं यह हो नहीं सकता तो हमें बुला लेना चाहिए। बस आह्वान करो। फूल अगरबत्ती थोड़ी ही जलानी है न ही पूजा करना है। बस बुला लो मदद मिलनी शुरू हो जाएगी। आप कहीं पैदल जा रहे हों और राह भटक गए। कोई रास्ता बता दे तो खुश हो जाओगे। उसे धन्यवाद देंगे। इसी तरह जब भी कठिनाई महसूस हो तो बाबा को बुलाएं, बाबा का आह्नान करें। जब तक मन में नफरत है योगी नहीं बन सकते: यदि हमारे मन में किसी के प्रति नफरत या द्वेष भाव है तो हम योगी नहीं बन सकते हैं। सोचो कितना सुंदर भाग्य है हमारा कि मुझे भगवान मिला है। द्वापर काल से आपने सुना होगा बहुत सारी कहानियां। जो भी भगवान के मार्ग पर चला उसको किसी ने साथ नहीं दिया। लोग क्या कहेंगे यह नहीं सोचना है। बाबा मुझे क्या कह रहा है वह करना है। हमें तपस्या करनी है। पहला आत्मअभिमानी होने की, दूसरा आत्मिक दृष्टि की तपस्या, तीसरा संपूर्ण पवित्रता की तपस्या, चौथा बुद्धि को स्थिर करने की तपस्या और पांचवा स्वमान की तपस्या। 

पांच दिन में करें पांच तरह का योग: बापदादा के साथ 5 दिन में 5 तरह के योग करें। कभी अनुभव करें बाबा ने आते ही अपना वरदानी हाथ मेरे सिर पर रख दिया है। दूसरे दिन अनुभव करें बापदादा की हजारों भुजाएं मेरे सिर के ऊपर फैला दी गई हैं जो मेरी छत्रछाया बनकर मेरे साथ हैं। तीसरे दिन अभ्यास करें बाबा के साथ मैं पूरे घर में घूम रहा हूं। चौथे दिन बाबा के साथ डांस करें। बाबा के साथ रास मिलन करें। भोजन बनाते समय बाबा को बुलाओ। आओ मदद करो मुझे। आदत डालो याद करने की। कितना सुंदर मौका दिया है बाबा ने मुझे। पांचवे दिन बाबा को अपना साथी बनाकर याद करें। इस तरह अलग-अलग तरह के अभ्यास से योग में सुंदर अनुभव होने लगेंगे।

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