सितंबर 2016 में मेरे पति मेरा हाथ और साथ छोड़ चल बसे। जिंदगी मानो थम सी गई थी। निराशावादी जिंदगी जीने के लिए विवश थी। उस परिस्थति में पतियों के पति परमात्मा ने मेरा हाथ थामा। फिर राजयोग मेडिटेशन के अभ्यास से जीवन को एकनई दिशा मिली। समझो मुझे एक अलौकिक दिव्य शक्ति ने कहा बच्ची तुम परेशान मत हो। मैं तुम्हारी मदद के लिए सदा तैयार हूं और रहूंगा। अब तुम मेरी हो, मैं तुम्हारा हूं। अध्यात्म से जुडऩे केबाद ही पता चला कि जीवन में भयानक स्थिति होते हुए भी साकारात्मक बदलाव सबके लिए संभव है। अब मैं खुद को अकेली महसूस नहीं करती। मेडिटेशन के अभ्यास से मैं शारीरिक, मानसिक और आर्थिक संतुलन कायम करने में सफल हो रही हूं। परमात्मा ने अपना बनाकर मुस्कुराना सिखा दिया। अंत में यही कहूंगी जिंदगी एक हसीन ख्वाब है। जीने की चाहत होनी चाहिए, गम खुद ही ख़ुशी में बदल जाएंगे। मुस्कुराने की आदत होनी चाहिए।
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मेडिटेशन से मिली एक नई मुस्कुराती-महकती जिंदगी
September 26, 2020 बातचीतखबरें और भी
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