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भारत को विश्व गुरु बनाना है तो प्रत्येक बच्चा शिक्षित होना जरूरी - Shiv Amantran | Brahma Kumaris
भारत को विश्व गुरु बनाना है तो प्रत्येक बच्चा शिक्षित होना जरूरी

भारत को विश्व गुरु बनाना है तो प्रत्येक बच्चा शिक्षित होना जरूरी

मध्य प्रदेश राज्य समाचार

शिव आमंत्रण, ग्वालियर। गरीब मजदूर पाठशाला शाखा विवेकानंद नीडम में बच्चो के लिए चरित्र निर्माण और मूल्य शिक्षा पर आधारित एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जहां पर गरीब मजदूरों के बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा दी जाती है। कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज संस्थान से मोटिवेशनल ट्रेनर एवं राजयोग प्रशिक्षक बीके प्रह्लाद, समाज सेवक एवं वरिष्ठ चिकित्सक एस. पी. बत्रा एवं समाज सेवक अनिल कुमार पंजवानी इस कार्यक्रम में उपस्थित हुए।
गरीब मजदूर पाठशाला की वर्तमान में 5 शाखाएं चल रही हैं जिनमें गरीब मजदूर भाइयों के लगभग 200 बच्चों को उनके घर पर ही पढ़ाते हैं। इस कार्य में मार्गदर्शक एवं इस केंद्र के संरक्षक सेवानिवृत शिक्षक ओपी दीक्षित है एवं साथ ही साथ ब्रजेश शुक्ला (शासकीय शिक्षक), मनोज पांडे (सेवानिवृत फौज), भरत सिंह, श्री. चौरसिया, कपिल झा, साहिल खान और मृदुल शर्मा स्वयंसेवक के रूप में कार्य कर रहे हैं।
शाखा का यह मानना है की भारत को विश्व गुरु बनाना है तो भारत के प्रत्येक बच्चे का शिक्षित होना जरूरी है। इसलिए इन गरीब मजदूरों के बच्चों को उनके घर पर ही पढाया जाता हैं। विद्यालय का कार्य पूर्ण करने के बाद यह और इनके साथी स्वयंसेवक यह कार्य करते हैं। इनका यह लक्ष्य हैं कि भारत पुन: विश्व गुरु बने और भारत का प्रत्येक बच्चा शिक्षित हो चाहे वह बच्चा गरीब का हो या अमीर का।

पढ़ा लिखा होगा इंसान तभी होगा मेरा भारत महान

कार्यक्रम में सभी बच्चों को चरित्र निर्माण एवं नैतिक शिक्षा के बारे में बताते हुए बीके प्रह्लाद ने कहा, कि हमें हमेशा अपने माता पिता और गुरुजनों का सम्मान करना चाहिए साथ ही उनकी आज्ञा का पालना करना चाहिए। साथ ही सभी को स्वयं का सत्य परिचय कराते हुए कहा, कि हम सब एक चेतन शक्ति है जिसको आत्मा, रूह या प्राण कहा जाता है। कर्मों के अनुसार आत्मा इस सृष्टी रुपी रंग मंच पर अपना अभिनय करती है इसलिए हमें हमेशा अच्छे कर्म ही करने चाहिए। हमें हमेशा सकारात्मक ही सोचना चाहिए, क्योंकि सोच का हमारे जीवन पर 100 प्रतिशत असर पडता है। हम सब आत्माओं के पिता परमात्मा शिव है जो कि निराकार ज्योति बिंदु स्वरूप है। उनको याद करने से हम अपनी एकाग्रता बढा सकते है।
साथ ही सभी बच्चों योग एवं ध्यान का जीवन में को महत्व बताते हुए राजयोग ध्यान की गहन अनुभूति भी कराई और बच्चों को खूब पढऩे और आगे बढऩे के लिए प्रेरित किया।
तत्पश्चात डॉ. एस. पी. बत्रा, अनिल कुमार पंजबानी एवं बीके प्रह्लाद ने समाजसेवियों के सहयोग से बच्चों को मिठाई, शैक्षणिक सामग्री एवं दरी, मौजे, गर्म कैप एवं मास्क का वितरण किया।
ब्रजेश शुक्ला ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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