1994 में आदरणीय दादी प्रकाशमणि जी एवं आदरणीय गुलजार दादी जी के आगरा शुभ आगमन पर आपने मेला हेतु अपना स्थान उपलब्ध कराया था। ईश्वरी ज्ञान में आते ही बाबा की अनेक प्रकार की सेवाओं में जिम्मेवारी का ताज धारण कर निरंतर चलते रहे, यज्ञ द्वारा मान मान्य आगरा सब जॉन कमेटी के भी सदस्य थे। नंद एस्टेट डेवलपर्स के प्रबंध निदेशक एवं रमाडा प्लाजा होटल के चेयरमैन थे। विशेष आगरा की ईश्वरीय सेवाओं में आपका अविस्मरणीय योगदान निरंतर रहा। मधुबन बेहद यज्ञ सेवाओं से आपका गहरा स्नेह था।
अंतरराष्ट्रीय स्तर के म्यूजियम आर्ट गैलरी के निर्माण से लेकर बाबा के अनेक सेवा केंद्रों के निर्माण में आपकी सक्रिय भूमिका, सहयोग में विशेष रूचि थी। सदा ही यज्ञ सेवाओं में आने वाले विघ्न बाधाओं, विपदाओं के समाधान में बहनों के साथ बैकबोन बनकर निरंतर खड़े रहे। प्रतिवर्ष संपन्न होने वाले बड़े छोटे कार्यक्रमों में विशेष सहभागिता और उपस्थिति को अनिवार्य समझा । आपके होटल में संपन्न फ्यूचर ऑफ पावर का प्रोग्राम एक यादगार, ऐतिहासिक प्रोग्राम था।
आपने दिल की आवाज दिल तक पहुंचाने वाले गीत लिखे। भ्राता नंद किशोर जी द्वारा स्वरचित गीतों पर बनी सीडी ‘प्रभु पैगाम के गीत’ पी एम टी वी पर एक लघु अंतराल से सुनाए जाते रहे हैं जिसमें 1)ए खुदा तू बता तेरा क्या नाम है?2)तू वही है वही है वही है वही.. जिसकी चाहत थी सदियों से हर कौम की, 3)तेरे आने की आहट मिली थी मगर… बहुत प्रसिद्ध हुये।
आज दिनाँक 9-9-2020बुधवार को पुणे में अपने दूसरे निवास पर अपना भौतिक कलेवर त्याग बापदादा की गोद ली है।ब्रह्माकुमारीज़ परिवार आपको भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है।

ब्रह्माकुमार नंदकिशोर मंगरानी को भावभीनी श्रद्धांजलि।
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