ब्रह्माकुमारीज मानसरोवर कोविड केन्द्र में 593 लोगों ने जीती करोना की जंग, 76 लोगों की हुई मौत
शिव आमंत्रण,आबू रोड, 7 जून, निसं। दो महीने 15 दिन पूर्व कोरोना से हाहाकार की स्थिति थी। जिले में भी तेजी से भयानक हो रही थी। ऐसे वक्त पर संभाग के सबसे बड़े ब्रह्माकुमारीज मानसरोवर कोविड केन्द्र की शुरूआत हुई। पांच सौ बेड वाले इस कोविड केन्द्र में सैकड़ों लोागों को जिन्दगी दी। जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद, उपखण्ड अधिकारी अभिषेक सुराणा, तहसीलदार रामस्वरूप जौहर, नोडल प्रभारी सुमन सोनल तथा विकास अधिकारी प्रदीप मायल ने मोर्चा संभाला और चिकित्सा प्रभारी डॉ एमएल हिण्डोनिया, डॉ सलीम खान, डॉ अक्षय, डॉ चन्दन सिंह एवं डॉ सुनील कुमार गरासिया समेत 40 पैरामेडिकल स्टाफ ने मिलकर सैकड़ों लोगों की जिन्दगी बचा ली।
वैसे तो आबू रोड में कोविड केन्द्र 15 मार्च को ही शूरू हो गया था। ब्रह्माकुमारीज संस्थान ने तेजी से बढ़ते करोना मरीजों के इलाज के लिए पहले प्रेम निवास तथा आत्मदर्शन भवन दिया लेकिन मरीजों की संख्या ज्यादा होने पर मानसरोवर कोविड केन्द्र को प्रशासन को सौंप दिया। 23 मार्च को संभाग का सबसे बड़े मानसरोवर कोविड केन्द्र में इसकी शुरूआत हुई। उस दौरान बड़ी संख्या में मरीज आये लेकिन चिकित्सकों की टीम, प्रशासन की मुस्तैदी से लोगों के जान बचाने में सफल हो गये। आज यह कोविड केन्द्र करोना मुक्त हो गया है। वरिष्ठ नर्सिंगकर्मी सुखवीर सिंह ने पूरी व्यवस्था संभाली।
90 प्रतिशत रिकवरी रेट: ब्रह्माकुमारीज संस्थान के मानसरोवर कोविड केन्द्र ने रिकवरी के मामले में रिकार्ड बनाये है। पिछले सवा दो महीने में 669 मरीज भर्ती हुए। जिसमें 593 लोगों ने करोना की जंग जीतकर करोना को हरा दिया। वहीं 76 लोगों की करोना ने जिन्दगी लील ली। परन्तु चिकित्सकों की मुस्तैदी से 90 प्रतिशत रिकवरी रेट एक रिकार्ड है।
आध्यात्मिक माहौल का सकारात्मक असर: ब्रह्माकुमारीज मानसरोवर कोविड केन्द्र सुन्दर प्राकृतिक वातावरण में बसा हुआ है। वही यहॉं का आध्यात्मिक वातावरण, खुली हवा के बीच मरीजों को रिकवर होने में मदद मिली। ब्रह्माकुमारीज संस्थान ने स्टॉफ से लेकर सभी मरीजों एवं उनके परिजनों के भोजन, नास्ते एवं काढ़ा की व्यवस्था की। इसके साथ ही करोना मरीजों के लिए सुबह एवं शाम आध्यात्मिक म्यूजिक बजायी जाती थी।
अंतिम मरीज ने बीस दिन में जीत ली मुश्किल जिन्दगी: मानसरोवर कोविड केन्द्र प्रभारी डॉ एमएल हिण्डोनिया ने बताया कि अंतिम मरीज जब आयी थी तब उसकी स्थिति बहुत गम्भीर थी। उसका सीटी रेट 24/25 था। लेकिन डॉ हिण्डोनिया एवं टीम ने मेहनत की और वह करोना की जंग जीतकर आज डिस्चार्ज हो गयी।
अब मानसरोवर में केवल 31 का स्टाफ: अब मानसरोवर कोविड केन्द्र में केवल चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टॉफ की 31 लोगों की टीम बची है। बाकी एक भी मरीज नहीं है।
75 दिनो में ही करोना मुक्त हुआ संभाग का सबसे बड़ा ब्रह्माकुमारीज मानसरोवर कोविड केन्द्र
June 8, 2021 मुख्य समाचारखबरें और भी