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रील लाईफ से अलग है रियल लाईफ, युवाओं को आज भी फिल्म इंडस्ट्री में अवसर-पटेल - Shiv Amantran | Brahma Kumaris
रील लाईफ से अलग है रियल लाईफ, युवाओं को आज भी फिल्म इंडस्ट्री में अवसर-पटेल

रील लाईफ से अलग है रियल लाईफ, युवाओं को आज भी फिल्म इंडस्ट्री में अवसर-पटेल

बातचीत शख्सियत

आबू रोड, 2 अक्टूबर, निसं। एलान ए जंग, तहलका, दिलजले, फरिश्ते जैसी हिट फिल्मों समेत दर्जन भर टीवी सिरियलों के निदेशक तथ उपनिदेशक रहे गुजरात मूल के नरेश पटेल ने कहा कि रील लाईफ से रीयल लाईफ बिल्कुल अलग होती है। दर्शकों को हमेशा फिल्म से अच्छी बातें ही जीवन में सीखनी चाहिए। वे दो दिवसीय आबू रोड प्रवास ब्रह्माकुमारीज संस्थान में आये थे। उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री की चुनौतियों और उपलब्धियों पर खुलकर अपनी बात रखते हुए कहा कि यदि आपके पास टैलेंट और काम करने का जज्बा है तो किसी गॉड फादर की जरूरत नहीं होती है। हमेशा आपकी डिमांड होगी और आपको काम मिलता रहेगा। क्योकि आज भी लोग कड़ी मेहनत करने वालों का सम्मान रहता है। फिल्म और सिरियल जब डाईरेक्टर और प्रोडयूसर बनाता है तो उसका मकसद लोगों का मनोरंजन के साथ कुछ सीख देने की भावना होती है। परन्तु पश्चिमी देशों के प्रवाह से निश्चित तौर पर समाज में एक भटकाव की स्थिति आयी है। इस बारे में फिल्म निर्माताओं को जरूर विचार करने चाहिए। माउण्ट आबू के लिए फिल्म और सिरियल की दृष्टि से बेहतरीन लोकेशन बताते हुए कहा कि मुझे अवसर मिला तो जरूर मैं माउण्ट आबू में सूटिंग के लिए आउंगा। भले ही सिरोही जिला छोटा हो परन्तु यहॉं के युवाओं के लिए भी हमेशा स्वागत है।

मानसी पटेल

पृथ्वीराज चौहान जैसे हिट सिरियलों के निदेशक नरेश पटेले की धर्मपत्नी मानसी पटेल ने भी दर्जनों सिरियलों में अहम किरदार निभा चुकी है। उन्होंने कहा कि अब मैं हर वर्ष माउण्ट आबू आउंगी और खासकर ब्रह्माकुमारीज संस्थान में राजयोग से खुद को रिचार्ज करूंगी। आज फिल्म इंडस्ट्री में काम कर रहे लोगेां को भी मेडिटेशन की अति आवश्यकता है। ताकि वे अपना काम तनावमुक्त होकर कर सकें। ब्रह्माकुमारीज संस्थान इसके लिए बेहतर स्थान हो सकता है।

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