सच क्या है
शिव आमंत्रण, रायपुर (छग)। बचपन से ही मैं अल्लाह की बहुत इबादत करता था। साथ ही अल्लाह की सेवा में मस्जिद, दरगाह में अपना ज्यादा समय लगाता था। मेरा ख्वाब था कि जीवन में एक बार अल्लाह का दीदार करना है। इसके लिए मैंने काफी इबादत की। लेकिन मेरी तलाश पूरी नहीं हो सकी। लेकिन […]
शिव आमंत्रण, आबू रोड (राजस्थान)। जब जीवन में कोई भयानक आपदा-विपदा या परेशानी आती है, सांसों की डोर उखड़ने को आतुर होती है, सभी प्रयास विफल हो जाते हैं और जीवन-मरण के बीच जिंदगी की पतवार जूझ रही होती है तो सभी के मुंह से एक ही शब्द निकलता है कि अब ‘दुआ’ कीजिए। दुआ […]
शिव आमंत्रण, आबू रोड (राजस्थान)। सदियों से हम विघ्न विनाशक गणेशजी की आराधना करते आ रहे हैं। हर वर्ष बड़े उमंग उत्साह के साथ स्थापना करते हैं और दस दिन पूजन-अर्चन के बाद विसर्जित कर देते हैं। सवाल ये है कि बचपन से जीवन कीसांझ आ गई लेकिन गणेशजी के जीवन से सीखा क्या है? […]
तीन संस्कृति, तीन धर्म और एकता के 13 बरस, मुख्यालय शांतिवन: हिंदू, मुस्लिम और सिख युवा की प्रेरणादायक कहानी शिव आमंत्रण, आबू रोड (राजस्थान)। वसुधैव कुटुम्बकम्। इस महावाक्य को ब्रह्माकुमारीज़ में तन-मन से समर्पित तीन युवाओं ने साकार कर दिखाया है। तीन अलग-अलग राज्यों, तीन धर्म के होने के बाद भी इन्होंने एक साथ, एक […]
शिव आमंत्रण, आबू रोड (राजस्थान)। जीवन में त्याग और तप की राह दुर्लभ और कठिन है। लेकिन इस राह का आनंद और सुकून भी अपना है। जीवन में जब कोई कदम या निर्णय स्व इच्छा, स्व विवेक और स्व संकल्प से उठाया जाता है तो भले कितने ही कंकड़, पत्थर, शूल और कांटे पल-पल राह […]
शिव आमंत्रण, आबू रोड (राजस्थान)। कल्पना की दुनिया विशाल और अनंत है। दुनिया में जितने भी आविष्कार हुए हैं सभी कल्पना शक्ति की ही देन हैं। सबसे पहले सृजन का विचार मन में आता है और मन, बुद्धि बल के सहयोग से उसे कल्पना के रूप में आकार देता है। बिना कल्पना किए सृजन संभव […]
बीके पुष्पेन्द्र संयुक्त संपादक, शिव आमंत्रण् नवरात्र पर्व। नवरात्र अर्थात् नव+रात्रि। नव से आशय नई, नवीन, मंगलकारी शुरुआत। रात्रि से आशय अंधकार, अज्ञान। नवरात्र सिखाता है कि जीवन में छाई अज्ञान-अंधकार और आसुरीयता रूपी रात्रि को सदा-सदा के लिए खत्म कर नव शुरुआत की जाए। मन के किसी कोने में छिपे आसुरीयता रूपी विकारों (द्वेष, […]
शिव आमंत्रण,आबू रोड/राजस्थान। भारत में परम्परागत तरीके से नवरात्र मनाया जाता है। नवरात्र का भावनात्मक अर्थ है दुर्गा के नौ रूपों की नौ दिनों तक पूजा-अर्चना और नवरात्र का आध्यात्मि अर्थ है नव या नए युग में प्रवेश करने से ठीक पहले की ऐसी घोर अंधियारी रात्रि, जिसमें शिव, अवतरण लेकर मनुष्यात्माओं के पतित अवचेतन […]
नौ दिन ही नियम-संयम क्यों, जीवनभर क्यों नही शिव आमंत्रण। शक्ति, ऊर्जा, ताकत, बल। संपूर्ण ब्रह्मांड शक्ति (एनर्जी) से ही चल रहा है। जीवन को उच्च गुणवत्तापूर्ण जीने के लिए मुख्य पांच शक्तियों का संतुलन और समन्वय जरूरी हैशारीरि क शक्ति, मानसिक शक्ति, अर्थ शक्ति, आत्मिक शक्ति और परमात्म शक्ति। हम शारीरिक शक्ति और […]
शिव आमंत्रण। आध्यात्म अर्थात् आत्मा का अध्ययन। परमात्म शक्ति से आत्मिक शक्तियों को जागृत करना। आध्यात्म की धारा नित, निरंतर, नूतन, नए प्रयोगों और अनुभवों पर आधारित होती है। आत्मिक चेतना का अभ्यास जितना गहराईपूर्ण और अनुभवयुक्त अवस्था की ओर बढ़ता है तो अनुभवों की माला उनती ही महीन और मजबूत बनती जाती है। आध्यात्म […]
हम सभी प्राय: स्वर्णिम संस्कृति के बारे में कल्पना करते हैं, उसमें जीना चाहते हैं और उस संस्कृति को अपनी यादों में चिरस्मृति के रूप में संजो कर रखना चाहते हैं। स्वर्णिम दुनिया के संकल्प मात्र से मन में एक खुशी-आनंद की सिहरन दौड़ जाती है और अंत:करण से निकलता है काश! उस दुनिया का […]
अंतर्मन-संदेह या चिंता से नकारात्मक विचार से अपना विश्वास कमजोर न करें… प्रतिदिन कम से कम पांच मिनट मेडिटेशन जरूर करें… आ कर्षण के नियम का अर्थ यह नहीं है कि हमें वही मिलता है जो हम चाहते हैं, इसका अर्थ है कि हम वही पाते हैं जो हम हैं। हमें यह याद रखने की […]