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सच क्या है - Shiv Amantran | Brahma Kumaris

सच क्या है

आध्यात्म के समावेश से जीवन होगा ‘भयमुक्त’

आध्यात्म के समावेश से जीवन होगा ‘भयमुक्त’

March 22, 2022

भय, डर, फीयर। आज हर कोई किसी न किसी प्रकार के भय में जी रहा है।किसी को मृत्यु का भय है तो किसी को असफलता, निंदा, भविष्य, मान-सम्मान, करीबी रिश्ते खो जाने, अपमान, भूत-प्रेत फिर सबसे बड़ा भय है… ‘ लोग क्या कहेंगे ‘। इसे सामाजिक भय भी कह सकते हैं। अपने मन और विचारों […]

इन्हीं परिस्थितियों में हमें संपूर्ण बनना है

इन्हीं परिस्थितियों में हमें संपूर्ण बनना है

December 17, 2021

एक व्यक्ति जीवन से बहुत परेशान हो उठा। बहुत दु:खी, एक समस्या, दूसरी समस्या तीसरी समस्या, संसार, गृहस्थ, क्या करूं सोच रहा था। जहां देखो वहां कठिनाई, जहां देखो वहीं मुसीबतें। वो एक जैन गुरू के पास गया और आपबीती सुनाई। उस गुरू ने सारी बातें उसकी सुनी और उससे कहा एक गिलास पानी लेकर […]

स्व चिंतन, आत्म चिंतन

स्व चिंतन, आत्म चिंतन

September 29, 2021

स्वचिंतन, आत्मचिंतन, स्वनिरीक्षण। स्वचिंतन अर्थात् स्व+चिंतन। खुद (आत्मा) का चिंतन, मनन और अवलोकन। चिंतन की गहराई और एकात्मता जितनी सूक्ष्म होगी, विचारों रूपी अमृत उतना गहराई पूर्ण और अनुभव युक्त होगा। एकांत और एकाग्रता इसकी पहली शर्त है। आध्यात्म पथ के राही के लिए स्वचिंतन प्राणवायु की तरह है। कितने ही वेद, ग्रंथ, शास्त्रों का […]

पवित्र बंधन में बंधने का स्वर्णिम काल :- बीके पुष्पेन्द्र

पवित्र बंधन में बंधने का स्वर्णिम काल :- बीके पुष्पेन्द्र

August 17, 2021

शिव आमंत्रण आबू रोड। जीवन में जब कोई विशेष कार्य हवन-पूजन, आराधना, यज्ञ-जप-तप, ज्ञान-ध्यान की शुरुआत करते हैं तो तन-मन की पवित्रता पर विशेष जोर दिया जाता है। प्रकृति, पृथ्वी और आत्मा का मूल स्वरूप भी पवित्रता है। सात दिव्य गुणों में पवित्रता भी आत्मा का एक दिव्य गुण है। सृष्टि के आदि में प्रत्येक […]

शाँत, धैर्यशील व्यक्ति की उपस्थिति से वो जगह अपने आप ही शुभ हो जायेगी

शाँत, धैर्यशील व्यक्ति की उपस्थिति से वो जगह अपने आप ही शुभ हो जायेगी

August 3, 2021

सम्पत सिंह ने व्यापार में अच्छे पैसे कमाने के बाद फनवर्ल्ड के पास एक पाँच बीघा जमीन खरीदी, जिस पर एक दोमंजिला सुन्दर सा घर और चारों तरफ पेड़, पौधे और हरियाली रहने दी। उसमें सम्पत ने एक छोटा सा स्विमिंग पूल बनाया। स्विमिंग पूल के पास एक पचास साठ साल पुराना आम का पेड़ […]

आत्मशक्ति ऊंची अवस्था में देवतुल्य और निम्न अवस्था में दानव तुल्य

आत्मशक्ति ऊंची अवस्था में देवतुल्य और निम्न अवस्था में दानव तुल्य

August 1, 2021

मनुष्य में जो चेतना है वो अनेक गुणों और शक्तियों से भरपूर है । विज्ञान ने भी अपनी खोज में यह पाया है कि यह सारा संसार ऊर्जा के सुक्ष्म कणों से मिलकर बना है । ये कण अविनाशी और अनंत है, जो केवल अपना स्वरूप बदल सकते हैं परंतु नष्ट नहीं होते हैं । […]

व्यक्तित्व को कुंदन बनाती हैं समस्याएं

व्यक्तित्व को कुंदन बनाती हैं समस्याएं

July 20, 2021

सृष्टि चक्र में जो भी महान व्यक्तित्व हुए हैं वह कठिन परिस्थितियों, समस्याओं, वेदना, दु:ख और दर्द की पाठशाला से निकलकर व्यक्तित्व का विश्वविद्यालय बने हैं। उन्होंने दु:ख, तकलीफ और कठिन परिस्थितियों के बीच ही निराशा को आशा, हताशा को उमंग-उत्साह और प्रेरणा की ओर मोड़ दिया। वास्तव में यही वह दौर होता है जब […]

ऐसा कोई बाप है जिसका पता चलते ही होती है प्राप्ति शुरू…

ऐसा कोई बाप है जिसका पता चलते ही होती है प्राप्ति शुरू…

May 12, 2021

भगवान का स्वरूप सब धर्मों में एक ही है और वह है निराकार… शीख धर्म वाले उसको एकोहंकार कहते है, ख्रिश्चन धर्म वाले पॉईंट आफ लाइट कहते है तो मुस्लिम उसको नूर कहते है।उसके लिए भक्ति मार्ग में बहुत कुछ कहते है लेकिन समझते कुछ भी नही। मुख्य बात वह आत्मा का बाप है उसको […]

अहंकार बोलता है, मै ही परमात्मा हुं…

अहंकार बोलता है, मै ही परमात्मा हुं…

May 4, 2021

मै ही परमात्मा हूं बोलते हुए मैने कई लोगों को देखा है। उनके हर शब्द मे अहंकार पनपता है। जब खुद आत्मा हो यह इस दुनिया मे किसी को मालूम नही तो तुम परमात्मा तक पहुंच भी नही सकतेे। परमात्मा शिव तो एकही है और वह हम सब देहधारी आत्माओं का बाप है। यह जो […]

ज्ञान-पवित्रता का आधार स्तंभ थीं दादी गुलजार

ज्ञान-पवित्रता का आधार स्तंभ थीं दादी गुलजार

April 27, 2021

परमात्मा तो जानी-जाननहार है। वह हम सबकी कुंडली जानते हैं कि मेरा कौन बच्चा सहयोगी, योगी और योग्य है। सृष्टि परिवर्तन के इस यज्ञ में जिस दिन 9 वर्ष की कन्या ने अपना पहला कदम बढ़ाया तो ब्रह्मा बाबा को यह आभास हो गया था कि यह बच्ची एक दिन परमात्म संदेशवाहक बनकर लाखों लोगों […]

इसी धरती पर स्वर्ग…? कैसे…?

इसी धरती पर स्वर्ग…? कैसे…?

March 17, 2021

सब धर्मों के निराकार पिता परमपिता, परमात्मा शिव इस धरती पर कल्प में एक ही बार अवतरीत होते है लेकिन आत्माओं का और इस धरती का, प्रकृति का कल्पनातीत परिवर्तन करते है। वह निराकार, विदेही है पर एक ब्रह्मा के शरीर मे अवतरीत होने के बाद अपने सब बच्चों को शरीर में होते हुए आत्मिक […]

मंदिर में जाने से पहले आखिर क्यों बजाते है घंटी,जानिये इसके वैज्ञानिक लाभ…!

मंदिर में जाने से पहले आखिर क्यों बजाते है घंटी,जानिये इसके वैज्ञानिक लाभ…!

March 8, 2021

आप जब कभी मंदिर जाते है तो आपने दरवाजे पर घंटी या घंटे जरूर देखी होगी और ये प्रचलन पौराणिक काल से चला आ रहा है। इस घंटे या घंटी लगाने के पीछे न सिर्फ धार्मिक महत्व है बल्कि वैज्ञानिक महत्व भी है। लेकिन ये महत्व क्या है वो बहुत काम लोग ही जानते है। […]