पिछले कुछ वर्षों में योग के प्रति लोगों का रुझाान बढ़ा है। अब तो लोगों में इतनी जारूकता आ गई है कि बच्चों से लेकर बूढ़े तक हर कोई अपनी दिनचर्या में योग को शामिल कर लिया है। योग और राजयोग से तन और मन की बीमारी ठीक होने में मदद करती है। तन और मन के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है कि हम प्रात: काल या जब भी समय मिले अपने लिए अवश्य थोड़ा टाइम निकालें। जैसे परिवार और अपने कार्य व्यवहार के लिए शक्ति और सामर्थ्य की जरूरत होती है, वैसे ही मन और तन को चलाने के लिए शक्ति की जरूरत होती है। इससे ही हमारे जीवन में सामंजस्य बना रहता है। यही कारण है कि अब वैज्ञानिक, चिकित्सक और मनोचिकित्सक भी कहने लगे है कि सर्वांगीण स्वास्थ्य के लिए अध्यात्म के साथ राजयोग ध्यान जरूरी है। इससे ही हमारी स्थिति उच्च रह सकती है। परिवार और कार्य व्यवहार को सुचारू रूप से चलाने के लिए भी जरूरी है कि हम सकारात्मकता को अपने जीवन में अपनाएं और जीवन को स्वर्ग बनाएं। परिवार, बच्चों और कार्य स्थल पर सुस्ती , आलस्य को दूर करने और हमेशा तरोताजा रहने के लिए भी जरूरी है कि हम शारीरिक व्यायाम प्रतिदिन करें। साथ ही मन को सशक्त बनाने और अन्तर्मन में ऊर्जा भरने के लिए अध्यात्म और राजयोग का सहारा लें। इससे आपके अन्दर एक असीम ऊर्जा का एहसास होगा। साथ ही आपके कार्य व्यवहार में एक नयापन आएगा। तनाव और विपरीत परिस्थितियों में दुख और मान-अपमान से ऊपर उठने के लिए अपने जीवन को सुदृढ़ करने में मदद मिलेगी। यही योग दिवस का संदेश है।
योग से भाग जाएंगे सब रोग
May 23, 2023 सम्पादकीयखबरें और भी