इन दिनों पूरे विश्व की निगाहें रूस और यूक्रेन में चल रहे युद्ध पर टिकी हुई हैं। युद्ध के दौरान दोनो ही देशों की सेना के जवानों के साथ आम लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। यही नहीं यूक्रेन के कई शहर तबाह हो चुके हैं। बहरहाल जो भी हो लेकिन इतना तो तय है कि किसी भी क्षेत्र में शांति और विकास युद्ध से नहीं बल्कि आपसी बातचीत और भाईचारा से ही होगी। जान चाहे किसी की भी जाये लेकिन मरेगी मानवता। दुनिया का प्रत्येक मनुष्य परमात्मा की संतान है। इसलिए हर एक को शांति और सुकून के लिए प्रार्थना करना चाहिए। किसी भी युद्ध का कारण केवल अहंकार और लालच होती है। यदि व्यक्ति इन अवगुणों का त्याग करे तो इस दुनिया से नफरत, हिंसा और अत्याचार और व्यभिचार समाप्त हो जाएगा। क्योंकि सभी समस्याओं की जड़ यही है। इसलिए हमें कभी भी युद्ध का रास्ता नहीं अपनाना चाहिए। इससे शांति और विकास दोनों ही तहस-नहस होता है। परमात्मा का संदेश है कि जीवन में प्रत्येक व्यक्ति को शांति और प्रेम को बढ़ावा देना चाहिए। आने वाली दुनिया परमात्मा स्थापित कर रहा है। यह तो होना ही है परन्तु हमें आपसी सौहाद्र्र और भाईचारा को बढ़ावा देकर ही किया जा सकता है। इसके लिए प्रयास भी करना चाहिए। यही परमात्मा का संदेश है। दूसरा वर्तमान समय में पूरे विश्व में शांति बनाये रखने के लिए परमात्मा से प्रार्थना करें और ध्यान साधना करें।
विश्व में सभी देशों के आपसी सहयोग से ही होगी शान्ति
April 10, 2022 सम्पादकीयखबरें और भी