बीना/सागर (मप्र) :- बचपन में बड़ी दीदी के साथ ब्रह्माकुमारीका सेवाकेंद्र पर जाती थी, लेकिन ज्ञान समझ नहीं आता था। सेवाकेंद्र पर जाना जारी रहा और पढ़ाई भी चलती रही। जैसे-जैसे बड़ी हुई तो यह ज्ञान स्पष्ट होने लगा। बीए करने के बाद संकल्प किया कि अब पूरी तरह से परमात्मा शिव बाबा की सेवा में जीवन लगाना है। वर्ष 2018 से बीना सेवाकेंद्र पर रहकर सेवा कर रही हूं। पहले मुझे बहुत डर लगता था, हमेशा चिंता रहती थी, सबसे बड़ी बात सिर में बहुत दर्द रहता था जो कि राजयोग मेडिटेशन के नियमित अभ्यास से दूर हो गया। राजयोग की शक्ति का कमाल है कि अब मन बहुत शांत रहता है। डर, भय, चिंता तो जैसे जीवन से सदा के लिए अलविदा हो गया है। युवाओं को राजयोग से जुडऩा चाहिए।
बचपन से संकल्प था कुछ अलग करना है
April 27, 2021 बातचीतखबरें और भी