सभी आध्यात्मिक जगत की सबसे बेहतरीन ख़बरें
ब्रेकिंग
नकारात्मक विचारों से मन की सुरक्षा करना बहुत जरूरी: बीके सुदेश दीदी यहां हृदय रोगियों को कहा जाता है दिलवाले आध्यात्मिक सशक्तिकरण द्वारा स्वच्छ और स्वस्थ समाज थीम पर होंगे आयोजन ब्रह्माकुमारीज संस्था के अंतराष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शुरू दादी को डॉ अब्दुल कलाम वल्र्ड पीस तथा महाकरूणा अवार्ड का अवार्ड एक-दूसरे को लगाएं प्रेम, खुशी, शांति और आनंद का रंग: राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी इस विद्यालय की स्थापना से लेकर आज तक की साक्षी रही हूं: दादी रतनमोहिनी
राजयोग के अभ्यास से प्रभु की छत्रछाया का अनुभव होता है - Shiv Amantran | Brahma Kumaris
राजयोग के अभ्यास से प्रभु की छत्रछाया का अनुभव होता है

राजयोग के अभ्यास से प्रभु की छत्रछाया का अनुभव होता है

बातचीत

बचपन में जब भी मन्दिर में जाता था तो वहां पर देवी-देवताओं की मूर्तियों को देखकर मन में विचार उठते थे कि इनको ऐसा बनाने वाला कौन है, इनकी पूजा क्यों हो रही है? ऐसे बहुत से प्रश्न मन में उठते थे इन सभी प्रश्नों का उत्तर मुझे ब्रह्माकुमारीज़ में 7 दिन का कोर्स करने के बाद मिला। अब मुझे पता चल गया है कि निराकार परमपिता परमात्मा ही कलियुग के अंत में इस धरा पर अवतरित होकर ब्रह्मा तन को आधार बनाकर हम बच्चों को ऐसी शिक्षा देते हैं कि जिसको जीवन में धारण कर हम भविष्य में सतयुगी देवी-देवता बनते हैं। राजयोग के निरंतर अभ्यास से जीवन में बहुत परिवर्तन आया है। जीवन में आई कठिन परिस्थितियों को भी राजयोग द्वारा बहुत सहज तरीके से पार कर लिया। इससे जीवन में धैर्यता, सन्तुष्टता, गंभीरता आदि गुणों का समावेश हुआ, जीवन जीने की कला सीख ली। राजयोग से हर पल प्रभु की छत्रछाया का अनुभव होता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *