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डायबिटीज में छोटी-छोटी बातों का ध्यान रख सहज रहें - Shiv Amantran | Brahma Kumaris
डायबिटीज में छोटी-छोटी बातों का ध्यान रख सहज रहें

डायबिटीज में छोटी-छोटी बातों का ध्यान रख सहज रहें

अलविदा-डायबिटीज़

डायबिटीज या शुगर एक गंभीर समस्या है। पिछले कुछ दशकों में डायबिटीज के मरीजों की तादाद काफी बढ़ गई है। डायबिटीज के बारे में लोगों को जागरूक करने और इससे बचाव के लिए हर साल 14 नवंबर को विश्व डायबिटीज दिवस के रूप में मनाया जाता है। डायबिटीज की स्थिति में मरीज के खून में शुगर घुलने लगता है, जिसके कारण कई तरह की परेशानियां शुरू हो जाती हैं। ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ जाने पर हार्ट अटैक, किडनी फेल्योर, फेफड़ों और लिवर की कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। डायबिटीज शरीर के साथ-साथ मस्तिष्क को भी काफी प्रभावित करता है। इसलिए इससे बचाव बहुत जरूरी है। आइए आपको बताते हैं कि सामान्य तौर पर आपका ब्लड शुगर कितना होना चाहिए और ब्लड शुगर की जांच आप किस तरह कर सकते हैं।

घर पर भी चेक करें ब्लड शुगर
डायबिटीज की स्थिति में ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है इसलिए इसकी आशंका होने पर या डायबिटीज की पुष्टि होने पर आपको लगातार अपना ब्लड शुगर चेक करते रहना चाहिए। ये चेकअप आप आसानी से घर पर ही नियम-संयम अपनाकर खुद ही कर सकते हैं। इसके लिए बाजार में ग्लूकोमीटर मौजूद हैं। जिसे आप आसानी से खरीद सकते हैं। शुगर लेवल चेक करने के दो तरीके हैं- पीपी और फास्टिंग

कितना होना चाहिए आपका ब्लड शुगर
फास्टिंग टेस्ट के दौरान आपको खाली पेट शुगर चेक करनी होती है। फास्टिंग का अर्थ है- आप कम से कम आठ-नौ घंटे खाली पेट रहें। यदि खाली पेट शुगर टेस्ट में आपका शुगर लेवल 70 से 100 एमजी के बीच है तो आपकी शुगर ठीक है लेकिन शुगर लेवल इससे अधिक है तो आपकी शुगर लेवल बढऩा शुरू हो गया है। वहीं पीपी टेस्ट के दौरान आप खाना खाने के डेढ़ से दो घंटे बाद अपना शुगर लेवल टेस्ट कर सकते हैं। इस टेस्ट के दौरान यदि आपका शुगर लेवल 100 से 140 एमजी के बीच है, तो आपकी डायबिटीज नियंत्रण में है, लेकिन यदि इससे अधिक है तो आपकी यह डायबिटीज की पहली स्टेज है।

20 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में
फास्टिंग (खाली पेट शुगर चेक) में- 100 एमजी/डीएल से कम ब्लड शुगर होना चाहिए, खाने से पहले- 70-130 एमजी/डीएल ब्लड शुगर होना चाहिए , खाने के एक से दो घंटे बाद- 180 एमजी/डीएल से कम ब्लड शुगर होना चाहिए। एक्सरसाइज से पहले (अगर इंसुलिन लेते हैं) – 100 एमजी/डीएल से कम ब्लड शुगर होना चाहिए, सोने के समय- 100 से 140 एमजी/डीएल ब्लड शुगर होना चाहिए।

ग्लूकोमीटर से ऐसे चेक करें ब्लड शुगर
सबसे पहले गर्म पानी से अपने हाथ को धो कर साफ तौलिए या कॉटन से पोंछ लीजिए। अपनी उंगली से सूई की मदद से खून की एक बूंद निकालकर डिवाइस में रख दीजिए। उसके बाद जांच के लिए एक कांच की पट्टी बॉटल से लीजिए। पट्टी में खून की बूंद का नमूना डालने के बाद तुरंत बॉटल को बंद कर लीजिए ताकि कोई अन्य टेस्टिंग स्ट्रिप या नमी उससे मिले नहीं। टेस्टिंग डिवाइस के लेवेल पर लगे निर्देशों को पढकर ब्लड शुगर मीटर को तैयार रखिए। रूई के साफ टुकडे को लेकर लैंसेट (खून निकालने के लिए एक प्रकार की नीडिल) को उंगली में चुभोइए। खून निकालने के बाद यह निश्चित कर लीजिए कि खून जांच करने के बिंदु पर ही डाला गया है या नहीं। उसके बाद अच्छी तरह से परीक्षण करने वाले क्षेत्र को कवर कर दीजिए। उंगली के जिस भाग से आपका खून निकला है, वहां रूई लगाइए जिससे ज्यादा खून न निकले। ब्लड शुगर का परिणाम जानने के लिए कुछ वक्त तक इंतजार कीजिए। मीटर कुछ सेकेंड में यह रिजल्ट दे देता है।

शुगर टेस्ट में ध्यान रखें ये बात
नए मीटर से आप उंगली के अलावा शरीर के अन्य स्थानों से खून लेकर जांच कर सकते हैं। इसके लिए बांह, अंगूठा और जांघ से खून के नमूने लिए जा सकते हैं। हालांकि यह हो सकता है कि शरीर के अन्य भाग जांच के दौरान ब्लड शुगर के स्तर का परिणाम उंगली से अलग दे सकते हैं। शरीर के अन्य जगहों की अपेक्षा उंगली पर ब्लड शुगर का स्तर ज्यादा संवेदनशील होता है।

लैब में भी करवा सकते हैं टेस्ट
इसके अलावा भी डायबिटीज डायग्नोस करने का तरीका है। आप लैब में भी जाकर अपना टेस्ट करवा सकते हैं। यहां आपका ब्लड इंजेक्शन से लेकर शुगर लेवल चैक किया जाता है। हालांकि ये प्रोसेस थोड़ा लंबा होता है और इसकी रिपोर्ट भी आपको तुरंत नहीं, थोड़ी देर से मिलती है।

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