शिव आमंत्रण,आबू रोड । डायबिटीज़ का एक मुख्य कारण है Sedentary Lifestyle अर्थात गतिहीन लाईफ स्टाईल, आश्रित जीवन शैली। आज से कुछ दशक पहले तक हम सभी का जीवन कितना कर्मठ था। विज्ञान के अनेकानेक उपकरण हमें सुख तो दिये हैं। परंतु शारीरिक श्रम से कोसों दूर ले जा चुका है। जिसके कारण आज का मनुष्य गतिहीन हो चुका है। आने वाली पीढ़ी का बच्चों को चलना भी आयेगा कि नहीं, मन में प्रश्र उठता है। जब हम कर्मठ जीवन अपनाते हैं तो हमारी मांसपेसियां भोजन से उपलब्ध ग्लूकोज का उपयोग करती हैं। साथ ही हमारे रक्त में शुगर की मात्रा को संतुलित रखती है। परंतु जब कोई गतिहीन हो जाता है तो शरीर में चर्बी अधिक मात्रा में जमा होकर Insulin Resistance पैदा हो जाती है। रक्त में शुगर की मात्रा भी फिर से बढऩे लगती है। इसलिए डायबिटीज़ बीमारी में नियमित व्यायाम करना अति आवश्यक है। यूं तो किसी प्रकार का भी व्यायाम शरीर के लिए उपयोगी तो है ही, परंतु जिस व्यायाम से शरीर का चर्बी कम होकर शारीरिक संतुलन बना रहे। वह विशेष लाभकारी होगा। उदाहरण के तौर पर एराोबिक व्यायाम अगर कोई इसे नियमित रूप से करे तो अवश्य ही शारीरिक संतुलन ठीक तो रहेगा ही, साथ-साथ रक्त संचालन तीव्र होने के कारण रक्त धमनियों तथा हृदय के लिए भी यह विशेष लाभकारी होगा। इसलिए तो एरोबिक व्यायाम को Cardio Respiratory Exercise कहा जाता है। डायबिटीज से ग्रसित व्यक्ति को सप्ताह में कम से कम 5 दिन व्यायाम तो करना ही चाहिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार स्वस्थ्य रहने के लिए सप्ताह में कम से कम 150 मिनट व्यायाम हर एक को करना चाहिए। अर्थात नित्य आधा घंटा व्यायाम जरूरी है। परंतु किसी को शारीरिक वजन कम करने के लिए ज्यादा व्यायाम करना चाहिए। वजन कम करना है तो रोज एक घंटा और सप्ताह में 300 मिनट व्यायाम करना अनिवार्य है। व्यायाम के साथ-साथ कैलोरी का सेवन कम करना जरूरी है। शरीर का उम्र बढऩे के साथ-साथ मांसपेसियां कम होनी लगती हैं और चर्बी अधिक मात्रा में जमा होने लगती है। इसलिए सभी को एनोरोबिक व्यायाम करना भी जरूरी है। इससे शारीरिक गठन का संतुलन बना रहता है और मांसपेशियां मजबूत हो जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देशानुसार सप्ताह में तीन दिन एरोबिक व्यायाम और दो दिन एनोरोबिक व्यायाम करना उचित है। परंतु देखा जाता है कि डायबिटीज बीमारी में धीरे-धीरे हमारे हड्डी के जोड़ अक्रांत होकर अकड़ जाते है। इसलिए जिसे हम आसन कहते हैं वो भी बहुत उपयोगी है। डायबिटीज मरीजों को नियमित आसन आदि भी करना चाहिए।
प्राणायाम: प्राणायाम हमारे फेफड़ों की हरेक समस्या का समाधान करने में विशेष मदद करता हैं। दूसरा अधिक सांस की आपूर्ति हर जीवकोष तक होती है। तथा हमारी Vital Capacity बढ़ाने के साथ-साथ फेफड़े भी अनेकानेक बीमारियों से सुरक्षित रहते हैं। इसलिए डायबिटीज में अगर चारों ही प्रकार का व्यायाम किया जाय तो अवश्य ही लाभकारी होगी।
कौन सा व्यायाम डायबिटीज के लिए उपयोगी
June 21, 2021 अलविदा-डायबिटीज़खबरें और भी