सभी आध्यात्मिक जगत की सबसे बेहतरीन ख़बरें
ब्रेकिंग
ब्रह्माकुमारीज़ जैसा समर्पण भाव दुनिया में आ जाए तो स्वर्ग बन जाए: मुख्यमंत्री दिव्यांग बच्चों को सिखाई राजयोग मेडिटेशन की विधि आप सभी परमात्मा के घर में सेवा साथी हैं थॉट लैब से कर रहे सकारात्मक संकल्पों का सृजन नकारात्मक विचारों से मन की सुरक्षा करना बहुत जरूरी: बीके सुदेश दीदी यहां हृदय रोगियों को कहा जाता है दिलवाले आध्यात्मिक सशक्तिकरण द्वारा स्वच्छ और स्वस्थ समाज थीम पर होंगे आयोजन
जहां बाबा वहां और कोई दिल में बैठ नहीं सकता - Shiv Amantran | Brahma Kumaris
जहां बाबा वहां और कोई दिल में बैठ नहीं सकता

जहां बाबा वहां और कोई दिल में बैठ नहीं सकता

आध्यात्मिक

शिव आमंत्रण, आबू रोड/राजस्थान। बाबा के साथ का अनुभव करने के लिए पहले यह चेकिंग करो कोई भी व्यक्ति से सम्बन्ध अगर गहरा होगा तो बाबा से नहीं होगा क्योंकि जहां बाबा है वहां और कोई दिल में बैठ ही नहीं सकता है। अगर बाबा के साथ का अनुभव होता है, संबंध की फीलिंग आती है तो उस समय की अवस्था क्या होती है? हम लोगों को साकार में भी साथ का अनुभव है और अव्यक्त व निराकार के साथ के सम्बन्ध का भी अनुभव है इसलिए कभी अपने ऊपर बोझ महसूस नहीं होता। लेकिन जिन्हें इसका अनुभव नहीं है तो सोचते हैं – बाबा बैठा है ना, बाबा है तो सही ना। जिम्मेवार तो वह है ना! ऐसे-ऐसे क्वेश्चन उठते हैं लेकिन अनुभव नहीं होता। अनुभव हो तो कभी अपने को कमज़ोर नहीं समझेंगे। हज़ार भुजा वाला बाबा साथ है ऐसी रीयल फीलिंग प्रैक्टिकल में आती है तो उस समय इतना बल आ जाता है जो परिस्थिति उसके आगे बहुत छोटी- सी लगती है क्योंकि साथ का अनुभव होगा । तो बाबा ऊँचे-से-ऊँचा है और साथ के अनुभव से हमारी स्थिति भी ऊंची हो जाती है। हम ऊँचे हो गये तो परिस्थिति कितनी भी बड़ी हो, वह छोटी ही दिखाई देगी। जैसे प्लेन में ऊपर जाते हैं तो सारी दिल्ली एक मॉडल लगती है। वैसे आप एक एरिया भी नहीं घूम सकते। तो ऊंचा जाने से वह परिस्थिति वा हालतें सब छोटी दिखाई देती हैं। दुनिया वाले कहते हैं पहाड़ राई के समान दिखाई देता है, बाबा ने कहा राई भी नहीं रुई । राई फिर भी सख्त होती है, रूई को ऐसे फूंक दो तो उड़ जायेगी। ऐसे ही बाबा साथ है तो उसी समय कोई बड़े-से-बड़ी परिस्थिति भी जैसे कुछ नहीं है। तूफ़ान भी एक मनोरंजन खेल लगेगा फिर माया वार नहीं कर सकती, वह खुद ही भाग जायेगी। लेकिन इसके लिए हले हमारा संबंध गहरा है ? और बाबा से अटूट प्यार है ? कई बार जिस समय कोई बात होती है उस समय प्यार पैदा होता है, बाबा आप तो सर्वशक्तिवान हो, आप तो क्षमा के सागर हो …. उस समय याद आता लेकिन साधारण रीति से वह स्मृति इमर्ज नहीं रहती, मर्ज रहती है। कई फिर साथ रहते भी हैं लेकिन समय अनुसार उस साथ को प्रयोग में नहीं लाते। बाबा तो बुद्धिवानों की बुद्धि है… हम लोगों को तो बाबा के साथ का ऐसा अनुभव है, जो सब तरफ़ ना होते भी बाबा के साथ का जब हम प्रयोग करते तो बाबा के साथ का बल इतना मिलता है, बाबा तो बुद्धिवानों की बुद्धि है, वह किसी की भी बुद्धि को टच कर लेता है। जो असम्भव है वह इतना सहज सम्भव हो जाता है जो समझ भी नहीं सकते कि यह न से हां हुई कैसे। लेकिन यह है बाबा के साथ की मदद। कई कहते हैं बाबा साथ तो हैं लेकिन कोई को बाबा बहुत मदद देता है, हमें मदद कम देता है, पता नहीं क्यों? बाबा से रूह-रूहान तो करते हैं लेकिन क्लीयर जवाब नहीं मिलता है? हम तो बाबा के पास सब रखते हैं, बाबा यह है, यह है…बाबा के आगे क्वेश्चन भी रखते हैं लेकिन उत्तर नहीं मिलता है। कोई को मिलता है, कोई को नहीं मिलता है कारण ? क्या जिसको उत्तर मिलता है उससे बाबा का विशेष प्यार है, जिसको नहीं मिलता है उससे कम है? बाबा का तो गीत है – मुझे काँटों से भी प्यार है, फूलों से भी प्यार है। फिर कारण क्या होता है ? हमारी बुद्धि कैच नहीं कर पाती है क्योंकि सूक्ष्म है ना। कोई स्थूल आवाज़ तो आयेगा नहीं। बाबा कोई
आवाज़ से तो कहता नहीं है कि बच्ची ऐसे करो, ऐसे नहीं। यह तो सूक्ष्म टच करता है, परन्तु हमारी बुद्धि सूक्ष्म है ही नहीं, युद्ध में है, बाबा को याद करते हैं फिर थोड़ा बाड़ीकान्सेस में आ जाते हैं। फिर कहते अभी तो बाबा को याद करना है, अभी सेवा भी याद नहीं करनी है। तो युद्ध की स्थिति जो होती है उसमें मन बुद्धि क्लीयर नहीं होता है, उसमें लगा हुआ बिज़ी है, खाली नहीं है। जैसे फोन मिलाते हैं और लाइन बिजी है तो हमको रेसपाण्ड कैसे मिलेगा। तो पहले हम देखें कि हमारा मन-बुद्धि कहाँ इंगेज़ तो नहीं है ? युद्ध कर रहे हैं तो इंगेज़ हुआ ना। फिर बाबा का रेसपाण्ड कैसे मिलेगा। अगर वह कर भी रहा है तो हमको कैसे सुनने में आयेगा, कैसे होगा। इन्स्ट्रूमेंट ठीक होना चाहिए। पहले अपने मन-बुद्धि को क्लीयर करना चाहिए। जिसे बाबा कहते हैं साफ दिल मुराद हासिल।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *