- मुख्यमंत्री, राज्यपाल सहित शहर के गणमान्य लोगों ने लिया भाग
शिव आमंत्रण, रायपुर (छग) ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान की वार्षिक परियोजना- सकारात्मक परिवर्तन वर्ष का शुभारम्भ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, राज्यपाल बिश्वभूषण हरिचन्दन, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कार्यकारी सचिव बीके मृत्युजंय भाई, क्षेत्रीय निदेशिका बीके हेमलता दीदी, ज्यूरिष्ट प्रभाग के राष्ट्रीय समन्वयक बीके नथमल भाई, शिक्षाविद प्रभाग की एडीशनल डायरेक्टर बीके लीना, बीके आशा और बीके सविता दीदी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम शान्ति सरोवर परिसर में आयोजित किया गया। इसमें मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक सहित बड़ी संख्या में अधिकारी और गणमान्य लोग उपस्थित थे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सभी को जय जोहार! के साथ अपने सम्बोधन की शुरूआत करते हुए कहा कि पूरी मानवता के कल्याण के लिए ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा अनेक कार्यक्रम किए जा रहे हैं। मनुष्य की सोच और व्यक्तित्व में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए ऐसे कार्यक्रम शुरू कर यह संस्थान बहुत अच्छा कार्य कर रहा है। मैं इसके लिए संस्था को बधाई देती हूं।उन्होंने छात्रों को धैर्य और कड़ी मेहनत के साथ अपनी रुचि के क्षेत्र में प्रयास करने और कभी निराश न होने का सन्देश दिया।राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे लगता है कि इस पॉजीटिव थीम की सहायता से हम उन बच्चों की मदद कर सकते हैं जो तनाव में आधी- अधूरी जिंदगी जीकर चले जाते हैं। हर बच्चे में अपनी विशिष्ट प्रतिभा है। अपनी रुचि को जानकर इस दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। इस दिशा में अध्यात्म उनकी मदद कर सकता है। हमारे ब्रह्माकुमारी परिवार के सदस्य कई बरसों से इस दिशा में काम कर रहे हैं। मेरी आध्यात्मिक यात्रा में भी ब्रह्माकुमारी संस्था ने मेरा बहुत साथ दिया है। जब मेरे जीवन में कठिनाई थी तब मैं उनके पास जाती थी। ब्रह्माकुमारी का रास्ता मुझे बहुत अच्छा लगा। उन्होंने कहा कि आप सहजता से काम करते हुए आप अपनी जिंदगी को बेहतर तरीके से जी सकते हैं। जिंदगी जीने की कला वहाँ पर सिखाते हैं। हम केवल एक शरीर नहीं एक
आत्मा हैं। परमपिता परमात्मा का अभिन्न अंग है। ब्रह्माकुमारीज़ दुनियाभर में शांति के लिए कार्य कर रही है। यह संगठन दुनिया को बेहतर बनाने में अपना अमूल्य योगदान दे रहा है। छत्तीसगढ़ में ब्रह्माकुमारी संगठन ने जो काम आरंभ किया है मैं उसके लिए संस्थान को बधाई देती हूँ। स्वर्णिम युग का स्वप्न जो हम देख रहे हैं रामराज्य के लिए हमें राम बनना होगा, सीता बनना होगा।
सकारात्मक सोच से हर चुनौती का सामना संभव: राज्यपाल
राज्यपाल बिश्वभूषण हरिचन्दन ने कहा कि सकारात्मक सोच अपनाकर हम दुनिया की किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं। सकारात्मक परिवर्तन का यह वर्ष आप सभी के जीवन में सुखद बदलावों का साक्षी बने और समाज खुशहाल रहे तथा हमारा देश हर तरह से समृद्ध हो। ब्रह्माकुमारीज़ में दूसरों को बदलने के बजाय स्वयं परिवर्तन पर जोर दिया जाता है जो कि सराहनीय है। मुझे लगता है कि आपकी संस्था आध्यात्मिक ज्ञान और राजयोग के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन के कार्य में सकारात्मक भूमिका निभा सकती है।
जैसे कोई अपना, अपने ही घर आया: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राष्ट्रपतिजी का आगमन छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए बहुत ही गौरव का क्षण है। पूरे देश की मुखिया के आगमन से छत्तीसगढ़ के लोग आत्मीयता का अनुभव कर रहे हैं। ऐसा लग रहा है जैसे कोई अपना, अपने ही घर आया है। यह प्रदेश एक आदिवासी प्रदेश है, अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोग भी बहुत बड़ी संख्या में यहां निवास करते हैं। यह प्रदेश किसानों का प्रदेश है।