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गीत एवं संगीत में फूहड़ता का समाज पर बुरा असर - Shiv Amantran | Brahma Kumaris
गीत एवं संगीत में फूहड़ता का समाज पर बुरा असर

गीत एवं संगीत में फूहड़ता का समाज पर बुरा असर

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इंडियन आइडल रहे गायक हरीश मोयल सपरिवार ब्रह्माकुमारीज का किया भ्रमण

शिव आमंत्रण,आबू रोड, 3 अक्टूबर, निसं। इंडियन आयडल रहे गायक हरीश मोयल ने कहा कि पहले के गीतों में एक संदेश था। परन्तु आज की गीतों में भी लोग द्विअर्थों का तडक़ा डालते है, इसका समाज पर बुरा असर पड़ता है। वे ब्रह्माकुमारीज संस्थान के अन्तर्राष्ट्रीय मुख्यालय शांतिवन में दो दिवसीय प्रवास के दौरान बात कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि पहले के जमाने में गीतों में सार होता था। उन दिनों की गीतों का मकसद समाज में सदभावना और भातृत्व भाव को बढ़ावा देना होता था। परन्तु आज संस्कृति को दूषित करने वाले गीता और संगीत बन रहे है जिसका बच्चों पर बुरा असर पड़ता है। मेरा प्रयास रहता है कि हम ऐसे गीत गाये और बनायें  जिससे लोगों में सकारात्मकता का विकास हो। लोग अपने परिवार के साथ सुन सकें। जिससे आध्यात्मिक उन्नति हो। ब्रह्माकुमारीज संस्थान से काफी लम्बे से जुड़ा हुआ है हमारे जीवन में भी बहुत बड़ा परिवर्तन आया है। मेरी दिनचर्या और सोच दोनो ही सकारात्मक हुई है।
कार्यक्रम में गीतकार विशाल कोठारी ने क हा कि आध्यात्मिक और सकारात्मक गीत गाने से जीवन में एक सुकुन मिलता है। इसलिए हमेशा आध्यात्मिक ता मनुष्य को जीवन में अपनाना चाहिए। इस संस्थान में आने से हमारे जीवन में एक अदभुत शक्ति का संचार होता है। इसलिए प्रतिदिन जीवन में आध्यात्मिकता को स्थान देना चाहिए।
ब्रह्माकुमारीज संस्थान की संयुक्त मुख्य प्रशासिका बीके संतोष तथा कार्यकारी सचिव ने शॉल ओढ़ाकर तथा ईश्वरीय सौगात भेंटकर सम्मानित किया। हरीश मोयल तथा विशाल कोठारी सपरिवार माउण्ट आबू प्रवास पर आये हैं। इस अवसर पर मुम्बई बोरीवली की वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके संगीता और बीके कविता भी उपस्थित थी।  

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