पिछला वर्ष खट्टी मीठी यादों के साथ बीता। सबसे भयावह तो रहा करोना काल की दूसरी लहर। जिसमें लाखों लोगों की जान चली गयी। पहली बार ऑक्सीजन की कमी लोगों को पड़ी और बहुत सारे लोगों की जान ऑक्सीजन के बगैर चली गयी। या यूं कहें कि साल 2020 बहुत ही चुनौतियों वाला था। जन और धन दोनों की बड़े पैमाने पर हानि हुई। लोगों को एक-दूसरे से अलग रहने के लिए मजबूर होना पड़ा। अदृश्य वायरस से बचने के लिए नाक और मुंह को ढकना पड़ा। एक दूसरे से दूरी रखनी पड़ी। पूरी दुनिया अवसाद और भय में गुजरी। इसमें अगर किसी से शक्ति मिली तो वह थी आध्यात्मिकता की शक्ति। जिसके जरिए मनुष्य खुद को स्टेबल कर सका। परन्तु अब उसकी पुनरावृत्ति ना हो उसके लिए पुन: हमें इसे कंटिन्यू करने की जरूरत है। सावधानी रखने की आवश्यकता है। आध्यात्मिक ज्ञान और राजयोग को जीवन में अपनाना ही इससे बचाव का तरीका है। यही चीज हमें इन व्याधियों से बचा सकती है।
बीती को बिसार दें आगे की सुधि लें
April 2, 2022 सम्पादकीयखबरें और भी