– वैश्विक शिखर सम्मेलन का हुआ भव्य शुभारंभ, देश-विदेश से आए पांच हजार लोग बने साक्षी
शिव आमंत्रण,11 सितंबर, आबू रोड/राजस्थान। हमारे समाज की प्रार्थना और सोच ही सर्वे भवंतु सुखिन:, सर्वे संतु निरामया: की रही है। जहां सब सुखी रहें, सब स्वस्थ रहें। भारत ने ही दुनिया को सभ्यता- संस्कृति औैर शांति दी है। जिसके विचारों, मन और भाव में सुख नहीं है, वह दुनिया में क्या सुख बांटेगा। सुख पाने के लिए मन-मस्तिष्क का सही होना जरूरी है। राजयोग से हमारे मन-विचार सही होते हैं। राजयोग मन को, विचारों को सही करने का एक रास्ता है। सबकुछ व्यक्ति के मन-मस्तिष्क में घट रहा है, इसलिए मन-मस्तिष्क का सही होना जरूरी है। शांति के लिए राजयोग एक हिस्सा है। समाज में व्याप्त बुराइयां व्यक्ति के दिमाग की उपज हैं।
उक्त उद्गार केंद्रीय विदेश और संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने चार दिवसीय वैश्विक शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में व्यक्त किए। ब्रह्माकुमारीज संस्थान के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय शांतिवन आबू रोड में विश्व शांति का अग्रदूत भारत विषय पर सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। बता दें कि सम्मेलन में भाग लेने के लिए देश-विदेश से पांच हजार से अधिक शिक्षाविद, राजनीतिज्ञ, समाजसेवी, मीडियाकर्मी, विश्वविद्यालयों के कुलपति पहुंचे हैं।
शक्ति से भरपूर शक्ति नारी से जुड़े हैं-
केंद्रीय मंत्री लेखी ने कहा कि रक्षा, सुरक्षा, चिकित्सा जो भी शब्द शक्ति से भरपूर हैं वह कहीं न कहीं नारी शक्ति से जुड़े हैं। हमारी मूल सभ्यता-संस्कृति शांति की रही है। चारों ओर शांति होगी, सबका भला होगा तो उसमें ही हमारा सुख और शांति है। उन्होंने मीडिया से आह्नान किया कि जब बुराई दिखाना जरूरी है तो जो लोग समाज में भला काम कर रहे हैं वह दिखाना भी जरूरी है, ताकि लोग अच्छे कार्य से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ सकें।
शांति के लिए राजयोग एक हिस्सा-
मंत्री लेखी ने कहा कि जिसकी जो भावना है अष्टांग योग, प्राणायाम, राजयोग करें, ऐसे लोगों को आसानी से गलत रास्ते पर ले जाना कठिन काम है। समाज की सेवा में जुटी ब्रह्माकुमारीज एकमात्र ऐसी संस्था है जो महिलाओं द्वारा चलाई जा रही हंै। हमारे वेदों में भी महिलाओं को समाज की ऋचाओं को लिखने का कार्य, गुरु होने का उल्लेख किया है। आजादी की लड़ाई में भी साधु-संत, महात्माओं का योगदान रहा है। देश को सही राह दिखाई और सत्य-अहिंसा का भी मार्ग चुना। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को हम लोग मिसाइलमैन के रूप में जानते हैं। एक बार उनसे किसी ने सवाल किया कि आप तो शांति के पक्षधर हैं और शांत प्रवृत्ति के हैं आपको क्या जरूरत है मिसाइल बनाने की। इस पर उनका जवाब था कि जैसे गुलाब के फूल के साथ ईश्वर ने कांटे दिए हैं, ताकि गुलाब का फूल बचा रहे। इसी प्रकार शांति को बरकरार करने के लिए इन सब क्षमताओं को भी विकसित करना होगा। इसके साथ ही शांति मंत्र के साथ उन्होंने अपना भाषण पूरा किया।
योग-आध्यात्म से आएगी दुनिया में शांति- रंजन गोगोई
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और राज्यसभा सांसद न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने कहा कि ब्रह्माकुमारी•ा वंडलफुल आर्गेनाइजेशन है। यहां से लोगों को मूल्य, सभ्यता, संस्कृति, योग, आध्यात्म की शिक्षा दी जा रही है। आज के युग में ऐसे कार्यों की बहुत जरूरत है। ब्रह्माकुमारी•ा कर्मयोग में विश्वास रखती है। यहां से प्रैक्टिकल में समाज को ज्ञान दिया जा रहा है। योग से ही दुनिया में बदलाव आएगा। योग-आध्यात्म से ही दुनिया में शांति आएगी। यहां से आत्मा के ज्ञान द्वारा दुनिया को शांति का संदेश दिया जा रहा है।
हमारा संस्कार है अहिंसा परमो धर्म: मंत्री यादव
विशिष्ट अतिथि हरियाणा सरकार में सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री ओम प्रकाश यादव ने कहा कि मानव सेवा, गरीब की सेवा, गौसेवा से बड़ी कोई सेवा नहीं है। अहिंसा परमो धर्म: का हमारा संस्कार रहा है। सर्वे भवंतु सुखिन:, सर्वे संतु निरामया: हमारा नारा है। कोरोना काल में जहां उन्नतशील देश घबरा गए थे वहीं भारत वर्ष ने सबसे पहले कोरोना वैक्सीन की खोज की। साथ ही 170 देशों में यह वैक्सीन बिना किसी अतिरिक्त लागत के यह दवा दी। हमारे संस्कारों में मानवमात्र के कल्याण का भाव रहा है। इसी उद्देश्य को लेकर ब्रह्माकुमारी भाई-बहनों देश के कोने-कोने में इस मिशन को चला रहे हैं। यहां की शांति, सुंदरता और सफाई अद्भुत है। सामाजिक क्षेत्र में संस्था अपनी जिम्मेदारी निभा रही है। संस्कार होते हैं सतकर्मों का प्रतिफल, हम कार्य ठीक करें, सही दिशा में करें तो सब ठीक हो जाएगा। मनुष्य में विद्या होती है। अच्छे संस्कारों का व्यक्ति उसे दान करेगा और संस्कारहीन उस विद्या को लेकर विवाद करेगा। गैर संस्काररित व्यक्ति के पास धन आ गया तो घमंड करेगा और संस्कारित दान करेगा। यहां मैंने जाना कि आत्मा ही शरीर की मालिक है और मन-बुद्धि-संस्कार उसकी तीन शक्तियां हैं।
मौत के नंबरों के आधार पर तय होता है खबर का वजन-
जयपुर से आए वरिष्ठ पत्रकार एलपी पंत ने कहा कि एक पत्रकार के दौर पर जब हम सरकार को जवाबदेह मानते हैं तो हमें आनंद आता है। हमारे पेशे में सबसे बुरी खबर हमारे लिए सबसे अच्छी खबर होती है। सबसे बुरा विषय हमारे लिए सबसे अच्छा होता है। पूरी रात हम इन खबरों का पोस्टमार्डम करते हैं। सुबह जब आप उन खबरों को पढ़ते हैं और आपके चेहरों की भाव-भंगिमाएं, बैचेनी, खुशी ही हमारी रातभर की मेहनत तय करती है। जब हम इंसानी जहर को खबर के माध्यम से सबके सामने लाते हैं और जब पाठकों का गुस्सा और बैचेनी के बाद वह अपना बयान वापस लेता है तो हमें खुशी होती है। हम आपको सच दिखा पाएं यही हमारे लिए शांति के मायने होते हैं। हमारे न्यूजरूम निगेटेविटी से भरे होते हैं। वहां मौत की नंबरों के हिसाब से खबर का वजन तय होता है और उसी के हिसाब से उसे चेहरा देते हैं। हम लोग रात भर इस उम्मीद से मेहनत करते हैं कि सुबह जब पाठक अखबार पढ़ेगा तो उन्हें कैसा सुकून मिलेगा।
हम सबका सम्मान करते हैं: दर्डा
मुंबई से आए वरिष्ठ पत्रकार विजय दर्डा ने कहा कि विश्व में केवल भारत और भारतीय संस्कृति ही ऐसी है जो विश्व शांति ला सकती है। हम सबका सम्मान करते हैं, यही हमारी खूबी है। हमारी बात एक दिन जरूर विश्व में सुनी जाएगी और विश्व में शांति और भाईचारे का माहौल होगा। एक दिन जरूर ऐसा आएगा कि भारत विश्वगुरु बनेगा। मैं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का बेटा हूं और हमेशा अपने सीने पर तिरंगा लगाकर रखता हूं। ब्रह्माकुमारीज महिलाओं द्वारा संचालित महिलाओं की संस्था है। यदि हमारे घरों की बागडोर भी बहनों के हाथ में हो तो कितना सुंदर संचालन हो सकता है यह सीखना है तो ब्रह्माकुमारीज सबसे श्रेष्ठ उदाहरण है। ब्रह्माकुमारी बहनों की तरह चमकें और अपने मन को उदार बनाएं।
सभी को खुशी बांटते रहें: दादी रतनमोहिनी
संस्थान की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी ने कहा कि शांति के सागर, सुखदाता परमपिता शिव परमात्मा के घर में विश्वभर से पधारे सभी भाई-बहनों का स्वागत है। स्वर्णिम भारत की एक झलक देखने के लिए आज पूरा विश्व आतुर है। हम सभी एक परमात्मा की संतान आपस में भाई-बहन हैं। इस स्मृति को बार-बार याद करने से आत्मा स्वयं को शक्तिशाली अनुभव करती है। सभी को खुशी बांटते रहें, स्नेह देते रहें।
इन्होंने ने भी व्यक्त किए अपने विचार-
पुणे के पीपुल्स मूवमेंट फॉर ग्रीन इंडिया के अध्यक्ष रवींद्र धारिया ने कहा कि हमारी धरती ने हमेशा हमें देना सिखाया है। यही हमारी संस्कृति की विशेषता और खूबी है।
– हेटेरो ग्रुप के चैयरमेन डॉ. बंदी पार्थसारधी रेड्डी ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज का ज्ञान लेने के बाद मेरी विचारधारा, कार्यशैली और जिंदगी पूरी तरह से बदल गई। साथ ही अपनी कंपनी को नई ऊंचाइयों पर ले जा सका।
– महासचिव बीके राजयोगी निर्वैर भाई ने कहा कि इस सम्मेलन का यही लक्ष्य है कि हम सभी एक परमपिता परमात्मा की संतान आपस में भाई-भाई हैं। हम एक-दूसरे को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करें और भाईचारे से रहें तो हमारा जो संदेश विश्व शांति तो वह जरूर होगी।
– स्वागत भाषण देते हुए संस्थान के कार्यकारी सचिव डॉ. बीके मृत्युंजय ने कहा कि विश्वभर से आए सभी महानुभावों का परमात्मा के घर में हृदय से स्वागत है। नोएडा से आईं मल्टीनेशनल कंपनी में एचआर हैड रुचिरा श्रीवास्तव, नोएडा से आए वरिष्ठ पत्रकार शमशेर सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए। संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके संतोष ने राजयोग मेडिटेशन की गहन अनुभूति कराई।
मुकुट-माला, शॉल से किया सम्मान-
सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री द्वारा भेजे गए संदेश का भी वाचन किया गया। अतिथियों का विशेष मुकुट, माला, मोमेंटो और शॉल पहनाकर स्वागत किया गया। साथ ही विशेष हस्तियों को संस्थान की ओर से सम्मानित किया गया। मधुरवाणी ग्रुप के गायकों ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। नेपाल के डिवाइन कल्चरण ग्रुप के कलाकारों ने मयूर डांस प्रस्तुत कर कार्यक्रम में समां बांध दिया। कोल्हापुर से आईं सलोनी डांस ग्रुप की कुमारियों ने अमृत महोत्सव थीम पर डांस प्रस्तु किया। संचालन एजुकेशन विंग की मुख्यालय संयोजिका बीके शिविका ने किया।