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ब्रह्माकुमारीज़ देशभर में चलाएगी सम्मान के साथ वृद्धावस्था कार्यक्रम - Shiv Amantran | Brahma Kumaris
ब्रह्माकुमारीज़ देशभर में चलाएगी सम्मान के साथ वृद्धावस्था कार्यक्रम

ब्रह्माकुमारीज़ देशभर में चलाएगी सम्मान के साथ वृद्धावस्था कार्यक्रम

मुख्य समाचार



 – समाजसेवा प्रभाग और सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के बीच तीन साल के लिए एमओयू साइन
राष्ट्रपति बोलीं- वरिष्ठ नागरिक अतीत से जुड़ने की कड़ी हैं और भविष्य के मार्गदर्शक भी हैं, हमें उनके मार्गदर्शन को महत्व देना चाहिए और उनकी बहुमूल्य संगति का आनंद लेना चाहिए


शिव आमंत्रण, आबू रोड (राजस्थान)।
 ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के समाजसेवा प्रभाग और सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के बीच तीन साल के लिए एमओयू साइन किया गया है। इसके तहत समाजसेवा प्रभाग द्वारा देशभर के वृद्धाश्रम, आरडब्ल्यूए में वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए पहल सम्मान के साथ वृद्धावस्था (एजिंग विद डिग्निटी प्रोग्राम) कार्यक्रम चलाया जाएगा। इस देशव्यापी प्रोग्राम का उद्घाटन राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने किया। एमओयू के तहत सभा, सम्मेलन, आध्यात्मिक सत्र, मेडिटेशन सत्र के माध्यम से वरिष्ठ नागरिकों के जीवन में आनंद और खुशहाली लाने का प्रयास किया जाएगा।
इस दौरान राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि माता-पिता और बड़ों का सम्मान करना हमारी संस्कृति में है। आमतौर पर परिवारों में यह देखा जाता है कि बच्चे अपने दादा-दादी के साथ बहुत खुश रहते हैं। घर के बड़े परिवार के लिए भावनात्मक स्तंभ के रूप में कार्य करते हैं। जब बुजुर्ग अपने परिवार को फलता- फूलता देखते हैं तो उनका शरीर और मन स्वस्थ रहता है।

सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग और ब्रह्माकुमारीज़ के बीच हुए  एमओयू को दिखाते हुए पदाधिकारी।

सारपूर्ण जीवन जीने का चरण है वृद्धावस्था-
राष्ट्रपति ने कहा कि आज के प्रतिस्पर्धा वाले और भागदौड़ भरे जीवन में हमारी युवा पीढ़ी के लिए वरिष्ठ नागरिकों का साथ, प्रेरणा और मार्गदर्शन अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनके पास अनुभवों और ज्ञान का भंडार है, जो युवा पीढ़ी को जटिल चुनौतियों का सामना करने में मदद कर सकता है। वृद्धावस्था आध्यात्मिक रूप से खुद को सशक्त बनाने, अपने जीवन और कार्यों का विश्लेषण करने और सारपूर्ण जीवन जीने का चरण भी है। आध्यात्मिक रूप से सशक्त हमारे वरिष्ठ नागरिक देश और समाज को अधिक समृद्धि और प्रगति की ओर ले जा सकते हैं।

वृद्धावस्था का समय सक्रियता के साथ बिताएं-
राष्ट्रपति ने कहा कि वरिष्ठ नागरिक अतीत से जुड़ने की कड़ी हैं और भविष्य के मार्गदर्शक भी हैं। एक राष्ट्र के रूप में यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम सुनिश्चित करें कि हमारे वरिष्ठ नागरिक, वृद्धावस्था का समय सम्मान और सक्रियता के साथ बिताएं। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि सरकार विभिन्न पहलों के माध्यम से वरिष्ठ नागरिकों को सशक्त बना रही है ताकि वे जीवन के सभी पहलुओं में सक्रिय रूप से भागीदारी कर सकें। उन्होंने सभी नागरिकों से बुजुर्गों की खुशी और उनके कल्याण के लिए प्रतिबद्ध होने, उनके मार्गदर्शन को महत्व देने और उनकी बहुमूल्य संगति का आनंद लेने का आह्वान किया।  इस मौके पर भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार, राज्य मंत्री रामदास अठावले, राज्य मंत्री बीएल वर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

एमओयू के दौरान ये भी रहे मौजूद-
इस दौरान सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सचिव अमित यादव और ब्रह्माकुमारीज़ की ओर से मैनेजमेंट कमेटी की मेंबर व ओआरसी की निदेशिका राजयोगिनी बीके आशा दीदी ने एमओयू पर साइन किए। इस मौके पर सुप्रसिद्ध प्रेरक वक्ता बीके शिवानी दीदी सहित समाजसेवा प्रभाग के पदाधिकारीगण मौजूद रहे।  

ऐसे चलाएंगे एजिंग विद डिग्निटी प्रोग्राम-
एजिंग विद डिग्निटी प्रोग्राम के तहत समाज सेवा प्रभाग द्वारा देशभर में राष्ट्रीय, क्षेत्रीय सम्मेलन और सेमीनार आयोजित कर वरिष्ठ नागरिकों को जोड़ा जाएगा। साथ ही सभा, गोष्ठी और मेडिटेशन सेशन के माध्यम से उन्हें खुशनुमा जीवनशैली, आनंदमय जीवन के टिप्स दिए जाएंगे। वहीं वृद्धाश्रमों में समय प्रति समय मनोरंजक, ज्ञानवर्द्धक, आनंददायक सेशन और एक्टीविटीज कराईं जाएंगी। 

एमओयू का उद्देश्य-
– वरिष्ठ नागरिकों को आध्यात्मिकता एवं आत्मिक उत्थान में सक्रिय रूप से सम्मिलित करने के लिए एक मंच तैयार करना।
– वरिष्ठ नागरिकों को उनके शारीरिक, मानसिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक स्वास्थ्य की देखभाल के महत्व को समझाना।
– वानप्रस्थ की भावना को जागृत करना एवं अपने अनुभवों व ज्ञान को नई पीढ़ी को सौंपने की जिम्मेदारी का बोध कराना।
– पीढ़ियों के बीच की दूरी को कम करना एवं परिवारों में दादा-दादी/नाना-नानी का बच्चों से स्नेहपूर्ण संबंध स्थापित करना।
– वरिष्ठ नागरिकों की प्रतिभा को उभार कर उन्हें प्रसन्न व सामाजिक बनाना और भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देना।
– समुदाय तक पहुंच और जन जागरूकता द्वारा परिवार और समाज में वरिष्ठ नागरिकों के करना।
– परामर्श सेवाओं को सशक्त बनाना।

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