जैसे हमारे शरीर का फोटोग्राफ निकलता हैं। वैसे ही हमारे आभामंडल (ओरा) का भी फोटोग्राफ निकलता है, उसे कलरियन फोटोग्राफी कहते है। उसमें हमारे शरीर के सातो चक्र विविध रंगो में पाये जाते हैं। हर चक्र हमारे शरीर से संबंधित सात विभागों को आत्मिक ऊर्जा पहुंचाता है। इन सातों विभागों से सम्बन्धित, सात मुख्य ग्रंथियाँ व मुख्य मुद्रायें व आत्मा के गुण भी हैं। जिस विभाग का, जिस चक्र का रंग हल्का हो जाता हैं या घूमने की गति कम हो जाती है या चक्र उल्टा घूमने लगता है, तो उससे संबंधित अवयवों में बीमारी शुरू हो जाती हैं। यदि हम परमात्मा से चक्र से संबंधित गुण व किरणे प्राप्त करते हैं, तो चक्र सुचारू रूप से सकार्य करने लग जाता है और बीमारी ठीक हो जाती है। शरीर का हर अंग आत्मा के सातों गुणों से पोषित होता है, एक गुण उस अंग के विकास व संभाल के लिए अति आवश्यक हैं।
सहस्त्रार चक्र
पिनियल ग्रंथी और पाचन शक्ति
रंग : जामुनी
गुण : आंनद
ख़ुशी की चरमसीमा आनंद
बीमारी : तनाव, नींद न आना, हाई ब्लडप्रेशर, डिप्रेशन, एसिडिटी, गैस पाचन से सम्बंधित बीमारी आदि
परमात्मा से संबंध : सिविल सर्जन
विजन : दृश्य बनायें और अनुभव करें, मैं आत्मा शिवबाबा के सम्मुख बैठी हूँ। उनसे दिव्य चमकती हुई जामुनी रंग की किरणें, आनंद के गुण सहित, मेरे सहस्त्रार चक्र में प्रवेश कर रही हैं। बाबा मुझे स्पर्श कर रहे हैं। (इसे महसूस करें) जिससे मैं आत्मा आनंद का पुंज हो चुकी हूँ। मैं आत्मा मास्टर आनंद के सागर बनती जा रही हूँ। चक्र से संबंधित अवयवो की व्याधियाँ ठीक हो चुकी है। मैं आत्मा आनंद का अनुभव कर रही हूँ।
आज्ञा चक्र
पिट्यूटरी ग्रंथि और मष्तिक नर्वस सिस्टम
रंग : गहरा नीला
गुण : ज्ञान
बीमारी : ब्रेन संबंधित, सिरदर्द, मायग्रेन, नर्वस सिस्टम, आँख, कान, नाक, दांत-मसूड़े संबंधित
परमात्मा से संबंध : सिविल सर्जन विजन : दृश्य बनाये और अनुभव करें, मैं आत्मा शिवबाबा के सम्मुख बैठी हूँ उनसे दिव्य चमकती हुई गहरे नीले रंग की किरणे ज्ञान के गुण सहित मेरे आज्ञा चक्र में प्रवेश कर रही हैं । बाबा मुझे स्पर्श कर रहे हैं…इसे महसूस करे। मैं आत्मा मास्टर ज्ञान सूर्य बनती जा रही हूँ… जिससे चक्र से संबंधित अवयवो की व्याधियाँ ठीक हो चुकी है। बुद्धि विवेकशील व तीक्ष्ण हो चुकी हैं।
विशुद्धि चक्र
थॉयराइड ग्रंथी और फेफड़े
रंग : आसमानी
गुण : शांति
बीमारी : श्वास की बीमारी, टी.बी. न्यूमोनिया, दम, थॉयराइड संबंधित, स्वरयंत्र, अन्ननलिका, श्वासनलिका संबंधित।
परमात्मा से संबंध : सिविल सर्जन।
विजन : दृश्य बनाये और अनुभव करें, मैं आत्मा शिवबाबा के सम्मुख बैठी हूँ। उनसे दिव्य आसमानी रंग की किरणे शांति के गुण सहित मेरे विशुद्ध चक्र में समा रही हैं। बाबा मुझे दष्टि दे रहे हैं।
परमात्मा से संबध जोड़ कर खुद को आनंद से भरपूर करें
December 10, 2020 समस्या-समाधानखबरें और भी