सभी आध्यात्मिक जगत की सबसे बेहतरीन ख़बरें
ब्रेकिंग
मप्र-छग से आए दस हजार लोगों ने समाज से नशे को दूर करने का लिया संकल्प चार दिवसीय वैश्विक शिखर सम्मेलन का समापन वैश्विक शिखर सम्मेलन (सुबह का सत्र) 6 अक्टूबर 2024 श्विक शिखर सम्मेलन का दूसरा दिन- वैश्विक शिखर सम्मेलन- शाम का सत्र (4 अक्टूबर) जब हम शांत होते हैं, तभी दूसरों के प्रति सहानुभूति और प्रेम का भाव रख सकते हैं: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु आध्यात्मिक सशक्तिकरण से समाज बनेगा स्वस्थ और खुशहाल
श्रेष्ठ संकल्प और कड़ी मेहनत से सब कुछ हासिल हो सकता है - Shiv Amantran | Brahma Kumaris
श्रेष्ठ संकल्प और कड़ी मेहनत से सब कुछ हासिल हो सकता है

श्रेष्ठ संकल्प और कड़ी मेहनत से सब कुछ हासिल हो सकता है

शख्सियत

मेरे जीवन का लक्ष्य है कि गांव- गांव , शहर-शहर जाकर अपनी कला से परमात्मा का परिचय दूं, शिव बाबा और ब्रह्माकुमारीका संस्थान का एहसान चुका सकूं।

शिव आमंत्रण/ आबूरोड । श्रेष्ठ संकल्प और कड़ी मेहनत से सब कुछ हासिल हो सकता है। जीवन में हम कौन-सी मंजिल पर पहुंचना चाहते हैं यह भी इसी बातों पर निर्भर करता है। कहते हैं-जहां चाह है वहां राह है। इसी उक्ति को चरितार्थ करते हैं बीके हरीश उर्फ हैरी (35)। एक किसान परिवार में हरियाणा के हांसी में जन्मे हैरी जादू के क्षेत्र में एक महान कलाकार हैं। करीब 20 वर्ष से ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान से जुडक़र मेडिटेशनअभ्यास कर रहे हैं। वर्तमान में वह आबू निवासी हैं। उन्होंने जीवन में काफी मेहनत कर कई उपलब्धियां हासिल की हैं। आपने दांतों द्वारा ट्रक खींचने का इंडिया और एशिया रिकार्ड बनाया, टीवी धारावाहिक अकबर-बीरबल में अभिनय किया, यूथ टैलेंट शो माउंट आबू में प्रथम स्थान लिया, भारतीय मैजिक जागृति संस्थान द्वारा आयरन मैन अवार्ड प्राप्त किया, जादू शो में 2 बार वल्र्ड रिकार्ड बनाया, टीवी रियल्टी शो टैलेंट वल्र्ड में प्रथम स्थान पाकर इनाम में ऑल्टो कार प्राप्त किया। जादूगर हैरी ने शिव आमंत्रण से खास बातचीत में अपने जीवन से जुड़े अनछुए पहलुओं को सांझा किया। आइए उन्हीं के शब्दों में जानते हैं उनकी जीवन कहानी….
समझ नहीं आ रहा था कि अच्छा बनकर मशहूर बनूं या बुरा बनकर ।
बचपन से ही मशहूर होने का शौक था। भले एक मशहूर गैंगस्टर ही क्यों न बन जाऊं, इसलिए संगदोष में आकर लड़ाई-झगड़े करने लगा था। इस कारण मेरे ऊपर कुछ मुकदमे भी दर्ज हो गए। आस पड़ोस में बहुत फेमस होकर कई बार जेल भी जाना पड़ा था। घर पर शिकायतें आने लगी, इस कारण से घर में हमारी खूब पिटाई होने लगी थी। एक दिन अचानक ही घूमते-घूमते ब्रह्माकुमारीज़ मेडिटेशन सेवाकेंद्र जाना हुआ। वहां एक गीत चल रहा था कि दिल का अब संकल्प यही है बाबा तुम-सा बनना ही है। जब यह गीत सुना तो अंदर से संकल्प आया कि अब से ब्रह्मा बाबा जैसा ही बनना है। पहले दिन से ही जब मेडिटेशन केंद्र पर कदम रखा तो उसी दिन से नॉनवेज खाना छोड़ दिया। तब धीरे-धीरे संस्कारों में सुधार आने लगा। इसी दौरान जब घर वालों को पता लगा कि मैं ब्रह्माकुमारीका संस्थान जाने लगा हंू तो पापा रोकने लगे और पिटाई करने लगे कि वहां मत जाओ। एक दिन घर से पिटाई होने के बाद हम सोचने लगे कि जब बुरे काम कर रहा था तो पिटाई होती थी और अब खुद में सुधार कर रहा हं, अच्छा बनने की मेहनत कर रहा हूं। तब भी पिटाई हो रही है। समझ नहीं आ रहा था कि क्या बनूं और क्या करूं?

राजयोग तपस्या की और फिर शिव बाबा ने बहुत मदद कराई ।
रोज मुरली और मेडिटेशन अभ्यास से परमात्मा और ज्ञान में निश्चय बढऩे लगा। तब से खराब संग भी छूटने लगा। धीरे-धीरे पुरुषार्थी जीवन तीव्रता से आगे बढऩे लगा। तभी मेरे जीवन में एक परीक्षा आई- पुराने संस्कार यानी गुस्सा और देहाभिमान पूरी तरह खत्म नहीं होने कारण पुराने दोस्तों से ही झगड़ा हो गया। मेरे कारण उनको गंभीर रूप से घायल अवस्था में अस्पताल के आईसीयू में भर्ती करवाना पड़ा। उसके बाद मेरे ऊपर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज हो गया। इससे छह मास हिसार सेंट्रल जेल में बिताने पड़े। जेल के अंदर पहले से शिव बाबा का गीता पाठशाला चल रहा था। इससे खुद में काफी सुधार करने के लिए और पुरषार्थी जीवन जीने में मदद मिली। जेल से बाहर आने के बाद हमने अपना शहर छोड़ दूसरे शहर जाने का निश्चय किया। मुकदमा खत्म करने के लिए पूरी रात राजयोग तपस्या की और फिर शिव बाबा ने मदद करवाई। अगले ही दिन कुछ लोगों के साथ पंचायत बैठाया गया और आपस में राजीनामा हो गया। उसके बाद हमारे ऊपर से सब मुकदमे खत्म हो गए।
जितनी होगी काली अंधेरी रात उतना ही सवेरा उजियारा
लेकिन अंदर में एक संकल्प जो बचपन से ही था कि मशहूर होना ही है। वो संकल्प अब भी कभी-कभी उठता था। लेकिन उस संकल्प को अब मेडिटेशन सीखने के बाद सही दिशा और दशा मिल रही है।
इस दौरान गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड होल्डर ब्रह्माकुमारी रानी बहन के कार्यक्रम में जाने का सुअवसर प्राप्त हुआ। वहां हमने रानी दीदी को चोटी से ट्रक खींचते हुए देखा तो बहुत आश्चर्य हुआ और रोंगटे खड़े हो गए। जब कार्यक्रम समाप्त हुआ तब मैं रानी बहन से मिला और पूछा कि क्या मैं भी जीवन में ऐसा कुछ कर सकता हूं? तब दीदी ने बोला कि आप अपने दांत से ट्रक खींचने का अभ्यास करो। हमने इस बात को हंसते हुए मजाक में उड़ा दिया और अपने शहर आ गया।
कुछ दिन बाद रानी दीदी से फोन पर फिर से बात हुई तब दीदी ने मुझसे बोला कि हनुमान जी आपका अभ्यास कैसा चल रहा है? तब हमने बोला कि दीदी ये तो असम्भव कार्य है। तब दीदी ने बोला कि आपने बिना अभ्यास किए कैसे कोई काम को असम्भव मान लिया? कोई भी कार्य असम्भव नहीं होता थोड़ा मुश्किल जरूर होता है। जितनी होगी काली अंधेरी रात उतना ही सवेरा उजियारा होगा। आज हार का हकदार है तू तो कल जीत का सेहरा भी तेरा ही होगा। यह सुन कर मन में हिम्मत, विश्वास और उमंग जगा।

अब शिव बाबा और ब्रह्माकुमारीका संस्थान का एहसान चुका सकूं ।
तब उसी दिन हमने अभ्यास करना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे अभ्यास से और परमात्मा की मदद से कई कीर्तिमान स्थापित किए। मैं धीरे-धीरे मशहूर होने लगा और इसी दौरान भारत और एशिया का रिकॉर्ड बनाया। बहुत से शहरों में कार्यक्रम किए और परमात्म सेवा के लिए अनेक युक्तियां निकालने लगा। तभी इसी दौरान एक जादूगर से भेंट हुई और जादू सीखने का अभ्यास करने लगा।
अब तक पूरे भारत वर्ष में तीन हजार से भी ज्यादा सफल जादू शो कर चुका हूं। इस शो के दौरान जादू शो में दो बार वल्र्ड रिकार्ड बनाया। टीवी धारावाहिक अकबर-बीरबल में अभिनय किया। यूथ टैलेंट शो माउंट आबू में प्रथम स्थान प्राप्त किया। टीवी रियल्टी शो टैलेंट वल्र्ड में ग्रैंड फिनाले जीता और इनाम में कार जीती। भारतीय मैजिक जागृति संस्थान द्वारा आयरनमैन अवार्ड मिला। शिव बाबा की शक्ति ने पूरे देश में बहुत मशहूर कर दिया लेकिन अब मेरे जीवन का लक्ष्य है कि गांव-गांव, शहर-शहर जाकर अपनी कला से परमात्मा का परिचय दूं। शिव बाबा और ब्रह्माकुमारीका संस्थान का एहसान चुका सकूं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *