शिव आमंत्रण मोहनपुर, बिहार। 2015 मेंं ब्रह्माकुमारीज़ के संपर्क में आया। पहले जीवन में हमेशा तनाव बना ही रहता था। बुरे संगत सब बिगाड़ कर रख दिया था। क्रोध का शिकार था। अनायास एक दिन हमने एक ओमशांति सेवाकेंद्र पर गया उसके बाद तो परमात्म संदेश सुनकर विचार ही परिवर्तन हो गया। उसके बाद तो […]
शिव आमंत्रण, आबू रोड। योगासन प्रभू स्मृति में रहना ही योग है। इसलिए योग एक मानसिक प्रतिक्रिया है जिसमें हमारा मन तंदुरुस्त हो जाता है। परंतु तन को तंदुरुस्त रखने के लिए हमें शारीरिक एक्सरसाइज तो करना ही होगा। जिसमें वॉकिंग करना तो सबसे सहज है और हर कोई कर सकता है। आजकल अधिकतर मनुष्य […]
एक गांव के पास एक खेत में सारस पक्षी का एक जोड़ा रहता था। वहीं उनके अंडे थे। अंडे से समय पर बच्चे निकले। लेकिन बच्चों के बड़े होकर उडऩे योग्य होने से पहले ही खेत की फसल पक गई। सारस बड़ी चिंता में थी कि किसान खेत काटने आवे, इससे पहले ही बच्चों के […]
स्वचिंतन, आत्मचिंतन, स्वनिरीक्षण। स्वचिंतन अर्थात् स्व+चिंतन। खुद (आत्मा) का चिंतन, मनन और अवलोकन। चिंतन की गहराई और एकात्मता जितनी सूक्ष्म होगी, विचारों रूपी अमृत उतना गहराई पूर्ण और अनुभव युक्त होगा। एकांत और एकाग्रता इसकी पहली शर्त है। आध्यात्म पथ के राही के लिए स्वचिंतन प्राणवायु की तरह है। कितने ही वेद, ग्रंथ, शास्त्रों का […]
शिव आमंत्रण आबू रोड । जीवन में हम बहुत सी चीजें देखते हैं और उनसे बहुत कुछ प्राप्त भी करते हैं। हमारे कई सपने होते है जो जीवन से जुड़े होते हैं, परिवार से जुड़े होते हैं, बच्चों से जुड़े होते हैं, अपने कैरियर को लेकर के होते हैं, उन्हें प्राप्त करते जाते हैं। हर […]
शिव आमंत्रण, आबू रोड। व्यक्ति कैसी भी परेशानी परिस्थिति से क्यों न गुजर रहा हो लेकिन धैर्यता के साथ जीवन को चलाने और समाधान ढ़ंढ़ते रहने से आखिरकार सही रास्ता मिल ही जाता है। हम अपने मंजिल तक पहुंचने में कामयाब हो ही जाते हैं। खासकर जब जीवन में परमात्म ज्ञान के साथ परमात्म मिलन […]
शिव आमंत्रण,आबू रोड। साधन-कोई सुख साधनों को यूज करते उसका ऑडिक्शन न हो। सुख सुविधाओं के बीच में रहते हुए भी तपस्या जारी रहे, तपस्या खो न जाए। साधनों का प्रयोग केवल और केवल ज्ञान, योग और सेवा के लिए होना चाहिए, इसके अतिरिक्त नहीं। इसमें चिपके रहना, इसमें लगे रहना, इसमें डूबे रहना, क्योंकि […]