- 30 साल से राजयोग मेडिटेशन का कर रहे हैं अभ्यास
- ब्रह्माकुमारीज की ओर से इंग्लैंड में रहकर 50 एकड़ में की जैविक-यौगिक खेत
शिव आमंत्रण,जालंधर/करतारपुर(पंजाब)। कुछ करने का जज्बा हो और बुलंद इरादा हो तो परिस्थितियां और उम्र मायने नहीं रखती है। 70 साल के किसान ब्रह्माकुमार जोगिंदर सिंह ने अपनी इच्छा शक्ति से किसानों के सामने नजीर पेश की है। आपका योगी-तपस्वी जीवन आज युवाओं के साथ बुजुर्गों के लिए मिसाल है। उम्र के इस पड़ाव पर भी आप आज भी अपने हाथ से भोजन तैयार करने के साथ सब्जी की फसल लगाते हैं। शिव आमंत्रण से विशेष बातचीत में पंजाब जालंधर जिले के खोह शेखमा वाला करतारपुर निवासी जोगिंदर सिंह ने अपनी जीवन से जुड़े अनुभवों को सांझा किया। जोगिंदर सिंह ने बताया कि मैं अपनी जमीन में सब्जियों को उगाता हूं। गोमूत्र, गोबर से तैयार जैविक खाद आदि का उपयोग करते हैं। फसल के बीच बैठकर राजयोग के माध्यम से परमात्मा से शक्तिशाली किरणें लेकर फसल को देता हूं। उनसे बातें करता हूं। जैविक तरीके से उत्पादित होने से हमारी सब्जियों की डिमांड इतनी है कि बाजार में तीन गुना दाम पर बिकती है। लोगों को मुझ पर इतना भरोसा है कि उन्हें सब्जी का इंतजार रहता है। सब परमात्मा का ही कमाल है। हमारी सब्जी ज्यादा दिन तक खराब नहीं होती है।
13 साल पहले गया था इंग्लैंड-
जोगिंदर सिंह बताते हैं कि यौगिक खेती में मेरे द्वारा किए गए नए-नए प्रयोग, को देखते हुए ब्रह्माकुमारी संस्थान की ओर से इंग्लैंड सेवाकेंद्र पर भेजा गया था। जहां ऑक्सफोर्ड में 50 एकड़ जमीन पर हमने यौगिक-जैविक खेती की। पहले मैं पावरफुल चश्मा लगाता था, लेकिन जैविक-यौगिक खेती से उत्पादित शुद्ध व सात्विक सब्जी – अन्न करने से, हरियाली के बीच रहने से मेरा चश्मा उतर गया। आज 70 साल की उम्र में भी बिना चश्मे के अच्छी तरह से पुस्तक पढ़ सकता हूं। साथ ही उम्र के इस पड़ाव में भी पूरी तरह से स्वस्थ हूं। 30 साल पहले ब्रह्माकुमारीज़ से जुड़ा हूं तब से लेकर आज तक सुबह 3.30 बजे दिनचर्या शुरू हो जाती है। सुबह एक घंटा मेडिटेशन के बाद सब्जी लेकर बाजार जाता हूं। एक ओंकार निराकार, सतनाम, निर्वैर वह परमपिता परमात्मा ही हैं। जो राजयोग की शिक्षा दे रहे हैं।