- कबाडी बाबा ने कहा, जिसकी सोच महान है वही महान है
- जीवन की समस्याओं का समाधान: गीता ज्ञान पर बीके शान्ता के विचार
शिव आमंत्रण, हाथरस। गीता जयंती के उपलक्ष्य में यूपी के हाथरस स्थित आनन्दपुरी कॉलोनी सेवाकेन्द्र पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसका विषय ‘जीवन की समस्याओं का समाधान – गीता ज्ञान’ था। कार्यक्रम का उद्घाटन भारत गौरव संस्थान के अध्यक्ष कबाड़ी बाबा, डॉ. प्रदीप जिंदल, उद्योगपति अरविन्द अग्रवाल, स्थानीय सेवाकेन्द्र प्रभारी बीके शान्ता ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
मौके पर बीके शान्ता ने कहा, काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार ये परधर्म है जिसमे स्थित होने से दु:ख और अशान्ति प्राप्त होती है। शान्ति, प्रेम, आनन्द, पवित्रता और शक्ति यह आत्मा का स्वधर्म है जिसमे स्थित होने से जीवन में शान्ति होती है। इससे स्वस्थिति प्राप्त होती है और उससे किसी भी समस्या पर जीत पा सकते है।
बीके दिनेश ने बताया, वास्तविक धर्मग्लानी का समय अभी है जब सम्पूर्ण मानवजाति धर्मभ्रष्ट, कर्मभ्रष्ट होकर स्वार्थांध होकर पापकर्मों की ओर बढ़ चुकी है। वहाँ तो एक दु:शासन की बात है लेकिन यहां हजारो, लाखो दु:शासन बने हुए है। यह सब बाते मन के क्षेत्र पर निर्माण होती है और बाहर असरदिखाती है इसलिए श्रेष्ठ विचार देकर मन को इन विकारों से मुक्त कर विश्व को नई दिशा देने के लिए परमात्मा शिव अवतरीत होने का यही समय है। उसे पहचान कर इस ज्ञान से अपने जीवन को श्रेष्ठ बनाओ, दु:ख-अशान्ति से मुक्त हो खुशहाल जीवन प्राप्त करो। स्वामी विवेकानन्द ने भी कहा है कि मनुष्य मन मे चल रहे युध्द की जगह गीता में स्थुल युध्द दिखाया है।
कबाडी बाबा ने कहा, जिसकी सोच महान है वही महान है। ब्रह्माकुमारीं द्वारा समाज को दिया जानेवाला ज्ञान सर्वश्रेष्ठ है, इसे हर एक अपने जीवन मे अपनाये और जीवन दिव्य बनाये।
आगन्तुकों का पीतवस्त्रों द्वारा स्वागत पूर्व फौजी भीमसेन द्वारा किया गया।
बालिका रमा द्वारा ‘घर मंदिर से नही हो कम’ भावनृत्य प्रस्तुत किया।