सभी आध्यात्मिक जगत की सबसे बेहतरीन ख़बरें
ब्रेकिंग
व्यर्थ संकल्पों से अपनी एनर्जी को बचाएंगे तो लाइट रहेंगे: राजयोगिनी जयंती दीदी राजयोगिनी दादी रतन मोहिनी ने किया हर्बल डिपार्टमेंट का शुभारंभ  मप्र-छग से आए दस हजार लोगों ने समाज से नशे को दूर करने का लिया संकल्प चार दिवसीय वैश्विक शिखर सम्मेलन का समापन वैश्विक शिखर सम्मेलन (सुबह का सत्र) 6 अक्टूबर 2024 श्विक शिखर सम्मेलन का दूसरा दिन- वैश्विक शिखर सम्मेलन- शाम का सत्र (4 अक्टूबर)
विश्व परिवर्तन का आधार है हम युवा - Shiv Amantran | Brahma Kumaris
विश्व परिवर्तन का आधार है हम युवा

विश्व परिवर्तन का आधार है हम युवा

झारखंड राज्य समाचार

माई फैमिली वेबीनार में व्यक्त विचार

शिव आमंत्रण, नीरसा। ब्रह्माकुमारीज़ के युवा प्रभाग और झारखंड के नीरसा सेवाकेंद्र द्वारा माई फैमिली अ सर्कल ऑफ स्ट्रेंग्थ विषय पर ऑनलाइन वेबिनार आयोजित किया गया। इस अवसर पर सेवाकेंद्र प्रभारी बीके जया, बिहार मेडिकल कॉलेज की एमबीबीएस, एमडी डॉ. अवंतिका और ब्रह्माकुमारीज़ के मुख्यालय शांतिवन से बीके अवनीश मुख्य वक्ता रहे।
बीके जया ने कहा, राजयोग के द्वारा हमारे जीवन मे सकारात्मक चिंतन आ सकता है। अनेक सुंदर विधि को फॉलो करने से युवा शक्ति का विकास होता है और उसके आधार पर समाज को एक बहुत बडी सहयोगिता प्राप्त होती है। युवा अपने शक्ति को विनाशकारी कार्यो में न लगाकर, रचनात्मक कार्यों मे लगाकर विश्व को सहयोग दे सकते है।
बीके अवंतिका ने कहा, हमे बडे बुजुर्गों का रिस्पेक्ट करना है, उनसे प्यार से चलना है, उनको खुशी देनी है, अपने माता-पिता के साथ आज्ञाकारी रहना है, डिसिप्लिन मेंटेन करना है, सबकी विशेषताओं को देखना है, सबको आगे बढने की हिम्मत देनी है। अभी बहुत सारे घरों में निराशा हो रही है। किसी की जॉब छुट गई है, किसी के घर मे फायनान्सियल प्रॉब्लेम चल रही है। तो इस समय पर हर एक के गुणों को देखना, उन्हे प्रोत्साहित करना, प्रेरणा देना, उन्हे आगे बढाना, हर एक के साथ मधुर व्यवहार करना और बीति बाते भुलाकर उसे नम्रता से व्यवहार करना ये भी बहुत आवश्यक है।
बीके अवनीश ने कहा, जहां समायोजन है, जहां सम्मान है, एडजस्टमेंट है, विश्वास है वह परिवार है। जहां स्वीकार्यता है, जैसे मा को अपना बच्चा हर रूप में स्वीकार्य होता है वैसे परिवार जैसा भी है, मेरा परिवार है, मेरा है। जैसे किसी ने कहा है, बाकी तो सब सपने होते है अपने तो अपने होते है। यही अपनत्व का भाव सुरक्षा चक्र है। यही भाव इम्युनिटी बढ़ाता है। आज के समय मे यही भाव परिवर्तन लाता है। यही भाव परिवार को एकता के सूत्र में पिरोता है और यही भाव लोगों की बुरी नजर से परिवार को बचाता है।
युवा प्रभाग के कमेटी मेंबर बीके शुभ्रो ने कहा, परिवर्तन हमारे आधार से होगा क्योंकी वह हमारे आधार से ही होगा। संसार हमारी तरफ आश लगाकर देख रहा है, परिवर्तन का मार्ग हम युवाओं को सोचते है। लेकिन उसकी शुरूवात हम कैसे करे। शुरूवात हमको स्वयं से करनी होगी। खुद को और अपनी जीवनशैली को परिवर्तन करना होगा।
कोलकाता से सीविल इंजीनियर संधी सिन्हा ने कहा, विश्व बनता है राष्ट्र से और राष्ट्र बनता है परिवार से। अगर परिवर्तन परिवार मे लाया जाए तो वह विश्व को भी प्रभावित करेगा और वसुधैव कुटुंबकम् का जो हमारा संकल्प है वह एक ना एक दिन सफल होगा।
अंत में सभी को कॉमेंट्री द्वारा राजयोग का अभ्यास भी कराया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *