सभी आध्यात्मिक जगत की सबसे बेहतरीन ख़बरें
ब्रेकिंग
नकारात्मक विचारों से मन की सुरक्षा करना बहुत जरूरी: बीके सुदेश दीदी यहां हृदय रोगियों को कहा जाता है दिलवाले आध्यात्मिक सशक्तिकरण द्वारा स्वच्छ और स्वस्थ समाज थीम पर होंगे आयोजन ब्रह्माकुमारीज संस्था के अंतराष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शुरू दादी को डॉ अब्दुल कलाम वल्र्ड पीस तथा महाकरूणा अवार्ड का अवार्ड एक-दूसरे को लगाएं प्रेम, खुशी, शांति और आनंद का रंग: राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी इस विद्यालय की स्थापना से लेकर आज तक की साक्षी रही हूं: दादी रतनमोहिनी
दिलवाले भगवान की वह सच्ची दिलरुबा थी - Shiv Amantran | Brahma Kumaris
दिलवाले भगवान की वह सच्ची दिलरुबा थी

दिलवाले भगवान की वह सच्ची दिलरुबा थी

झारखंड राज्य समाचार

दीदी मनमोहिनी के स्मृति दिवस पर बीके हर्षा के विचार

शिव आमंत्रण, हजारीबाग। दीदी मनमोहिनी के स्मृति दिवस पर सेवाकेंद्र प्रभारी बीके हर्षा ने कहा, कि 1969 में ब्रह्मा बाबा के अव्यक्त होने के बाद दीदी मनमोहिनी और दादी प्रकाशमणि ने पूरे यज्ञ को संभाला। इन दोनों के लिए कहा जाता है दो शरीर एक आत्मा। ऐसे रह करके एक ने कहा दूसरे ने माना ऐसे करते दोन्हो ने पूरे यज्ञ को चलाया। दीदी मनमोहिनी का यज्ञ के प्रति अति स्नेह था। दीदी के सानिध्य में जो भी आता दीदी उसका मन ऐसा मोह लेती जो वह बाबा का बन जाता। इसलिए बाबा ने उन्हें अलौकिक नाम मनमोहिनी दिया।
झारखंड के हजारीबाग सेवाकेंद्र पर आयोजित दीदी मनमोहिनी स्मृति दिवस पर मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित विजय कुमार सिन्हा, सीनियर सेक्शन इंजीनियर और पूर्व विधायक निर्मला प्रसाद और डीएवी स्कूल की शिक्षिका स्वाति देवी, सेवाकेंद्र प्रभारी बीके हर्षा और बीके तृप्ति ने दीदी के चित्र पर माल्यार्पण किया।
बीके हर्षा ने कहा, कि दीदी मनमोहिनी एक धनाढ्य परिवार की होते भी बहुत साधारण और सरल स्वभाव की थी। दीदी का लौकिक नाम गोपी था। दीदी यज्ञ की स्थापना के समय अनेक बंधनों को तोड़ते हुए एक पल में झाटकू रूप से समर्पित हो गई। उनका शिव बाबा से अटूट प्यार था। हर पल, हर बोल में बाबा ही बाबा निकलता था। दिलवाले भगवान की वह सच्ची दिलरुबा थी। 1950 में जब यज्ञ कराची से आबू में ट्रांसफर हुआ तो उन्होने ही यज्ञ के स्थानांतरण के लिए माउंट आबू का स्थान चुना। दीदी 28 जुलाई 1983 को अपने भौतिक देह का त्याग कर अव्यक्त वतन वासी बनी। दीदी नंबर वन गोडली स्टूडेंट रही।
लगभग 100-125 लोगों ने दीदी मनमोहिनी के चित्र पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि कर श्रद्धांजलि अर्पित की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *