सभी आध्यात्मिक जगत की सबसे बेहतरीन ख़बरें
ब्रेकिंग
नकारात्मक विचारों से मन की सुरक्षा करना बहुत जरूरी: बीके सुदेश दीदी यहां हृदय रोगियों को कहा जाता है दिलवाले आध्यात्मिक सशक्तिकरण द्वारा स्वच्छ और स्वस्थ समाज थीम पर होंगे आयोजन ब्रह्माकुमारीज संस्था के अंतराष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शुरू दादी को डॉ अब्दुल कलाम वल्र्ड पीस तथा महाकरूणा अवार्ड का अवार्ड एक-दूसरे को लगाएं प्रेम, खुशी, शांति और आनंद का रंग: राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी इस विद्यालय की स्थापना से लेकर आज तक की साक्षी रही हूं: दादी रतनमोहिनी
विचार का परिवर्तन ही जीवन परिवर्तन है - Shiv Amantran | Brahma Kumaris
विचार का परिवर्तन ही जीवन परिवर्तन है

विचार का परिवर्तन ही जीवन परिवर्तन है

समस्या-समाधान

हमारा देश महान
सम्पूर्ण इतिहास को देखें जितने महान पुरुष भारत में जन्में है उतने सारे संसार में मिलकर भी नहीं जन्में हैं। हमारा देश महान देश है। हमारे ब्रह्माकुमारीज़ का रशिया में बहुत सेन्टर है जहां की 21 कन्याओं ने अपने जीवन को समर्पित किया, उनमें से 9 हमारे यहां ज्ञानसरोवर में आई, उनमें से एक ने अपना अनुभव सुनायी कि मैं भगवान की खोज में भारत चार बार आयी। मैंने उससे पूछा नाम तो संसार में अमेरिका का बहुत है अमेरिका क्यों नहीं गई? मेरी बात से सोचने लगी, अमेरिका! भगवान की बात हो, चाहे शांति की बात हो, ज्ञान की खोज हो तो मनुष्य कहां आता है? सिर्फ भारत में, यही सत्य है।

अच्छे कर्म से अगला जन्म भारत में
एक बार ब्रह्माकुमारीज़ में दिल्ली से चीन के एम्बेसडर को बुलाया गया। उन्होंने एक वंडरफुल बात कही कि हमारे देश में ये मान्यता है कि अगर कोई मनुष्य अच्छे कर्म करेगा तो उसका अगला जन्म भारत में होगा। ऐसी भूमि पर हम बैठे हैं जो संसार में सब से महान है यहीं से विद्या सारे संसार को गई थी। सब कुछ यहीं से गया। अनेक विदेशी आक्रमणकारियों ने भारत पर आक्रमण कर लूट-लूट कर ले गए, भारत फिर भी दाता ही रहा। भारत का इतिहास है कि हमने किसी पर आक्रमण नहींं किया क्योंकि हम आरंभ से ही भरपूर थे। हम कंगालों पर आक्रमण करके क्या करेंगे? कोई भूमि महान दीवारों से जमीन से महान नहींं बनती सिर्फ वहां के मनुष्यों से महान बनती है। हम सभी में देवत्व है हम अपने इस देवत्त्व को पहचान कर भारत को महान बनाएंगे।
वैज्ञानिकों ने भी पुनर्जन्म को माना
हम सभी भारत वाले कर्म फिलॉसफी में विश्वाश रखते हैं। हमारे भारतवर्ष में पुनर्जन्म को भी मानते है। क्रिश्चियन धर्म, मुस्लिम धर्म में पुनर्जन्म को नहींं माना गया है। अब वहां भी बहुत लोग मानने लगे हैं क्योंकि वैज्ञानिकों ने ऐसी खोज कर दी कि उन्हें भी मानना पड़ा कि पुनर्जन्म होता है। जो भी कर्म हम करते हंै वो सब हमारे पास रहते हैं। बहुत सूक्ष्मता से आज हम इस बात पर चिंतन करेंगे। सतयुग और त्रेता युग में अकर्म थे। द्वापरयुग से पुण्य और पाप कर्म शुरू हुए, जब मनुष्य पूण्य करता था तब सुखी था। जो कर्म हम करते है वो सूक्ष्म तरंगों से ब्रेन में प्रिंट होता रहता है।

हमारा ब्रेन कंप्यूटर डिस्क से भी कई गुणा पावरफूल
मनोविज्ञान में मन की तीन स्थितयों का वर्णन किया गया है- चेतन मन, अचेतन मन, अवचेतन मन। जिसको वो अचेतन मन कहते है सच तो ये है कि मन कभी अचेतन होता ही नहींं। मन तो चेतन है सोच रहे हैं हम। लेकिन जो कर्म हम करते आते है अच्छे या बुरे वो सब ब्रेन में प्रिंट हो गया, कभी मनुष्य पूण्य तो कभी पाप करता है। हम सब का ब्रेन बहुत बड़ा है जिसकी तुलना हम कंप्यूटर की हार्ड डिस्क, सॉफ्ट डिस्क से कर सकते हैं। हम सब जानते है छोटे से मेमोरी कार्ड, चिप में कितना माल भर जाता है। ब्रेन तो इनकी भेंट में बहुत बड़ा है तो पूरे 5 हजार साल का सारा रिकॉर्डिंग अच्छा या बुरा सारा भर जाता है। जो पहले भरा था वो नीचे हो गया, जो अब भरा वो ऊपर एक्टिव है। नीचे वाला अभी अवचेतन जो दबा हुआ है।

पाप विकर्मो को राजयोग से भस्म करना
अब हमें पाप को राजयोग अभ्यास से खत्म करना है। जब हम सर्वशक्तिवान से सर्वशक्तिओं का प्रकम्पन लेते है जो योग अग्नि बन जाता है और वो अग्नि जो अंदर में भरी हुई है वो जल कर नष्ट होने लगती है। हमारा ब्रेन, माइंड और बुद्धि सब क्लीन होने लगती है। हम हल्के होने लगते है। यहां ये पापकर्म भी बीमारियों के कारण है क्योंकि जो कुछ यहां भरा हुआ है वो सब माइंड को भी प्रभावित करता है। मन में अगर गंदगी है तो विचार तो सूंदर होंगे नहींं। वो हमारे मन को प्रदूषित करता है विकृत करता है। उससे कर्म और विकृत होते है। जीवन की कठिन यात्रा को चेंज करना है तो लंबी चौड़ी बात नहीं विचारों को बदल दो तो जीवन बदल जायेगा। विचार परिवर्तन जीवन परिवर्तन है। ज्यादा सोचने की आदत, ज्यादा उम्मीद, सब मेरी महिमा करें कि तुम बहुत अच्छी हो तब तो मैं खुश और किसी ने जरा भी कह दिया तुमने खाना तो बनाया पर नमक थोड़ा कम रख दिया इतने में ही खुशी गायब। इसलिए जिसे जीवन को एन्जॉय करना है वो अपनी नेचर को लाइट हल्के रखें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *