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मनुष्य के सर्वांगिण स्वास्थ्य में राजयोग की भूमिका है अहम - Shiv Amantran | Brahma Kumaris
मनुष्य के सर्वांगिण स्वास्थ्य में राजयोग की भूमिका है अहम

मनुष्य के सर्वांगिण स्वास्थ्य में राजयोग की भूमिका है अहम

गुजरात राज्य समाचार

स्प्रिचुअल डॉक्टर्स फॉर होलिस्टिक हेल्थ वेबीनार में व्यक्त विचार

शिव आमंत्रण, अहमदाबाद। कोरोना काल के बीते वर्ष होने पर स्प्रिचुअल डॉक्टर्स फॉर होलिस्टिक हेल्थ विषय पर विशेषज्ञ चिकित्सकों के लिए ई सेमिनार आयोजित किया गया।
इस कार्यक्रम में मनोचिकित्सक डॉ. जी एल सम्पूर्णा, पौराणिक विज्ञानी के लेखक देवदत्त पटनायक, ओशो के छोट़े भाई स्वामी शैलेन्द्र सरस्वती, ह्दयरोग विशेषज्ञ डॉ. मोहित गुप्ता, मस्तिष्क रोग विशषज्ञ डॉ. सुधीर शाह, वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके बिन्नी सरीन तथा सुप्रसिद्ध बासुरी वादक आस्ट्रेलिया के बीके डेविड ने भाग लिया। विश्व बेटी दिवस के संस्थापक अहमदाबाद के डॉ. संदीप ज्योत तथा दिल्ली के डॉ. एस रंजन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में कई विशेषज्ञों ने भाग लिया।
कोरोना काल चिकित्सकों की दोहरी भूमिका के बीते एक साल पर आयोजित इस कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने कहा, कि बीमारियों से लडऩे के लिए दवा के साथ दुआ अर्थात आध्यात्मिक शक्ति की अति आवश्यकता है।
कार्यक्रम में नई दिल्ली के जीबी पंत हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. मोहित गुप्ता तथा माउण्ट आबू की वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका डॉ. बीके बिन्नी सरीन ने कहा, कि राजयोग की भूमिका मनुष्य के सर्वांगिण स्वास्थ्य में अहम है। क्योंकि जब आत्मा स्वस्थ होती है तो शरीर को स्वस्थ होने में मदद मिलती है। हम कोई भी कार्य परमात्मा की आशीर्वाद से करते है तो वह कार्य और भी कई गुणा बढ़ते जाता है। तो यह परमात्मा की ब्लेसिंग्स लेने का समय है।
ओशो के छोटे भाई स्वामी शैलेंद्र ने कहा, मनुष्य का पूरा पूरा स्वास्थ्य तभी संभव है जब सभी तलोंपर उसे स्वस्थ रहने की सुविधा मिल सके। अभी जॉमेट्रिकल सायन्स विकसित हुई है वह फिजिकल व केमिकल सायनस पर विकसित है। समझो किसी के पैर की हड्डी टूट गई तो प्लास्टर कर देंगे। किसी की रीड की हड्डी में खराबी आ गई तो फिजिओ थेरपी और टॅ्रक्शन से ठीक हो जायेगी। टयूमर हो गया तो ऑपरेशन कर के निकाल देंगे। फिर मेडिकल सायन्स में ेबसे जादा फील्ड मेडिकल सायन्स का है, रसायनों का है। निश्चित रूप से उपयोगी। किसी विटामिन की कमी है कि हार्मोन की कमी है उस कमी को दूर कर दिया जाएरोग ठीक हो जायेगा। लेकिन यह सब शरीर के लिए हुआ। आप शरीर से डिटैच होने की जबतक प्रैक्टिस नही करेंगे तब तक सच्चे अर्थ से आप अतिंद्र्रिय सुख का अनुभव नही कर सकेंगे, मृत्यु का भय अंदर से निकल नही जायेगा।
इस कार्यक्रम का शुभारम्भ आत्मा की हीलिंग के लिए म्यूजिक और मेडिटेशन विषय पर विशेष आस्ट्रेलिया के बीके डेविड ने अपने बासुरी वादन से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। साथ ही आध्यात्मिक उन्नति में म्यूजिक एवं मेडिटेशन की भूमिका पर भी प्रकाश डाला।

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