गीता का अद्भुत रहस्य पर बीके कांचन के विचार
शिव आमंत्रण, सिकंदरा। बिहार में जमुई सेवाकेंद्र द्वारा सिकंदरा में नए राजयोग सेवाकेंद्र के उद्घाटन में 5 दिवसीय श्रीमद् भगवत गीता का अद्भुत रहस्य विषय पर प्रवचन कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें बेगुसराय सेवाकेंद्र प्रभारी बीके कांचन ने आत्मा, परमात्मा के सत्य परिचय के साथ गीता का भगवान निराकार ज्योतिर्बिंन्दू परमात्मा शिव है इसकी स्पष्ट रूप से जानकारी दी।
मैं शरीर नहीं, अजर अमर अविनाशी आत्मा हूं इस विषय पर उन्होने पहले दिन प्रकाश डाला। दूसरे दिन के सत्र में परमात्मा के स्वरूप का वर्णन सार्वभौमिक अस्तित्व की कसौटी पर कसते हुए हिंदू-मुसलमान-सिख-ईसाई-यहूदी- पारसी सभी धर्मों के हिसाब से सिद्ध किया। तीसरे दिन के सत्र में कर्मों की गहन गति के साथ मन रूपी विमान द्वारा सतयुग का सैर कराया। उन्होंने बताया, कि वर्तमान में हम जो भी हैं वह हमारे भूतकाल में किए गए कर्मों का परिणाम है और आज हम वर्तमान में जो भी कर रहे हैं वह अपना भविष्य का भाग्य लिख रहे हैं। इसलिए हमें हर घड़ी श्रेष्ठ कर्म करने चाहिए। हम सब 84 लाख योनियों में जन्म नहीं लेकर मात्र कल्प के 5000 वर्ष में जादा से जादा 84 जन्म लेते हैं। अगर मानव जीवन चौरासी लाख योनिया पार करके लिया गया होता तो आज मनुष्य जानवरों से भी बदतर दुखी होता। आज मानवों की संख्या तो बढ़ रही है लेकिन मानवता नष्ट होती जा रही है। इन्सानी जनसंख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है लेकिन इन्सानियत खत्म होती जा रही है।
इस उपलक्ष्य में सिकंदरा थाना अध्यक्ष शिवानंद शाह, जमुई सेवाकेंद्र प्रभारी बीके कृति समेत अनेक सदस्य उपस्थित रहे।