मैंने परमात्मा से दोस्ती का नाता भी जोड़ा हुआ है, गुड फ्रेंड (गॉड फ्रेंड) खुदा दोस्त इसके मेरे बहुत ज्यादा अनुभव है। नाता जोड़ो उससे वो आपकी समस्याओं को हरने लगेगा। लेकिन जो मैं जो बात मैंने पहले कहीं अपने मन को बहुत स्ट्रोंग बनाओ, कमजोर नहीं। सवेरे उठते ही संकल्प किया करो, समाधान आपके सामने रख रहा हूँ। जिसका प्रयोग मैंने किया है। जिसे लाखों लोग इस चीज को सीख गये है। इस सारी दुनिया में हमें जब फोन आते है। तब समझ में आता है कि एक सुन्दर बात संसार के बहुत लोगों ने सीख ली, मुस्लिम ने भी सीख ली, क्रिश्चियन लोंगो ने भी सीख ली, बुद्धिष्ठ ने भी सीख ली और हिन्दुओं में तो लाखो लोगों ने सीख ली। हम सर्वशक्तिवान भगवान की संतान है, वो मेरा परमपिता है तो इसका अर्थ है वो मेरा है, है या नहीं, वो मेरा है, जो कुछ उसका है वो मेरा है, उसका सबकुछ मेरा है, जैसे आपके बच्चे आपके पास अधिकार से आ जाते है न, पापा ये चाहिए अब पापा को देना पड़ता है पैसे कहीं से भी लायें।
परमात्मा पर भी हम अधिकार कर सकते है।
अधिकार की फिलिंग तो जानवरों में भी होता है। शेर का बच्चा क्या होगा शेर होगा ना, तो हम सर्वशक्तिमान के बच्चे है तो हम बहुत पावरफूल है। स्वीकार कर लो ये सत्य को, वो सर्वशक्तिमान है तो हम मास्टर सर्वशक्तिमान है। सवेरे उठ के पाँच बार ये बातें याद कर लो आँख खुलते ही, सोई हुई शक्तिायाँ जग जाएगी। जब शक्तियाँ जग जाती है तो उससे वायब्रेशन फैलती है चारो ओर, आपकी आँखों से फैलेगी, हाथों से फैलेगी, और ये वायब्रेशन समस्याओं को नष्ट करेगें। ये वायब्रेशन अपने बाडी को भी दे सकते हैं, मैं आत्मा मस्तक पर विराजमान है। मास्टर सर्वशक्तिमान हूँ मुझसे शक्तियों की लाल किरणें फैल रही है, ब्रेन में भी जा रही है बॉडी में भी जा रही हैै, अंग-अंग को ठीक कर रही है। बहुत अच्छे अनुभव होंगेे इससे आपकी शक्तियां बढ़ेगी।
सोई हुई शक्तियाँ सदा जगी रहेंगी
मैं मास्टर सर्वशक्तिमान हूँ ये याद रहे तो सोई हुई शक्तियाँ सदा जगी रहेगी। जिन बच्चों की एकाग्रता नहीं होती पढ़ाई में उन सबको हम यहीं सिखातें है। सवेरे उठ कर 108 बार लिख लो 21 दिन तक कि ‘मैं मास्टर सर्वशक्तिमान हूँ’ एक लडक़ी का फोन आया मेरे पास, एक्जाम आने वाला है मैं बहुत पढ़ रही हूँ कुछ याद नहीं है क्या करू? मैंने कहा अभी बैठ कर लिखों मैं मास्टर सर्वशक्तिमान हूँ 108 बार, कल सवेरे लिखना, शाम को लिखना, 7 दिन तक लिखो, फिर 21 दिन तक लिखना सवेरे। अगले दिन उसका रात को फोन आ गया मैं तीन बार लिख लिया है मेरी एकाग्रता बढ़ गई है। अब मैं चार घण्टे से मैं पढ़ रही हूँ, मुझे सब याद है।
श्रेष्ठ संकल्पों के प्रयोग से सुंदर रिजल्ट हमें मिलते है।
जहाँ मनुष्य को कोई उपाय नहीं दिखता, मन भटक रहा होता है, चाहे श्वास पे ध्यान लगा लो, संकल्पो पे ध्यान लगा लो नहीं लगेगा। एकाग्रता नष्ट हो गई कुछ नहीं होता। जहाँ मनुष्य रोने लगता है तो ऐसी स्थिति में संकल्प करें कि हम बहुत शक्तिशाली है ये संकल्प हम अपने साथ ले चलेगें। कुछ और सारे प्रयोग है समस्या के, भिन्न समस्याओं में हम जो कराते हैं 21 दिन का, योग साधना भी हम कराते हैं अनुष्ठान जैसा एक घण्टा रोज उनसे बहुत चीजे ठीक होती है। समस्याएं प्रभू अर्पण करना सिखेंगे, बहुत अच्छा अनुभव होंगे जीवन में। परमात्मा हमारा मात-पिता भी है परम शिक्षक भी है परम सत्गुरू भी है, उसको अपना सच्चा सत्गुरू बना लो, वो न केवल आपको मंत्र देगा वो आपको बहुत केयर भी करेगा।