चोटी से ट्रक खिंचनेवाली बीके रानी के उद्गार
बाल्को, छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ के बाल्को सेवाकेंद्र द्वारा बीके विद्या के निर्देशन मे माँ-बच्चों के लिए लगातार चल रहे पर्सनालिटी डेवलपमेंट ऑनलाइन कैंप की सीरीज में बच्चों को मोटिवेट करने हेतु वल्र्ड रिकॉर्ड होल्डर बीके रानी को आमंत्रित किया गया। आपको बता दे बीके रानी ने अपनी चोटी के माध्यम से ट्रक खींचने के लिए कितने ही रिकॉर्ड दर्ज किए हैं।
कोरबा जिले के विभिन्न स्कूलों के बच्चे साथ ही छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्थानों से व भारत के अनेक राज्यों से बच्चे सम्मिलित होकर कार्यक्रम में भागीदारी कर उक्त पर्सनालिटी डेवलपमेंट क्लासेज का लाभ ले रहे हैं। क्लासेस निशुल्क तौर पर संचालित किये जा रहे है। जिसका मुख्य उद्देश्य बच्चों में पॉजिटिव संस्कारों का प्रवाह करना है। जिस पर्सनालिटी डेवलपमेंट तथा मोटिवेशनल क्लासेस में समय-समय पर ब्रह्माकुमारी संस्थान से जुड़े भारत भर के विख्यात मोटिवेशनल स्पीकरों को ऑनलाइन वेबिनार के माध्यम से बच्चों को मोटिवेट करने हेतु आमंत्रित किया जाता है। जिस कडी में आज वल्र्ड रिकॉर्ड होल्डर बीके रानी को आमंत्रित किया गया। ज्ञात हो कि बीके रानी बहन एक मोटिवशनल स्पीकर हैं। उन्होंने अपनी चोटी के माध्यम से ट्रक खींचने के कितने ही रिकॉर्ड दर्ज किए हैं। भारत के अलावा अन्य देशों में भी उन्होंने अपनी कला का प्रदर्शन कर नाम कमाया है व साथ ही साथ लोगों का ध्यान उनके अंदर की शक्ति की ओर केंद्रित करवाया है। अपने जीवन शैली के माध्यम से बच्चों को भी आप समान बनाने हेतु उन्होंने अपने कीर्ति प्राप्त करने के सम्बंध में रियल जिंदगी से जुडे अपने अनुभव सांझा किये जिस लाइफस्टाइल को अडॉप्ट कर कोई भी उन जैसा बन सकता है। अपने अनुभव सांझा करते हुए उन्होंने बतलाया कि वह उत्तरप्रदेश के एक छोटे से गांव से बिलोंग करती थी। बचपन से शरारती थीं। जब उनका कनेक्शन ब्रह्माकुमारी संस्थान से हुआ तब राजयोगा मेडिटेशन के माध्यम से उनके एनर्जी को पॉजिटिव डायरेक्शन मिला, कुछ अलग कर दिखलाने का जज्बा उनमे बचपन से ही था बस फिर क्या था पॉजिटिव डायरेक्शन मिलने के बाद उनकी एनर्जी सहीं दिशा में लगने लगी व राजयोगा मेडिटेशन की मदद से वह नित नए कीर्तिमान हांसिल करती गईं।
आगे उन्होंने कहा, कि आज के जनरेशन में जो चीजें कभी 60 वर्ष की आयु में देखने को मिलती थी वह आज 8 वर्ष की आयु में देखने को मिल रही है। 8 वर्ष के बच्चों को आज चश्मा लगने लगा है। बाल सफेद होने लगे हैं। छोटी उम्र में ही लोगों को तरह तरह की बीमारियां घेर ले रही हैं। याददाश्त को शार्प करने के ट्रिक्स शेयर करते हुवे उन्होंने बताया कि जब हमारा मन व बुद्धि एक साथ एक दिशा में कार्य करता है तो उसे एकाग्रता करते हैं। मेडिटेशन से एकाग्रता की शक्ति बढ़ती है। जब हम किसी बात को सुनते हैं, या पढ़ते हैं तो हमें उसे वीजवूलाइज करना चाहिए, क्योंकि हमारा सब कॉन्शियस माइंड चित्रों की भाषा समझता है। चित्र से भावनाएं अटैच होकर हमारे सब कॉन्शियस माइंड में स्टोर हो जाती है जिन चीजों को हम बार बार पढक़र रटते हैं। उसकी बजाए अगर हम उन चीजों का मन में चित्रण बनाकर विजुअलाइज करें तो वह चीजे हमे लंबे समय तक याद रहती हैं। जैसे कोई फिल्म या नाटक हम देखते हैं, वह हमारे सबकॉन्शस माइंड का हिस्सा बनकर व्यक्तित्व में शामिल हो जाता है। आगे उन्होंने विचार को श्रेष्ठ बनाने पर बल देते हुए कहा, कि एक मनुष्य के विचार ही हैं जो जीवन मे असंभव को संभव बना देते हैं। जब हम अच्छे काम मे अपनी शक्तियां लगाते हैं तो कायनात की शक्तियां उसमे निहित होकर हमारे कार्य को बढ़ावा देती हैं। तन के लिए भोजन की जरूरत पडती है उसी तरह मन को संचालित करने के लिये अच्छे विचारों की जरूरत पडती है। दूसरा उन्होंने बताया कि जिस तरह शरीर को फिट रखने के लिये एक्सरसाइज की जरूरत पडती है ठीक उसी प्रकार मन को फिट रखने के लिए मेडिटेशन की जरूरत पडती है। आज चारों ओर दुख, अशांति, अनिंद्रा, चिंता, भय, अनिश्चितता बढी हुई है। सब मन को शांत रखने के लिए न जाने क्या क्या मार्ग अपना रहे हैं। पर मन को शांत रखने के मार्ग बाहर नहीं बल्कि भीतर हैं। इसे शांत करने के लिये दवा की नहीं बल्कि मेडिटेशन की जरूरत होती है। एक होती है मनमानी, एक होता है बुद्धिमानी तो हमें मनमानी नहीं करनी बल्कि बुद्धिमानी करनी चाहिए। मनमत पर नहीं तो श्रीमत पर चलना चाहिए। डिप्रेशन का कोई इलाज नहीं सिवाए मेडिटेशन के। मन की कैपेसिटी सिर्फ मेडिटेशन से बढ़ती है। मन को बैलेंस करना है तो उसका आधार सिर्फ मेडिटेशन है।
आगे बीके रानी ने कहा, कि शक्तियों का विकास परिस्थितियां करती हैं। जीवन मे समस्याएं आने पर हमें उनसे घबराना नही चाहिए बल्कि उसके सोल्यूशन की तरफ फोकस करना चाहिए। समस्यायों का सोल्यूशन निकालने से शक्तियां मिलती है अर्थात जो अनुभव मिलता है वह ही शक्तियां होती हैं। आगे भोजन के सम्बंध में डायरेक्शन देते हुवे बीके रानी ने कहा कि हमे सात्विक डाएट लेना चाहिए। इस दुनियां का सबसे पॉवरफुल फूड प्रसाद, भोग होता है। चूंकि उसमे पॉजिटिव वाइब्रेशन मिले होते हैं, परमात्मा की शक्तियां मिली होती है। हमारी लाइफस्टाइल बहोत अच्छी होनी चाहिए। जो बच्चे रात में ज्यादा पढते हैं उनकी बुद्धि कम होती है, जो बच्चे सबेरे पढ़ते हैं उनकी बुद्धि का विकास होता है, माइंड शार्प बनता है। आगे उन्होंने बच्चों को प्रात: काल जल्दी उठने के लिए प्रेरित किया। इसके लिये उन्होंने बच्चों को रात में जल्दी सोने के लिये भी मोटीवेट किया।
उन्होंने बताया, कि एक मर्तबा वह कोरबा पहले आई हुई थी उस वक्त उन्होंने चोटी से ट्रक खींचने का कार्यक्रम किया था। जिसका राज उन्होंने बताया, कि ताकत बालों में नहीं बल्कि आत्मा में होती है व राजयोगा मेडिटेशन से जब आत्मा परमात्मा से कनेक्ट होती है तो हर असंभव कार्य सम्भव कर दिखलाती है। हमारे अंदर जो प्रतिभा है, वह राजयोगा मेडिटेशन के माध्यम से निखरकर आपेही प्रत्यक्ष होने लगती है। अगर किसीको अपने आप मे अद्भुत परिवर्तन देखने हैं तो उन्हें निश्चित तौर पर राजयोगा मैडिटेशन को जीवन शैली में शामिल करना चाहिए।
कार्यक्रम के अंत मे बच्चों ने उन्हें गुलदस्ता भेंट किया व बीके रानी ने उपस्थित जनों को राजयोगा मैडिटेशन करवाकर बिदाई ली।