ऑनलाइन बाल शिविर में व्यक्त विचार
शिव आमंत्रण, नई दिल्ली। नई दिल्ली के पहाडग़ंज सेवाकेन्द्र द्वारा छटवी से दसवी कक्षा के विद्यार्थियों के लिए त्रिदिवसीय ऑनलाइन बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें मुम्बई से प्रेरक वक्ता बीके ई.वी. गिरीश तथा दिल्ली से माइंड मेमोरी ट्रेनर डॉ. अदिति सिंघल ने कई प्रेरणादायी कहानियों एवं उदाहरणों के माध्यम से बच्चों को जीवन में मूल्यों एवं विशेषताओं को धारण करने के लिए प्रेरित किया।
डॉ. अदिति सिंघल ने कहा, हमारे अंदर जो निगेटीविटी है, अपने लिए डाउट है, किसी के लिए निगेटीव थॉटस है तो अब अच्छी धारणा करने की कोशीस करो, निगेटीव अपने आप कम होता जायेगा। पॉजिटीव की कमी से निगेटीव आता जाता है। अच्छी बुक्स पडो, अच्छे सेशन्स अटेंड करो। उस काम्पिटीशन में मत आओ जो आज की दुनिया में है। सक्सेसफुल लोगों के बारे में पढ़ों, जानो की उन्होने कैसे सफलता पाई। तो पॉजिटीव आता चला जायेगा।
बीके ई.वी. गिरीश ने कहा, अगर पेट्रियॉटिक हो तो कचरा बाहर नही डालना, मास्क पहनना, हाथ को सैनिटाईज करना, सोशल डिस्टन्सिंग रखना। क्यों? क्योंकि मेरी वजह से कोरोना होके घर मे जितने भी लोग है, समाज में जितने लोग है उन सबको कोरोना नही होना चाहिए। ग्लॅमरस होना, क्या बात है? बाहर का ग्लॅमर और अंदर का ग्लॅमर, दोनो भी होना जरूरी है, तो दुनिया के कोने कोने से चमक उठेंगे।
एक अभिभावक चारू मल्होत्रा ने कहा, आदिती बहन बच्चों के लिए जो कहा वह मेरे लिए भी मुझे बहुत जरूरी लगा। वह बच्चों के साथ मै भी धारण करूंगी। उनके विचार सिर्फ बच्चों के लिए नही, बल्कि सबको धारण करने लायक है।
इस शिविर में इनर ब्यूटी, मैजिक ऑफ मेडिटेशन, पॉजि़टिव रीलेशनशिप्स, कंसंट्रेशन एंड मेमोरी विषय पर विशेष रुप से वक्ताओं ने प्रकाश डाला, जिसका सभी प्रतिभागी बच्चों ने लाभ लिया।