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किसान के कारण आर्थिक व्यवस्थायें है सुचारू रूप में - Shiv Amantran | Brahma Kumaris
किसान के कारण आर्थिक व्यवस्थायें है सुचारू रूप में

किसान के कारण आर्थिक व्यवस्थायें है सुचारू रूप में

छत्तीसगढ़ राज्य समाचार

शिव आमंत्रण, अम्बिकापुर। ब्रह्माकुमारीज के अम्बिकापुर सेवाकेन्द्र द्वारा राष्ट्रीय किसान दिवस के अवसर पर यौगिक – जैविक खेती करने वाले किसानों का सम्मान नव विश्व भवन, चोपड़ापारा अम्बिकापुर सेवाकेन्द्र में किया गया। इस कार्यक्रम में यौगिक और जैविक खेती करनेवाले किसानों का सम्मान किया गया। सम्मानित किसानों में राजेश्वर पैकरा, नन्दूप्रसाद गुप्ता और रामनरेश गुप्ताका समावेश था।
किसान अन्नदाता है, कठिन परिश्रम करके अन्न उगाकर देता हैं और ये बहुत बड़ी शक्ति हैं जिससे आर्थिक व्यवस्थायें सुचारू रूप से चल रही हैं। परन्तु आज किसान आत्महत्या कर रहें यह बहुत ही दर्द का विषय हैं। इसका एकमात्र कारण हैं समाज में किसानों के प्रति हीनता एवं असमानता की भावना। उक्त विचार राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानीत वृक्षमित्र एवं अध्यक्ष भारत कृषक समाज ओ. पी. अग्रवाल ने नव विश्व भवन, चोपड़ापारा में आयोजित राष्ट्रीय किसान दिवस के अवसर पर व्यक्त किये। आगे उन्होंने कहा, कि ये धरती चट्टान का एक टुकडा हैं जिसके चारों तरफ सूर्य हैं। उन्होंने कहा, खेती में केंचुयें, दीमक और मधुमक्खी हैं जो भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाती हैं और इससे भूमि उपजाऊ होती हैं।
राजमोहिनी देवी कृषि महाविद्यालय के अध्यक्षता अधिष्ठाता वी. के. सिंह ने कहा, यौगिक खेती ही जैविक खेती हैं। जो किसान शुध्द विचारों के साथ खेती करते हैं उनकीफसल की उपज बहुत ही अच्छी होता हैं। यौगिक खेती करने के लिये उन्होने सभी किसानों को प्रोत्साहित किया और आप माउण्ट आबू के ब्रहमाकुमारीज मुख्यालय के वायुमण्डल की सराहना करने हुये कहा, कि जो राजयोग करते हैं उनके चेहरे पर शान्ति और चमक होती हैं जिससे वह तनावमुक्त बन जाते हैं जिसका मैने भी अनुभव किया हूँ।
सरगुजा सेवाकेन्द्र की संचालिका बी.के. विद्या ने कहा, कृषि और ऋषि दोनों का एक ही काम है। ऋषि भगवान को प्राप्त करने के लिये तपस्या करता है और कृषि मेहनत करने की तपस्या करता हैं और उनके मेहनत से ही आज हमारा देश समृद्ध हैं। किसान कड़ी मेहनत करके न केवल गाँव को बल्कि देष को समृद्ध बनाता हैं और आर्थिक उन्नति का आधार भी किसान ही हैं। आज संसार में जो बीमारियों हो रही हैं उसके अनेककारण हो सकते हैं लेकिन मूल कारण अन्न ही हैं। जब किसान समृद्ध हो जायेगा तो उनके उगाये गये अन्न से संसार समृद्ध हो जायेगा। हमारे समृद्धि का आधार पांच बाते है। उसमे संस्कार, स्वभाव, संबंध, शरीर और सम्पत्ति आती है। प्रत्येक किसान अपने खेत में जाते समय तीन बातों का ध्यान रखेगा तो वो निश्चित समृद्ध बनेगा। पहला – परमात्मा की याद, दूसरा – विचारों की शुद्धता और तीसरा- राजयोग का अभ्यास।
जिला पंचायत उपाध्यक्ष राकेश गुप्ता ने कहा अत्याधिक फसलों के उत्पादन के लिये जो रासायनिक दवाईयों का उपयोग करते है तो पौंधों के रंगों में परिवर्तन हो जाता है। जब हम इनका उपभोग लेते हैं तो हमारे शरीर पर इसका कितना गहरा असर पड़ता हैं। उन्होंने किसान भाईयों को बताया कि अधिक से अधिक जैविक खादों का और आर्गेनिक कम्पोस्ट का उपयोग करें, रासायनिक केमिकल से बचाव करें। यौगिक खेती करने की विधि सीखे उसे करने की कोशिस करे।
वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी आर. के. कुँअर ने कहा यौगिक खेती के माध्यम से हमारा अनाज सात्विक हो जाता है। जब ये सात्विक भोजन करते है तो यह हमारे मन को सात्विक एवं बलवान बनाता हैं। जिससे हमारी सोच एवं विचार शक्ति की क्वालिटी उत्तम हो जाती हैं। उन्होंने ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा कियें गये कुशल प्रयासों की सराहना की।
वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी डॉ. ज्योत्स्ना मिश्रा ने किसान भाई – बहनों को सरकारी योजनाओं से अवगत कराया जिसके विधियों को जानकर सरकार की योजनाओं का वह लाभ ले सकते हैं।

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