सभी आध्यात्मिक जगत की सबसे बेहतरीन ख़बरें
ब्रेकिंग
युवाओं ने लिया मूल्यनिष्ठ पत्रकारिता करने का संकल्प मूल्यनिष्ठ पत्रकारिता को बढ़ावा देने आगे आए युवा नशा छोड़ आदर्श जीवन जी रहे लोगों की कहानियों से लोगों को रुबरु कराएं: कलेक्टर शुभम चौधरी मम्मा ने अपने श्रेष्ठ कर्मं, मर्यादा और धारणाओं से आदर्श प्रस्तुत किया विश्वभर में एक करोड़ लोगों को दिया योग का संदेश एक करोड़ लोगों को देंगे राजयोग का संदेश योग को खेती में शामिल करने से होगा पूरे समाज का कल्याण: कुलपति
श्रीकृष्ण 16 कला सम्पूर्ण और संपूर्ण निर्विकारी थे - Shiv Amantran | Brahma Kumaris
श्रीकृष्ण 16 कला सम्पूर्ण और संपूर्ण निर्विकारी थे

श्रीकृष्ण 16 कला सम्पूर्ण और संपूर्ण निर्विकारी थे

सम्पादकीय

शिव आमंत्रण, आबू रोड (राजस्थान)। श्रीकृष्ण 16 कला सम्पूर्ण और संपूर्ण निर्विकारी थे। यह भी सत्य है कि जिन व्यक्तियों की जयंतियां मनाई जाती हैं वे 16 कला सम्पन्न नहीं थे। श्रीकृष्ण में शारीरिक आरोग्यता और सुंदरता थी, आत्मिक बल और पवित्रता थी तथा दिव्य गुणों की पराकाष्ठा थी। सतयुग से लेकर कलियुग के अंत तक मनुष्य चोले में जो सर्वोत्तम जन्म हो सकता है वह उनका था, अन्य कोई शारीरिक या आत्मिक दोनों दृष्टिकोणों से उतना सुंदर, आकर्षक, प्रभावशाली व्यक्ति नहीं हुआ और न ही हो सकता है। श्रीकृष्ण इतने महान कैसे बने? श्रीकृष्ण जन्म से ही इतने महान थे तो अवश्य ही उन्होंने पूर्व जन्म में कोई महान पुण्य किया होगा जिससे सर्वश्रेष्ठ देव पद तथा राज्य- भाग्य प्राप्त किया था। श्रीकृष्ण को योगीराज भी कहते हैं। उनके जीवन में किसी वस्तु भोग्य, आयुष्य आदि को कमी नहीं थी क्योंकि उन्होंने अपने पूर्व जन्म में योगाभ्यास किया होगा। श्रीकृष्ण के नाम के साथ तो श्री की उपाधि का प्रयोग करते हैं परंतु अपने जीवन में श्रेष्ठता लाने पर हमें विचार करना चाहिए। श्रीकृष्ण को मनमोहन अर्थात् मन को मोह लेने वाला कहा गया है क्योंकि उनका किसी व्यक्ति, वस्तु, वैभव में मोह नहीं था बल्कि सभी के मन को वे आकर्षित करने में सक्षम थे। कृष्ण शब्द का भी अर्थ है आकर्षित करने वाला, बुराइयों से छुड़ाने वाला अथवा आनंद स्वरूप। परमपिता परमात्मा निराकार शिव वर्तमान में नवयुग की स्थापना कर रहे हैं जिसमें श्रीकृष्ण पुनः इस सृष्टि पर महाराजकुमार के रूप में अवतरित होंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *