मेरी बहुत ज्यादा भूलने की प्रवृति से बेहद परेशान रहती थी। आत्म विश्वास दिन प्रतिदिन कम होता जा रहा था। इससे पढ़ाई में भी मन नहीं लगता था। मन नकारात्मक विचारों से भर कर मन को कमजोर किये जा रहा था। इसी क्रम में एक साल पहले मुझे ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान की एक मैगजीन पढ़ते हुए मेडिटेशन सीखने की पे्ररणा मिली। उसके बाद मैंने अपने नजदीकी सेवाकेंद्र पर जा कर मेडिटेशन की शिक्षा ली और रोज मेडिटेशन करने से मेरे अंदर गजब की एकाग्रता बढऩे लगी। उसी के बदौलत आज मैं मेडिकल की छात्रा हूं। इस उन्नती के लिए मैं परमात्मा और ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान का बहुत-बहुत शुक्रगुजार हूं। मैं युवाओं से अपील करूंगी कि वह अपने जीवन में राजयोग को अवश्य अपनाएं।

रोज मेडिटेशन करने से एकाग्रता की शक्ति बढ़ गई
September 26, 2020 बातचीतखबरें और भी

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