अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर पूरे विश्व में लाखों-करोड़ों लोग इस महाउत्सव के सहभागी बने। ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान द्वारा 140 देशों में योग और राजयोग कराया गया। परन्तु एक बात साबित होने लगी है कि अब लोगों का रुझान तेजी से योग और राजयोग की ओर बढ़ चला है। हर कोई अपने सेहत को लेकर फिक्रमंद है। परन्तु अभी एक फर्क जो है वह समझने की जरूरत है। वह है योग और राजयोग की भूमिका। योग बेशक जीवन को स्वस्थ रखने में अपनी भूमिका निभाता है। लेकिन मनोअवस्था को स्वस्थ रखने के लिए अभी तक किसी के भी पास ठोस उपाय नहीं है। जो आध्यात्मिक और आंतरिक स्तर पर है जिसके जरिए व्यक्ति के अन्दर आध्यात्मिक और नैतिक मूल्यों का विकास हो सकता है। यह सब सम्भव हो सकता है तब जब उसके लिए व्यक्तिगत स्तर पर सकारात्मक सोच और विचारों का आदान-प्रदान किया जाए। प्रतिदिन सोच को ही अपने मन की खुराक बन जाए। इसके लिए प्रतिदिन आध्यात्मिक ज्ञान, ध्यान, सकारात्मक बातों का चिंतन, अच्छेलोगों का संग पर ध्यान दिया जाए। इसलिए योग के साथ दैनिक जीवन में राजयोग का समावेश जरूरी है। ब्रह्माकुमारीज़ से राजयोग ध्यान का प्रशिक्षण लेकर आज हजारों नहीं बल्कि लाखों लोग इस बात के गवाह हैं कि कैसे राजयोग मेडिटेशन से व्यक्ति की सोच से लेकर रहन-सहन, दिनचर्या और पूरा जीवन श्रेष्ठ और दिव्य बन जाता है। व्यक्ति नकारात्मक सोच और कार्यों से पूरी तरह से मुक्त हो जाता है। उसकी समाज में ख्याति बढ़ जाती है।
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योग की तरफ रुझान ने बदली लोगों की सोच
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