शिव आमंत्रण,भिलाई 24 जून 2021: जीवन में हर घड़ी अंतिम घड़ी है जो श्रेष्ठ कर्म करना है अभी कर ले इसी महामंत्र से मातेश्वरी जी तीव्र पुरषार्थ द्वारा मात्र 18 वर्ष की उम्र में ही मानव मात्र के कल्याण हेतु अपना समूचा जीवन ब्रह्माकुमारी संस्थान में समर्पित कर सेवा की लगन, ईश्वर के प्रति समर्पण और योग तपस्या में गहन रुचि होने के कारण ब्रह्माकुमारी संगठन की प्रथम मुख्य प्रशासिका बनी।यह बातें सेक्टर 7 स्थित पीस ऑडीटोरियम में मातेश्वरी जी की 56वी पुण्यतिथि के अवसर पर भिलाई सेवाकेंद्रों की निदेशिका ब्रह्माकुमारी आशा दीदी ने यूट्यूब चैनल ब्रह्माकुमारीज भिलाई पर कही। आपने मातेश्वरी जी की शिक्षाओ को बताते हुए कहा कि मातेशवरी जी योग शक्ति से सम्पन्न निर्भय एवं दैवीय गुणों की स्वरूप थी, वे किसी को कह कर शिक्षा नही देती पर अपने दैवीय स्वरूप द्वारा उनका हर कर्म शिक्षा स्वरूप था। मातेश्वरी जी की 56 वीं पुण्यतिथि को भिलाई, दुर्ग, छत्तीसगढ़ , भारत समेत विश्व भर के सभी सेवाकेन्द्रों में उनकी शिक्षाओं को आत्मसात करने के दृढ़ संकल्प के साथ मनाया गया। संस्था के सदस्यों ने ब्रह्ममुहर्त से मौन में रह घरों में ही राजयोग का अभ्यास कर विश्व मे शांति के प्रकम्पन फैला कर मातेश्वरी जी की शिक्षाओ को आत्मसात किया।

प्रथम मुख्य प्रशासिका मातेश्वरी जी की 56 वीं पुण्यतिथि मनाई गई।
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