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जितना हो सके समाजसेवा करो, उसे साधना का रूप दो - Shiv Amantran | Brahma Kumaris
जितना हो सके समाजसेवा करो, उसे साधना का रूप दो

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छत्तीसगढ़ राज्य समाचार

कोरबा सेवाकेंद्र आयोजित परिचर्चा में व्यक्त विचार

शिव आमंत्रण, कोरबा। मानवीय मूल्यों द्वारा समाज सेवा परिचर्चा का सुंदर आयोजन छत्तीसगढ़ के कोरबा सेवाकेंद्र द्वारा आध्यात्मिक उर्जा पार्क में किया गया जिसमें महापौर राजकिशोर ने कहा, कि हम सभी को समाजसेवा साधना के रूप में लेनी चाहिए। जितना हो सके हमे समाजसेवा करनी चाहिए।
सीएसपीजीसीएल के निदेशक एस के बंजारा ने कहा, मानवीय मूल्य साथ है तो ही हम समाजसेवा कर सकते है। पाटिदार समाज के प्रतिनिधि नानजी पटेल ने कहा, ईश्वर ने हम इस धरती पर मानवीय मूल्यों के साथ कुछ अच्छे कर्म करने भेजा है। लायन्स क्लब के पूर्व गवर्नर बीके मिश्रा ने कहा, परिवार के साथ समाज की सेवा करना हमारा उत्तरदायित्व बन जाता है। समाज के लिए कुछ करने की भावना को ही मानवीय मूल्य कहा जाता है। स्वर्णकार समाज के दिनेश सोनी ने कहा, आंतरराष्ट्रीय मुख्यालय में मैने यही पाया कि वहां हर एक को सद्भाव से श्रेष्ठ कार्य करने की प्रेरणा मिलती है। सपना चौहान के साथ अन्य अतिथियों ने बताया, कि वर्तमान समय सुदृढ़ समाज के निर्माण के लिए हर एक को सही मार्ग पर चलना चाहिए और दूसरों को गलत रास्ते पर चलने से रोकना चाहिए।
आगे सेवाकेंद्र प्रभारी बीके रूक्मिणी ने कहा, मूल्यों के बिना मानव की संकल्पना सिध्द नही होती। पूजा-पाठ, जप, हवन को ही आज धर्म कहला या जा रहा है। अध्यात्मिकता से ही हम अपने आत्मिक स्वरूप को जान कर सही उन्नति कर सकते है। वरिष्ठ राजयेाग शिक्षिका बीके बिंदू ने भी अपने विचार रखे और आध्यात्मिकता का अर्थ बताया।
अंत में बड़ी संख्या में लोगों ने चैतन्य देवियों की झांकी का अवलोकन किया और 7 दिवसीय राजयोग कोर्स की जानकारी ली।

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