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श्रेष्ठ-पॉजीटिव संकल्प करेंगे तो ही श्रेष्ठ बनेंगे: बीके शिवानी दीदी - Shiv Amantran | Brahma Kumaris
श्रेष्ठ-पॉजीटिव संकल्प करेंगे तो ही श्रेष्ठ बनेंगे: बीके शिवानी दीदी

श्रेष्ठ-पॉजीटिव संकल्प करेंगे तो ही श्रेष्ठ बनेंगे: बीके शिवानी दीदी

मुख्य समाचार

– 48वीं माइंड-बॉडी-मेडिसिन नेशनल कॉन्फ्रेंस शुरू
– भारत सहित नेपाल, आस्ट्रेलिया, लंदन से पहुंचे हैं डॉक्टर
– मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी ने दीप प्रज्जवलित कर किया कॉन्फ्रेंस का उद्गाटन
– अंतरराष्ट्रीय मोटिवेशनल स्पीकर बीके शिवानी दीदी ने बताए खुशनुमा जीवन के राज

शिव आमंत्रण, आबू रोड/राजस्थान।  ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय शांतिवन परिसर में मेडिकल विंग की ओर से 48वीं माइंड-बॉडी-मेडिसिन नेशनल कॉन्फ्रेंस आयोजित की जा रही है। शुभारंभ मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी, महासचिव राजयोगी बीके निर्वैर भाई ने दीप प्रज्जवलन कर किया।

संबोधित करते हुए बीके शिवानी दीदी।  

सुबह के सत्र में अंतरराष्ट्रीय मोटिवेशनल स्पीकर बीके शिवानी दीदी ने कहा कि सभी डॉक्टर्स आज से खुद को मानकर चलें कि  मैं फरिश्ता हूं। मैं एंजिल हूं। फरिश्तों को कभी टेंशन या तनाव नहीं होता है। हम जैसा सोचते हैं, वैसा बन जाते हैं। क्योंकि संकल्प से सृष्टि बनती है। इसलिए अपनी दिनचर्या से नकारात्मक शब्दों को हटा दें। जब तक हम अच्छा बनने, श्रेष्ठ बनने के बारे में सोचेंगे नहीं, संकल्प नहीं करेंगे, अच्छा सुनेंगे-पढ़ेंगे नहीं तो फिर अच्छा कैसे बनेंगे। श्रेष्ठ-पॉजीटिव संकल्प करेंगे तो ही श्रेष्ठ बनेंगे। प्रत्येक कर्म की शुरुआत संकल्प से होती है। आपका माइंड जितना पावरफुल, स्ट्रांग और पॉजीटिव एनर्जी से भरपूर रहेगा तो आपके संपर्क में आने वाले मरीजों को भी पॉजीटिव बाइव्रेशन फील होंगे।

रोज करें ये सात संकल्प-
शिवानी दीदी ने सभी को संकल्प कराया कि आज से रोज सुबह, शाम और बीच-बीच में दिन में संकल्प करें कि मैं शांत स्वरूप आत्मा हूं, मैं ज्ञान स्वरूप आत्मा हूं, मैं प्रेम स्वरूप आत्मा हूं, मैं सुख स्वरूप आत्मा हूं, मैं शक्ति स्वरूप आत्मा हूं, मैं पवित्र स्वरूप आत्मा हूं, मैं आनंद स्वरूप आत्मा हूं… जब इन संकल्पों को रोज मन में बार-बार दोहराएंगे तो आत्मा के मूल संस्कार जागृत होने लगेंगे। आत्मा की पावर बढ़ने लगेगी। माइंड स्ट्रांग होने लगेगा।

कॉन्फ्रेंस में मंचासीन अतिथिगण।

डॉक्टर बनना भाग्य की बात-
महासचिव राजयोगी बीके निर्वैर भाई ने कहा कि दुनिया में शांति अध्यात्म से ही आएगी। मीडिया निदेशक बीके करुणा भाई ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय में ज्ञान शिक्षा के माध्यम से दिया जाता है। ईश्वर ने इस सृष्टि पर हमें भेजा है और डॉक्टर को ऐसा कहा जाता है कि वह धरती के भगवान हैं। डॉक्टर बनना भाग्य की बात है। इसलिए आप सभी की समाज के प्रति बड़ी जिम्मेदारी है। जितना आप सभी खुश, आनंद में रहेंगे तो आपके मरीज भी खुश होकर जाएंगे और जल्दी स्वस्थ होंगे।
मन को शक्तिशाली बनाने पर दें ध्यान-
ग्लोबल हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. प्रताप मिड्‌ढा ने कहा कि हम सभी शरीर को मजबूत बनाने के लिए तो एक्सरसाइज करते हैं, जिम जाते हैं लेकिन मन को शक्तिशाली बनाने पर ध्यान नहीं देते हैं। जबकि डॉक्टर्स के लिए सबसे जरूरी है कि उनका मन शक्तिशाली हो ताकि आपके संपर्क में जो मरीज आते हैं तो ‌वह आपसे शरीर की बीमारी के साथ मन के शक्तिशाली बाइव्रेशन भी लेकर जाएं।

कॉन्फ्रेंस में मौजूद देश-विदेश से आए डॉक्टर्स। 

माइंड का ज्ञान होना जरूरी-
नेपाल के हेल्थ साइंसेस हॉस्पिटल के डॉ. विकास ने कहा कि आज डॉक्टर्स के लिए शरीर के ज्ञान के साथ माइंड का ज्ञान होना बहुत जरूरी है। आंध्रप्रदेश के एचआरडी कमेटी चेयरमैन सत्यनारायण राजू ने कहा कि सभी डॉक्टर्स इस कॉन्फ्रेंस का भरपूर लाभ लें। स्वागत भाषण देते हुए विंग के कार्यकारी सचिव बीके डॉ. बनारसी भाई ने कहा कि परमात्मा शिव बाबा के घर में देश-विदेश से आई सभी डॉक्टर्स का स्वागत है। आप सभी परमात्मा के निमंत्रण पर यहां आए हैं। भगवान के घर में तीन दिन यहां ज्यादा से ज्यादा लाभ लेकर जाएं। भोपाल की डॉ. बीके प्रियंका बहन ने राजयोग मेडिटेशन की गहन अनुभूति कराई। ग्वालियर के नवजीवन हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. बृजेश सिंघल ने भी अपने विचार व्यक्त किए। संचालन बीके श्रीनिधि भाई ने किया।

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