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परमात्मा की आवाज - Shiv Amantran | Brahma Kumaris
परमात्मा की आवाज

परमात्मा की आवाज

बोध कथा

एक व्यक्ति को रास्ते में यमराज मिल गए वो व्यक्ति उन्हें पहचान नहीं सका। यमराज ने पीने के लिए पानी मांगा उस व्यक्ति ने उन्हें पानी पिलाया। पानी पीने के बाद यमराज ने बताया कि वो उसके प्राण लेने आए हैं लेकिन चूँकि तुमने मेरी प्यास बुझाई है इसलिए मैं तुम्हें अपनी किस्मत बदलने का एक मौका देता हूं। यह कहकर यमराज ने उसे एक डायरी देकर कहा तुम्हारे पास 5 मिनट का समय है। इसमें तुम जो भी लिखोगे वही होगा, लेकिन ध्यान रहे केवल 5 मिनट। उस व्यक्ति ने डायरी खोलकर देखा तो पहले पेज पर लिखा था कि उसके पड़ोसी की लाॅटरी निकलने वाली है और वह करोड़पति बनने वाला है। उसने वहां लिख दिया कि पड़ोसी की लाॅटरी न निकले। अगले पेज पर लिखा था उसका एक दोस्त चुनाव जीतकर मंत्री बनने वाला है उसने लिख दिया कि वह चुनाव हार जाए। इसी तरह वह पेज पलटता रहा और अंत में उसे अपना पेज दिखाई दिया। जैसे ही उसने कुछ लिखने के लिए अपना पैन उठाया यमराज ने उसके हाथों से डायरी ले ली और कहा वत्स! तुम्हारा 5 मिनट का समय पूरा हुआ, अब कुछ नहीं हो सकता। तुमने अपना पूरा समय दूसरों का बुरा करने में निकाल दिया और अपना जीवन खतरे में डाल दिया। अतः तुम्हारा अन्त निश्चित है। यह सुनकर वह व्यक्ति बहुत पछताया लेकिन सुनहरा समय निकल चुका था। अब उसके पास सिवाए पछतावे के अलावा कुछ नहीं था। यही स्थिति आज समाज में ज्यादातर लोगों की है। आज दुख का कारण यही है कि व्यक्ति अपने अवगुणों, बुराइयों, कमी- कमजोरियों को देखने के बजाय दूसरों के अवगुणों को देखने में ही लगा रहता है। ऐसा व्यक्ति अपने जीवन के परम लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकता है। इसलिए जितना हो सके अपना समय परमात्मा के ध्यान, परमात्म ज्ञान को जीवन में उतारने और खुद को महान, श्रेष्ठ बनाने में लगाएं। सदा अपना निरीक्षण करते हैं और कमियों को दूर करते रहें।

संदेश:: यदि ईश्वर ने आपको कोई शक्ति प्रदान की है तो कभी किसी का बुरा न सोचो न करो। दूसरों का भला करने वाला सदा सुखी रहता है और ईश्वर की कृपा सदा उस पर बनी रहती है। हम दूसरों के प्रति अच्छी सोच रखेंगे, दूसरों के कल्याण का भाव हमारे मन में होगा तो हमारा कल्याण अपने आप हो जाता है। प्रण लें आज से हम किसी का बुरा नहीं करेंगे।

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