सभी आध्यात्मिक जगत की सबसे बेहतरीन ख़बरें
ब्रेकिंग
ब्रह्माकुमारीज़ जैसा समर्पण भाव दुनिया में आ जाए तो स्वर्ग बन जाए: मुख्यमंत्री दिव्यांग बच्चों को सिखाई राजयोग मेडिटेशन की विधि आप सभी परमात्मा के घर में सेवा साथी हैं थॉट लैब से कर रहे सकारात्मक संकल्पों का सृजन नकारात्मक विचारों से मन की सुरक्षा करना बहुत जरूरी: बीके सुदेश दीदी यहां हृदय रोगियों को कहा जाता है दिलवाले आध्यात्मिक सशक्तिकरण द्वारा स्वच्छ और स्वस्थ समाज थीम पर होंगे आयोजन
मरीजों के मन का उपचार अध्यात्म से संभव – डॉ. अग्रवाल - Shiv Amantran | Brahma Kumaris
मरीजों के मन का उपचार अध्यात्म से संभव – डॉ. अग्रवाल

मरीजों के मन का उपचार अध्यात्म से संभव – डॉ. अग्रवाल

मुख्य समाचार

ज्ञान सरोवर में तीन दिवसीय राष्ट्रीय चिकित्सा सम्मेलन आरंभ

शिव आमंत्रण,माउंट आबू, 9 सितम्बर। इंडियन मेडिकल ऐसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. शरद अग्रवाल ने कहा कि चिकित्सकीय सेवाएं महान हैं लेकिन संपूर्ण स्वास्थ्य प्रदान करने के लिए चिकित्सकों को मनोविज्ञान की गहराई को समझना होगा। अधिकतर व्याधियों का जन्म कमजोर मानसिकता से होता है। इसलिए मरीजों के मन का उपचार अध्यात्म से ही संभव है। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए मेडिटेशन को जीवन का अभिन्न अंग बनाना अनिवार्य हो गया है। मेडिटेशन, मेडिसन की तरह कार्य करता है। ईश्वर से बुद्धियोग जोडऩे की प्रक्रिया को ही मेडिटेशन कहा जाता है। पॉजिटिव इनर्जी प्राप्त होती है। जिससे तन और मन दोनों में स्फूर्ति बनी रहती है। मेडिटेशन से धैर्यता, एकता, सहनशीलता, सम्मान, ईमानदारी, प्रेम, शान्ति आदि मूल्यों का आत्मसात करना सुगम हो जाता है। पेशेंट को पेशेंस देना चिकित्सकों का धर्म है। ज्ञान सरोवर में उपस्थित होने से ईश्वरीय शक्ति की महसूसता स्पष्ट रूप से अनुभव होती है। वे प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के ज्ञान सरोवर अकादमी परिसर में संगठन के चिकित्सा सेवा प्रभाग द्वारा माइंड, बॉडी, मेडिसन विषय पर आयोजित सम्मेलन के उदघाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।

संगठन की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी डॉ. निर्मला दीदी ने कहा कि मेडिटेशन के माध्यम से स्वयं को सर्वशक्तिमान परमात्मा से जोडकऱ मन को निरंतर शक्तिशाली बनाने की सरल विधि है। मन में उठने वाले विचारों को ईश्वरीय शक्ति के वायब्रेशन मिलने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है।

इंदौर से आए रिसर्च इनोवेशन स्टार्टअप युनिवर्सिटी कुलपति डॉ. विजय कुमार सालविया ने कहा कि जैसी सोच होती है उसी के अनुसार स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। निरंतर खुश रहने से अधिकतम बीमारियां अपने आप ही किनारा कर लेती हैं।
प्रभाग के अध्यक्ष, केंसर सर्जन डॉ. अशोक मेहता ने कहा कि बदलती जीवनशैली से बढ़ रही बीमारियों से बचाव के लिए दिनचर्या को सयंमित व आध्यात्मिक बनाये जाने की अहम आवश्यकता है। आत्मा और शरीर दोनों का ज्ञान होने से ही जीवन की वास्तविकता को समझा जा सकता है।

सम्मेलन में उपस्थित चिकित्सक।

अंतर्राष्ट्रीय मोटिवेशनल स्पीकर बीके शिवानी बहन ने कहा कि बढ़ती व्याध्यिों पर अंकुश लगाने को राजयोग का अभ्यास संजीबनी बूटी की तरह कार्य करता है।

शिक्षा प्रभाग अध्यक्ष बीके मृत्युजंय ने कहा कि विकटतमक परिस्थितियों में अपने कुशल व्यवहार से मरीजों में सदैव सकारात्मक व आशावादी सोच बनाये रखने वाले चिकित्सक सम्मान के पात्र हैं।

ग्लोबल अस्पताल निदेशक डॉ. प्रताप मिढ्ढा ने अस्पताल की ओर से की जा रही सेवाओं की जानकारी दी। प्रभाग के सचिव डॉ. बनारसी लाल साह ने तीन दिन तक चलने वाले सम्मेलन की विस्तारपूर्वक जानकारी दी। प्रभाग की अधिशासी सदस्या बीके मोनिका गुप्ता ने मंच का संचालन किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *