- आज विधि-विधान से पंचतत्व में विलीन होगी दादी की पार्थिव देह
- शांतिवन से माउंट आबू के लिए निकाली गई बैकुंठी यात्रा
- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने भी भेजा शोक संदेश
- देशभर से नेताओं, संत-महात्मा, महामंडलेश्वर और बॉलीवुड हस्तियों ने भेजे शोक संदेश
शिव आमंत्रण, आबू रोड (राजस्थान)। ब्रह्माकुमारीज़ की मुख्य प्रशासिका 101 वर्षीय दादी रतनमोहिनी के देहावसान का समाचार मिलते ही देश-विदेश से लोगों का पहुंचना जारी है। साथ ही देशभर से नेता, अभिनेता, संत-महात्मा और महामंडलेश्वर ने शोक संदेश भेजकर दादी के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है। बुधवार को मुख्यालय शांतिवन से माउंट आबू के लिए बैकुंठी यात्रा निकाली गई। रास्तेभर सामाजिक संगठनों और आमजन ने श्रद्धासुमन अर्पित किए। गुरुवार को सुबह 9 बजे शांतिवन के सरस्वती भवन के सामने गार्डन में अंतिम संस्कार किया जाएगा। बता दें कि दादी रतनमोहिनी ने सोमवार रात्रि 1.20 बजे अहमदाबाद के जॉइडिस अस्पताल में अंतिम सांस ली थी।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने दादी के देहावसान पर दुख जताते हुए लिखा कि दादी ने पूरे जीवन में हजारों युवा बहनों के प्रशिक्षण का महत्वपूर्ण कार्य निभाया। भारतीय संस्कृति और मूल्यों के प्रचार के लिए कई पदयात्राएं कीं। दादी को भावपूर्ण श्रद्धांजली। कॉन्फ्रेंस हॉल में पिछले दो दिन से अखंड योग-साधना का दौर जारी है।

पाकिस्तान से आए सिंधी तीर्थयात्रियों ने दी श्रद्धाजंलि
पाकिस्तान के सिंध प्रान्त से भारत भ्रमण पर आए शदाणी दरबार के 300 श्रद्धालु मुख्यालय शांतिवन पहुंचे, जहां दादी को श्रद्धाजंलि अर्पित की। साथ ही अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके मोहिनी दीदी से मुलाकात की। इस मौके पर अतिरिक्त महासचिव बीके डॉ. मृत्युंजय भाई, रायपुर शदाणी दरबार के सन्त सत्यव्रत शदाणी, इन्दौर जोन की निदेशिका बीके हेमलता दीदी, रायपुर संचालिका बीके सविता दीदी विशेष रूप से उपस्थित रहीं।

यहां से होकर गुजरी बैकुंठी यात्रा-
बैकुंठी यात्रा शांतिवन के कॉन्फ्रेंस हॉल से शुरू हुई जो शक्ति स्तंभ, तपस्या धाम होते हुए माउंट के लिए प्रस्थान कर गई। माउंट में ज्ञान सरोवर, ग्लोबल हॉस्पिटल, पांडव भवन, नक्की लेक म्यूजियम होते हुए दोपहर में आबू रोड के मनमोहिनीवन, आनंद सरोवर, प्रकाश स्तंभ और कॉन्फ्रेंस हॉल पहुंची। जहां दोपहर से लेकर रातभर श्रद्धांजली देने का सिलसिला जारी रहा।
इन्होंने भी भेजे शोक संदेश-
– तेलंगाना के राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा ने कहा कि दादी ने अपना पूरा जीवन मूल्य और आध्यात्मिकता के प्रचार-प्रसार ने लगा दिया।
– केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि दादी का जीवन आध्यात्मिक साधना, सेवा, समर्पण व नेतृत्व का अद्वितीय उदाहरण रहा है। उनकी सरलता, संयम और सेवा भावना सभी के लिए प्रेरणादायक है।
– महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि दादी का जीवन आध्यात्मिक जागृति, सेवा और प्रेम का प्रतीक रहा। उन्होंने न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में लाखों लोगों के जीवन को सकारात्मक दिशा दी।
– मप्र के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि दादी ने अपना संपूर्ण जीवन विश्व कल्याण में लगा दिया। आपके नेतृत्व में युवा प्रभाग ने अनेक कीर्तिमान रचे।
– गुजरात के बीजेपी के प्रवक्ता हिरेन कोटक ने कहा कि दादी ने ब्रह्माकुमारीज़ के वैश्विक आंदोलन को उत्कृष्ट नेतृत्व प्रदान किया।
– प्रसिद्ध एक्टर अनुपम खेर ने कहा कि 1936 से ब्रह्माकुमारीज़ के लिए सेवा में संलग्न और उनकी सबसे बड़ी प्रेरणास्रोत दादी का जीवन और सीख हमेशा प्रेरणादायक रही है और हमेशा रहेगी।
– तेलुगु अभिनेता सुमन गरु ने कहा कि दादीजी के आदर्श, योग-तपस्वी जीवन को सदा याद रखा जाएगा।